अमृत के समान गुणों वाली दिव्य औषधि अमृता या गिलोय अनेक रोगों के उपचार में उपयोग की जाती है . इसी गिलोय से बनी गिलोय घनवटी के फायदे और नुकसान आज हम आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं .
गिलोय क्या है ?
गिलोय लता ( बेल ) के रूप में में पायी जाती है . इसके पत्ते हृदयाकार होते हैं . यह वृक्ष आदि का सहारा लेकर चढ़ती है . यह जिस वृक्ष का सहारा लेती है उसके गुण भी इसमें समाहित हो जाते हैं . इसलिए नीम पर चढी गिलोय को श्रेष्ठ माना जाता है . इसके फल छोटे छोटे मटर के आकार के होते हैं और गुच्छों में लगते हैं .
गिलोय के अन्य नाम अमृता . गुडुची , अमृत वल्ली , चक्रांगी आदि हैं . मराठी में इसे गुलबेल , गुजराती में गलो और बंगाली में गुलच कहते हैं . इसका लेटिन नाम Tinospora cordifolia है . इसका स्वाद कड़वा होता है और यह बहु वर्षायु ( बहुत वर्षों तक रहने वाली ) होती है .
गिलोय घनवटी के फायदे और नुकसान
गिलोयअमृत तुल्य गुणकारी एवं रसायन होने के कारण ही अमृता भी कहलाती है . गिलोय का विभिन्न रोगों के उपचार हेतु आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा प्रयोग किया जाता है . आयुर्वेद औषधियों में गिलोय सत्व , अमृता गुग्गुलु . गिलोय घनवटी ( संशमनी वटी ) , कैशोर गुग्गुलु , अमृतारिष्ट , गुडुची रसायन आदि गिलोय के प्रमुख योग हैं . आइये जानते हैं गिलोय से निर्मित गिलोय घनवटी के फायदे और नुकसान क्या हैं .
गिलोय घनवटी के फायदे
गिलोय घनवटी के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं .
ज्वर ( बुखार ) में गिलोय घनवटी से लाभ
विभिन्न प्रकार के ज्वरों में गिलोय घनवटी का सेवन करने से अत्यंत लाभ होता है . गिलोय घनवटी नूतन ज्वर , जीर्ण ज्वर , मलेरिया , डेंगू , टायफायड आदि सभी प्रकारों के ज्वरों में प्रभावी ढंग से कार्य करती है .
डायबिटीज में गिलोय घनवटी से फायदा
डायबिटीज के रोगियों को गिलोय घनवटी का सेवन कराने से ब्लड में शर्करा का स्तर कम होता है तथा संक्रमण से बचाव होता है .
गिलोय से कैंसर के रोगी को लाभ
गेहूं के ज्वारे का रस ( Wheat Grass Juice ) और गिलोय का रस का सेवन कराने से कैंसर के रोगी को लाभ होता है .
गिलोय घनवटी से गठिया में लाभ
गिलोय घनवटी के सेवन से गठिया के रोगी की सूजन और दर्द में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय )
गिलोय घनवटी का खांसी में प्रयोग
गिलोय घनवटी को पीस कर शहद के साथ चटाने से खांसी में लाभ होता है .
उदर रोगों में गिलोय घनवटी के लाभ
गिलोय का प्रयोग उदर विकारों में भी फायदेमंद होता है . गिलोय के उपयोग से विबंध . आँतों की सूजन और अग्निमांद्य में लाभ होता है .
चर्म रोगों में गिलोय घनवटी के फायदे
गिलोय रक्त शोधक होने से गिलोय घनवटी के प्रयोग से कील मुंहासे , फोड़े फुंसी , चेहरे पर झाइयां आदि में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पिम्पल्स को जड़ से खत्म कैसे करें )
मोटापा घटाने में सहायक
गिलोय एवं त्रिफला चूर्ण का शहद के साथ प्रयोग करने से मोटापा कम करने में सहायता मिलती है . ( यह भी पढ़ें – त्रिफला चूर्ण के फायदे )
पीलिया में गिलोय घनवटी के फायदे
पीलिया के रोगी को गिलोय घनवटी के सेवन से लाभ होता है .
ल्यूकोरिया में गिलोय का प्रयोग
गिलोय एवं शतावरी का सेवन करने से महिलाओं को श्वेत प्रदर ( ल्यूकोरिया ) में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे )
गिलोय घनवटी इम्युनिटी बढाने में मददगार
गिलोय घनवटी के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता ( इम्युनिटी ) में वृद्धि होती है और संक्रमण का ख़तरा कम होता है .
गिलोय घनवटी से जुकाम में लाभ
गिलोय घनवटी को गुनगुने पानी से अथवा पीस कर शहद के साथ चटाने से जुकाम में लाभ होता है . बार बार जुकाम होने वाले रोगियों को गिलोय के सेवन से राहत मिलती है .
गिलोय घनवटी से मिर्गी में लाभ
पुनर्नवा के क्वाथ के साथ गिलोय घनवटी का सेवन कराने से मिर्गी के रोगी को लाभ होता है .
गिलोय घनवटी के नुकसान
अमृत के समान गुणों वाली गिलोय का अति मात्रा में अथवा बिना चिकित्सक के मार्गदर्शन सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है . इसलिए गिलोय घनवटी के सेवन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें . आइये जानते हैं गिलोय घनवटी के नुकसान क्या और किन लोगों को हो सकते हैं ?
- गिलोय के अधिक सेवन से वमन ( उल्टी ) की शिकायत हो सकती है .
- गर्भावस्था में गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए .
- गंभीर व्याधि से ग्रस्त रोगी जो अन्य दवाएं ले रहे हों उन्हें गिलोय घनवटी के सेवन से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए .
- जिन लोगों को गिलोय से एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
गिलोय घनवटी सेवन विधि
मात्रा – 1-2 टेबलेट गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद .
दोस्तों , आज के लेख में हमने गिलोय घनवटी के फायदे और नुकसान से सम्बंधित जानकारी शेयर की . आशा है आपको जानकारी पसंद आयी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ फिर हाजिर होंगे .
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