हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के आज के आर्टिकल में हम आपको आयुर्वेद औषधि कैशोर गुग्गुल के फायदे , नुकसान और सेवन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं . वायु विकार और रक्त विकार की चिकित्सा में प्रयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दवा कैशोर गुग्गुल के लाभ जानने के लिए पढ़ते रहिये .
कैशोर गुग्गुल क्या है ?
कैशोर गुग्गुल एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा मुख्यतः वातरक्त और त्वचा विकारों में प्रयोग किया जाता है . गुडुची ( गिलोय ) , त्रिफला और गुग्गुलु इस दवा के मुख्य घटक द्रव्य हैं . वात विकार , रक्त विकार , शोथ , गुल्म , व्रण आदि में प्रयोग की जाने वाली कैशोर गुग्गुलु शरीर में त्रिदोष ( वात , पित्त और कफ ) का संतुलन बनाने में सहायता करती है . यह आयुर्वेदिक स्टोर पर वटी ( टेबलेट ) के रूप में उपलब्ध होती है .
कैशोर गुग्गुल के घटक
कैशोर गुग्गुल के निर्माण में निम्नलिखित घटक द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है .
- त्रिफला ( हरड़ , बहेड़ा और आंवला ) ( यह भी पढ़ें – त्रिफला चूर्ण कब और कैसे खाना चाहिए )
- गुडुची ( गिलोय )
- गुग्गुलु ( गूगल )
- शुण्ठी ( सौंठ )
- मरिच ( काली मिर्च ) ( यह भी पढ़ें – काली मिर्च के फायदे )
- पिप्पली ( पीपल )
- वायविडंग
- दंती
- निशोथ
- घृत ( घी ) या एरण्ड स्नेह ( अरंडी का तेल )
कैशोर गुग्गुल के फायदे
गठिया , चर्म रोग , फोड़े – फुंसी , कील मुंहासे आदि रोगों की चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दवा कैशोर गुग्गुल आम का पाचन करने वाली और वात , पित्त , कफ का संतुलन बनाने वाली होती है . आइये जानते हैं कैशोर गुग्गुल के फायदे किन किन रोगों में प्राप्त होते हैं .
वातरक्त में कैशोर गुग्गुल से लाभ
वायु और रक्त विकार के कारण उत्पन्न होने वाली व्याधि वातरक्त ( गठिया ) में सभी जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाती है . कैशोर गुग्गुल वातरक्त की श्रेष्ठ औषधियों में मानी जाती है . वातरक्त रोग में दो – दो गोलियां सुबह शाम महामंजिष्ठादि क्वाथ के साथ सेवन करने से दर्द और सूजन में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय )
त्वचा रोगों में कैशोर गुग्गुल का उपयोग
कैशोर गुग्गुल में रक्त शोधक गुण होने के कारण यह चर्म रोगों में प्रभावी कार्य करती है . दाद , खाज , खुजली और अन्य त्वचा रोगों में कैशोर गुग्गुल का गुनगुने पानी अथवा खदिरादि क्वाथ के साथ सेवन करना लाभदायक होता है .
गुल्म रोग में कैशोर गुग्गुल से फायदा
गुल्म रोग को साधारण बोलचाल की भाषा में वायु का गोला उठना कहते हैं . पेट में वायु विकार के कारण उभार के साथ पेट दर्द होना गुल्म का मुख्य लक्षण है . ऐसी स्थिति में कैशोर गुग्गुलु का गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
कील मुंहासों में कैशोर गुग्गुल के फायदे
रक्त विकार ( खून की खराबी ) के कारण चेहरे पर छोटी छोटी पिडिकाएं हो जाती हैं जिन्हें सामान्य बोलचाल में कील मुंहासे ( पिम्पल्स ) कहा जाता है . आयुर्वेद में इसे मुख दूषिका और यौवन पिडिका कहा गया है . कील मुंहासे होने पर कैशोर गुग्गुलु का सेवन करने से पिम्पल्स में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – कील मुंहासे की आयुर्वेदिक दवा )
सूजन में है लाभकारी कैशोर गुग्गुल
शोथहर गुण के कारण संधियों एवं शरीर के अन्य हिस्सों में आयी सूजन में कैशोर गुग्गुलु के सेवन से लाभ होता है .
फोड़े फुंसी में कैशोर गुग्गुल से लाभ
खून की खराबी से शरीर में हुए फोड़े फुंसियों में कैशोर गुग्गुलु का सेवन लाभप्रद होता है . कैशोर गुग्गुलु में प्रयुक्त गिलोय , विडंग , त्रिफला आदि रक्तशोधक , कृमिनाशक , आमपाचक आदि गुणों के कारण रक्त विकारों में लाभकारी होते हैं .
कैशोर गुग्गुल से अग्निमांद्य में लाभ
हरीतकी , आमलकी , मरिच , सौंठ आदि की मौजूदगी के कारण कैशोर गुग्गुल के सेवन से मन्दाग्नि नष्ट होती है तथा अग्नि प्रदीप्त होकर भूख लगती है . ( यह भी पढ़ें – भूख लगने की सबसे अच्छी दवा )
प्रमेह एवं मूत्र रोगों में कैशोर गुग्गुल का उपयोग
प्रमेह एवं मूत्र सम्बन्धित विकारों में कैशोर गुग्गुल का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा किया जाता है .
कैशोर गुग्गुल के नुकसान
वात एवं रक्त विकारों की औषधि कैशोर गुग्गुल आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार ही सेवन करना चाहिए . स्वेच्छा से कैशोर गुग्गुल का प्रयोग करना नुकसानदेह भी हो सकता है . आइये जानते हैं कैशोर गुग्गुल के नुकसान क्या हैं .
- अतिसार या पेचिश होने पर कैशोर गुग्गुल का सेवन न करें अन्यथा समस्या बढ़ सकती है .
- गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कैशोर गुग्गुल के सेवन से बचना चाहिए .
- जो लोग किसी गंभीर व्याधि से पीड़ित हैं और अन्य मेडिसिन ले रहे हैं उन्हें कैशोर गुग्गुल के सेवन से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए .
- कैशोर गुग्गुल में प्रयुक्त घटक द्रव्यों से एलर्जी होने की स्थिति में कैशोर गुग्गुल का सेवन न करें .
कैशोर गुग्गुल सेवन विधि
कैशोर गुग्गुल एक आयुर्वेदिक दवा है जो आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श और दिशा निर्देशानुसार ही सेवन करना चाहिए . इसकी मात्रा और सेवन विधि का चिकित्सक के निर्देशानुसार ही पालना करनी चाहिए . सामान्यतः कैशोर गुग्गुल सेवन विधि निम्नानुसार है .
मात्रा – 1-2 गोलियां सुबह शाम ( वयस्क हेतु )
अनुपान – पानी , दूध . मंजिष्ठादि क्वाथ , खदिरादि क्वाथ , वरुणादि क्वाथ आदि ( रोगानुसार )
दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेदिक दवा कैशोर गुग्गुल के फायदे , नुकसान और सेवन विधि से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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