आयुर्वेद में सर्व रोग नाशिनी आरोग्यवर्धिनी वटी एक महत्त्वपूर्ण औषधि है . इस आर्टिकल में हम आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे और इसे लेने का तरीका बता रहे हैं . जानिये आरोग्यवर्धिनी वटी सेवन विधि क्या है ?
आरोग्यवर्धिनी वटी के घटक द्रव्य
आरोग्यवर्धिनी वटी के निर्माण में निम्नलिखित घटक द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है –
- शुद्ध पारा
- शुद्ध गंधक
- अभ्रक भस्म
- लौह भस्म
- ताम्र भस्म
- त्रिफला
- शुद्ध शिलाजीत
- शुद्ध गुग्गुलु
- चित्रक मूल
- कुटकी
- निम्ब पत्र स्वरस ( भावना )
आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे और नुकसान
आरोग्यवर्धिनी वटी को आयुर्वेद में सर्व रोग प्रशमनी कहा गया है अर्थात् यह सभी रोगों का नाश करने वाली होती है . आरोग्यवर्धिनी वटी का विशेष रोगाधिकार कुष्ठ या चर्म रोग है किन्तु यह शरीर की सातों धातुओं पर कार्य करती है . आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा आरोग्यवर्धिनी वटी का प्रयोग बहुत रोगों में किया जाता है . त्वचा के रोगों एवं पाचन सम्बंधित व्याधियों में इसका विशेषतः प्रयोग किया जाता है . आइये जानते हैं आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे और नुकसान क्या हैं ?
आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे
आचार्य नागार्जुन द्वारा निर्मित आरोग्यवर्धिनी वटी एक बहुत महत्त्वपूर्ण आयुर्वेद औषधि है . आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे निम्नलिखित रोगों और विकारों में होते हैं –
कुष्ठ एवं त्वचा रोगों में आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे
आरोग्यवर्धिनी वटी का विशेष रोगाधिकार कुष्ठ कहा गया है . यह सभी प्रकार के चर्म रोगों में फायदेमंद होती है .
वजन कम करने में आरोग्यवर्धिनी लाभदायक
आरोग्यवर्धिनी के सेवन से वजन कम करने में सहायता मिलती है और यह मोटापे को रोकती है . ( यह भी पढ़ें – नींबू से पेट की चर्बी कैसे कम करें )
लिवर एवं तिल्ली के लिए फायदेमंद
आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन लिवर और तिल्ली के विकारों में फायदेमंद होता है .
आन्त्र विकारों में आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे
आरोग्यवर्धिनी बड़ी आंत और छोटी आंत से सम्बंधित रोगों में लाभदायक होती है .
भूख बढाने के लिए आरोग्यवर्धिनी वटी का प्रयोग
आरोग्यवर्धिनी वटी में दीपन , पाचन का गुण होता है . यह पाचन सम्बंधित विकारों को दूर करती है एवं भूख को बढाती है .
कब्ज को दूर करने एवं मल शोधन में आरोग्यवर्धिनी वटी लाभदायक
आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से कब्ज दूर होती है और यह मल शोधन का कार्य भी करती है .
पीलिया रोग में आरोग्यवर्धिनी वटी का प्रयोग
आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से पांडु रोग ( पीलिया ) में लाभ होता है .
रक्तविकार में आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे
शरीर में खून की खराबी से होने वाली समस्याओं जैसे खुजली , दाद , कील – मुंहासों आदि में आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से लाभ होता है . ( पढ़ें – पिम्पल्स को जड़ से खत्म कैसे करें )
मूत्र विकारों में आरोग्यवर्धिनी वटी फायदेमंद
मूत्र सम्बंधित समस्याओं जैसे पेशाब में रुकावट , मूत्र मार्ग में सूजन आदि में आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन लाभदायक होता है . ( यह भी पढ़ें – पुरुषों में प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है )
हिचकी में आरोग्यवर्धिनी वटी का प्रयोग
आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से हिचकी में फायदा होता है .
आरोग्यवर्धिनी वटी के नुकसान
वैसे तो आरोग्यवर्धिनी का अर्थ होता है स्वास्थ्य को बढाने वाली और आरोग्यवर्धिनी निश्चित रूप से आरोग्य को बढाने वाली होती है किन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में यह नुकसान दायक हो सकती है . इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह इसका सेवन नहीं करना चाहिए . आइये जानते हैं आरोग्यवर्धिनी वटी कैसे नुकसान दायक हो सकती है और किन लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
- गर्भवती महिलाओं को आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन नहीं करना चाहिए .
- किडनी के रोगियों को आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन की सलाह नहीं दी जा सकती क्योंकि आरोग्यवर्धिनी वटी में रस और भस्मों का प्रयोग किया गया है .
- बहुत दुबले पतले कृश लोगों को आरोग्यवर्धिनी का सेवन नहीं करना चाहिए , आरोग्यवर्धिनी वटी लेखन कार्य करती है और कृशता को अधिक बढ़ा सकती है .
आरोग्यवर्धिनी वटी सेवन विधि
आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन चिकित्सक की सलाह और दिशा निर्देशानुसार ही करना चाहिए . आरोग्यवर्धिनी वटी का प्रयोग चिकित्सकों द्वारा विभिन्न रोगों में कराया जाता है . रोग और रोगी की अवस्था के अनुसार इसकी मात्रा और अनुपान भिन्न हो सकता है . सामान्यतः आरोग्यवर्धिनी वटी सेवन विधि निम्नानुसार है –
मात्रा – 250 mg से 500 mg ( 1 से दो टेबलेट ) सुबह – शाम दिन में दो बार
अनुपान – गुनगुना पानी , शहद , दूध .
सेवन विधि – चूस कर , पानी या दूध से निगल कर , पीस कर शहद में मिला कर चाटना
नोट – आरोग्यवर्धिनी वटी में रस , भस्मों का प्रयोग किया गया है अतः लम्बे समय तक न लें एवं बिना चिकित्सक के परामर्श व निर्देश के इसका सेवन स्वेच्छा से न करें .
FAQ
प्रश्न – क्या आरोग्यवर्धिनी वटी गर्भावस्था के लिए सुरक्षित है ?
उत्तर – आरोग्यवर्धिनी वटी में रस , भस्मों का मिश्रण है तथा इसमें कुटकी की मात्रा भी अधिक होती है इसलिए इसे गर्भवती के लिए सुरक्षित नहीं माना जा सकता . गर्भावस्था में इसके सेवन से बचना चाहिए .
प्रश्न – क्या आरोग्य वटी स्वास्थ्य के लिए अच्छी है ?
उत्तर – आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन विभिन्न त्वचा रोगों को मिटाने वाला , लिवर के विकारों को मिटाने वाला , पाचन तंत्र को सुधारने वाला एवं मल का शोधन करने वाला होता है .
प्रश्न – आरोग्यवर्धिनी वटी का उपयोग कैसे करें ?
उत्तर – आरोग्यवर्धिनी वटी की 1 से 2 गोलियां सुबह शाम पानी या शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती है .
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