हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में आज हम मूत्र और वीर्य विकारों की आयुर्वेद औषधि गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर कर रहे हैं . आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी .
गोक्षुरादि गुग्गुल क्या है ?
गोक्षुरादि गुग्गुल एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा मूत्र रोगों , वीर्य विकारों , सूजन , दर्द आदि के उपचार हेतु उपयोग में लिया जाता है . गोखरु और गूगल इसके मुख्य घटक द्रव्य होते हैं तथा यह आयुर्वेदिक स्टोर पर वटी ( गोली ) के रूप में उपलब्ध होती है .
गोक्षुरादि गुग्गुल के घटक
गोक्षुरादि गुग्गुलु के निर्माण में मुख्यतः निम्नलिखित घटक द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है .
- गोखरु
- गूगल
- काली मिर्च
- सौंठ
- पिप्पली
- हरड
- बहेड़ा
- आंवला
- नागरमोथा
- घी या एरण्ड तेल
गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे नुकसान
गोक्षुरादि गुग्गुल को मुख्यतः मूत्र विकार एवं शुक्र दोष की चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है . मूत्र रोग एवं वीर्य विकार के अतिरिक्त भी गोक्षुरादि गुग्गुल की विभिन्न रोगों में चिकित्सकीय उपयोगिता है . आइये जानते हैं गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे नुकसान क्या हैं .
गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे
मूत्रावरोध ( पेशाब की रुकावट ) , पथरी आदि में प्रयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे निम्नानुसार हैं .
पथरी में गोक्षुरादि गुग्गुल के लाभ
गुर्दे की पथरी होने पर गोक्षुरादि गुग्गुल मूत्रल गुण के कारण मूत्र प्रवाह बढ़ा कर पथरी को बाहर निकलने में मदद करती है जिससे पथरी के रोगी को लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज )
प्रोस्टेट में गोक्षुरादि गुग्गुल का उपयोग
प्रोस्टेट बढ़ने पर रोगी को पेशाब की रुकावट होती है और पेशाब बहुत कम होता है जिससे मरीज को बार बार मूत्र त्याग के लिए जाना पड़ता है . ऐसे स्थिति में गोक्षुरादि गुग्गुल की 1-2 गोली सुबह शाम सेवन करने से रोगी को लाभ होता है और खुल कर पेशाब आता है . ( यह भी पढ़ें – प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है )
धातु दोष में गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे
पेशाब के साथ धातु जाने वाले मरीजों को गोक्षुरादि गुग्गुल और चन्द्रप्रभा वटी के सेवन से लाभ होता है .
मूत्रावरोध में गोक्षुरादि गुग्गुल से लाभ
किसी भी कारण से पेशाब में रुकावट होने पर गोक्षुरादि गुग्गुल की 1-2 गोली पानी के साथ सेवन करने से मूत्रावरोध नष्ट होता है तथा रोगी को खुल कर पेशाब आता है .
सूजन में गोक्षुरादि गुग्गुल के लाभ
शरीर में कहीं सूजन होने पर गोक्षुरादि गुग्गुल और पुनर्नवा मंडूर का प्रयोग करने से सूजन में कमी होती है तथा रोगी को लाभ होता है .
गठिया में गोक्षुरादि गुग्गुल का उपयोग
गठिया ( वातरक्त ) के रोगी को गोक्षुरादि गुग्गुल का सेवन कराने से इसके मूत्रल होने के कारण यूरिक एसिड बाहर निकलता है तथा दर्द एवं सूजन से राहत मिलती है . ( यह भी पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय )
गोक्षुरादि गुग्गुल से पेशाब की जलन में फायदा
मूत्र दाह ( पेशाब में जलन ) होने पर गोक्षुरादि गुग्गुल की 2 गोली पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है और जलन में कमी होती है .
शुक्र दोष या वीर्य विकार में गोक्षुरादि गुग्गुल फायदेमंद
वीर्य की कमी , वीर्य में पतलापन . शुक्रमेह आदि रोगों में गोक्षुरादि गुग्गुल की 1-2 गोली दूध और मिश्री के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
किडनी रोग में गोक्षुरादि गुग्गुल लाभकारी
गोखरु किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है इसलिए गोक्षुरादि गुग्गुल का सेवन किडनी के कार्य सम्पादन में सुधार कर किडनी के रोगियों के लिए लाभप्रद होता है .
गोक्षुरादि गुग्गुल का प्रदर में प्रयोग
श्वेत प्रदर ( ल्यूकोरिया ) से पीड़ित महिलाओं को गोक्षुरादि गुग्गुल के सेवन से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – ल्यूकोरिया की आयुर्वेदिक दवा )
गोक्षुरादि गुग्गुल के नुकसान
गोक्षुरादि गुग्गुल के सामान्यतः कोई दुष्प्रभाव नहीं होते किन्तु यह एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा सुझाई गयी मात्रा और निर्देशानुसार ही इसका प्रयोग करना चाहिए . स्वेच्छा से अनुचित मात्रा में सेवन करने तथा व्यक्ति विशेष को गोक्षुरादि गुग्गुल के नुकसान निम्नानुसार हो सकते हैं .
- गोक्षुरादि गुग्गुल के अधिक सेवन से पेट में जलन की समस्या हो सकती है .
- जिन लोगों को गोक्षुरादि गुग्गुल में प्रयुक्त घटक द्रव्यों से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए .
- गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए .
- गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति जो अन्य दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें गोक्षुरादि गुग्गुल के प्रयोग से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए .
गोक्षुरादि गुग्गुल कैसे लें ?
गोक्षुरादि गुग्गुल एक आयुर्वेदिक दवा है जो हमेशा आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार ही प्रयोग करनी चाहिए . सामान्यतः गोक्षुरादि गुग्गुलु सेवन विधि निम्नानुसार है .
मात्रा – 1-2 गोली
अनुपान – पानी , दूध , क्वाथ ( रोगानुसार )
FAQ
प्रश्न – गोक्षुरादि गुग्गुल के किडनी में क्या फायदे हैं ?
उत्तर – गोखरु किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है तथा किडनी के कार्य सम्पादन को बेहतर बनाता है .
प्रश्न – क्या मैं चंद्रप्रभा वटी और गोक्षुरादि गुग्गुल को एक साथ ले सकता हूँ ?
उत्तर – चंद्रप्रभा वटी और गोक्षुरादि गुग्गुलु दोनों आयुर्वेदिक दवाओं का एक साथ सेवन किया जा सकता है .
प्रश्न – क्या गोक्षुरादि गुग्गुलु के कोई दुष्प्रभाव हैं ?
उत्तर – सामान्यतः गोक्षुरादि गुग्गुलु के दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते किन्तु अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट या सीने में जलन , मरोड़ आदि उदर विकार हो सकते हैं .
दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेदिक औषधि गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे नुकसान से सम्बन्धित जानकारी साझा की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
अन्य पढ़ें –