हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आज हम आयुर्वेदिक दवा त्रयोदशांग गुग्गुल सेवन विधि , फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर कर रहे हैं . वात विकारों की आयुर्वेद औषधि त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे जानने के लिए हमारे साथ बने रहिये .
त्रयोदशांग गुग्गुल क्या है ?
त्रयोदशांग गुग्गुल एक आयुर्वेदिक दवा है जो लकवा , जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन , कमर दर्द , गर्दन दर्द आदि वात व्याधियों में उपयोग की जाती है .
त्रयोदशांग गुग्गुल के घटक
वात विकारों की आयुर्वेदिक दवा त्रयोदशांग गुग्गुलु के निर्माण में निम्नलिखित घटक द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है .
- अश्वगंधा ( यह भी पढ़ें – अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए )
- बबूल
- शतावरी ( यह भी पढ़ें – शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए )
- गोखरू
- हाउबेर
- अजवायन ( यह भी पढ़ें – अजवाइन का पानी पीने के फायदे )
- सौंठ
- सौंफ
- कर्चूर
- विधारा
- गिलोय
- रास्ना
- गुग्गुल
- घी
त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे
त्रयोदशांग गुग्गुल पक्षाघात , अर्दित , गृध्रसी , शोथ , कटि शूल आदि वात रोगों की श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है . आइये जानते हैं आयुर्वेदिक दवा त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे किन किन रोगों में प्राप्त होते हैं .
लकवा में त्रयोदशांग गुग्गुल से लाभ
अर्दित और पक्षाघात ( फेशियल पैरालायसिस व पैरालायसिस ) के रोगी द्वारा त्रयोदशांग गुग्गुल महा रास्नादि क्वाथ के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
सायटिका में त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे
सायटिका ( गृध्रसी या रींगण बाय ) में त्रयोदशांग गुग्गुल को दशमूल क्वाथ के साथ सेवन करने से रोगी को फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – सायटिका का आयुर्वेदिक उपचार )
गठिया में त्रयोदशांग गुग्गुल का प्रयोग
गठिया या जोड़ों के दर्द में त्रयोदशांग गुग्गुल का सौंठ के पानी या गुनगुने पानी के साथ सेवन करना लाभदायक होता है . ( यह भी पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय )
कमर दर्द में त्रयोदशांग गुग्गुल के लाभ
कटि शूल ( कमर दर्द ) होने पर त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन करने से रोगी को दर्द में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – महिलाओं में कमर दर्द के कारण )
त्रयोदशांग गुग्गुल से पृष्ठ शूल एवं पार्श्व शूल में लाभ
पीठ के दर्द , बगल में दर्द आदि में त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन करने से दर्द में फायदा होता है .
मांसपेशियों में ऐंठन में त्रयोदशांग गुग्गुल का उपयोग
मांसपेशियों में ऐंठन या आम बोलचाल की भाषा में बांयटे आने पर त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन करने से लाभ होता है .
गर्दन दर्द एवं कंधे के दर्द में त्रयोदशांग गुग्गुल से लाभ
गर्दन में अथवा कन्धों में दर्द होने पर त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन करना रोगी के लिए लाभप्रद होता है .
मोच आने पर त्रयोदशांग गुग्गुल का प्रयोग
मोच आने पर त्रयोदशांग गुग्गुल को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
त्रयोदशांग गुग्गुल के नुकसान
त्रयोदशांग गुग्गुल के सामान्यतः दुष्प्रभाव नहीं होते किन्तु यह एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श एवं निर्देशानुसार ही इसका सेवन करना चाहिए . बिना चिकित्सकीय सलाह स्वेच्छा से त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन हानिकर हो सकता है . आइये जानते हैं त्रयोदशांग गुग्गुल के नुकसान क्या क्या हो सकते हैं .
- त्रयोदशांग गुग्गुल का अधिक सेवन करने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है .
- पित्त प्रकृति वालों को त्रयोदशांग गुग्गुल के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए .
- गर्भवती महिलाओं को त्रयोदशांग गुग्गुल के सेवन से बचना चाहिए अन्यथा हानि की संभावना है .
त्रयोदशांग गुग्गुल सेवन विधि
त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन हमेशा आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देशानुसार ही करना चाहिए . सामान्यतः आयुर्वेदिक दवा त्रयोदशांग गुग्गुल सेवन विधि निम्नानुसार है .
मात्रा – 1-2 गोली ( 250- 500 mg ) .
अनुपान – गुनगुना पानी , क्वाथ , यूष आदि ( रोगानुसार ) .
FAQ
प्रश्न – त्रयोदशांग गुग्गुल के क्या क्या फायदे हैं ?
उत्तर – त्रयोदशांग गुग्गुल का आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा पक्षाघात , संधि शूल , कटि शूल , पृष्ठ शूल , गृध्रसी , आमवात आदि वात व्याधियों के उपचार हेतु प्रयोग किया जाता है .
प्रश्न – क्या गुग्गुल एक दर्द निवारक दवा है ?
उत्तर – गुग्गुलु एक आयुर्वेद औषधि है जो दर्द निवारण हेतु प्रयोग किया जाता है और आयुर्वेदिक स्टोर पर महा योगराज गुग्गुलु , सिंहनाद गुग्गुलु , त्रयोदशांग गुग्गुलु आदि दवाइयां आती हैं जो गुग्गुल के सम्मिश्रण से तैयार होती हैं .
दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेदिक दवा त्रयोदशांग गुग्गुल सेवन विधि तथा त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी साझा की . आशा यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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