हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के आज के आर्टिकल में हम आयुर्वेदिक काढ़ा दशमूल क्वाथ के फायदे और सेवन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं . आयुर्वेदिक क्वाथ में सबसे अधिक जाना पहचाना नाम है दशमूल का काढ़ा . दशमूल क्वाथ के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये .
दशमूल क्वाथ क्या है ?
दशमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक दवा है जो वात विकारों की चिकित्सा एवं स्त्रियों की माहवारी से सम्बंधित समस्याओं के उपचार हेतु प्रयोग किया जाता है . गाँवों में प्राचीन काल से ही महिलाओं को प्रसव के बाद दशमूल का काढ़ा पिलाने का रिवाज रहा है . दशमूल क्वाथ में दस प्रकार की जड़ी बूटियों की जड़ का समावेश होता है . इन दस प्रकार की जड़ों को सुखा कर समान मात्रा में लेकर दशमूल क्वाथ चूर्ण बनाया जाता है .
दशमूल क्वाथ आयुर्वेदिक स्टोर पर दो प्रकार से उपलब्ध होता है
- दशमूल क्वाथ चूर्ण
- दशमूल क्वाथ ( तरल )
दशमूल क्वाथ के घटक द्रव्य
दशमूल क्वाथ में निम्नलिखित दस प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों ( जड़ी बूटियों ) के मूल ( जड़ ) को संग्रहित किया जाता है .
- बिल्व
- अग्निमंथ
- श्योनाक
- गम्भारी
- पाटला
- वृहती
- कंटकारी
- शालपर्णी
- पृश्नपर्णी
- गोक्षुर
दशमूल क्वाथ बनाने की विधि
दशमूल क्वाथ बाजार में तैयार तरल अवस्था में सिरप के रूप में भी उपलब्ध होता है तथा चूर्ण के रूप में भी मिलता है . घर पर दशमूल क्वाथ बनाने के लिए दशमूल क्वाथ चूर्ण 5 ग्राम लेकर लगभग 200 मिली . पानी में उबालें . जब चतुर्थांश ( एक चौथाई भाग ) शेष रहे ( 50 ml ) तब आंच से उतार कर छान कर कुछ ठंडा कर प्रयोग करें .
दशमूल क्वाथ के फायदे
दशमूल क्वाथ का प्रसवोपरांत महिलाओं में प्रयोग पुराने समय से चला आ रहा है . गाँवों की बड़ी बुजुर्ग महिलाएं इसके गुणों से परिचित हैं और प्रसव के बाद महिलाओं को इसके सेवन की सलाह भी देती हैं . दशमूल क्वाथ का यह एक आम प्रयोग है लेकिन दशमूल क्वाथ के कई रोगों में चिकित्सकीय उपयोग बताये गये हैं . आइये जानते हैं आयुर्वेद अनुसार दशमूल क्वाथ के फायदे क्या क्या हैं .
प्रसव के बाद दशमूल क्वाथ के लाभ
महिलाओं में डिलीवरी ( प्रसव ) के बाद दशमूल क्वाथ का सेवन करने से वायु विकारों से बचाव होता है तथा कमजोरी दूर होती है .
दशमूल क्वाथ से गठिया में लाभ
गठिया या जोड़ों के दर्द में योगराज गुग्गुलु को दशमूल क्वाथ के साथ सेवन करने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय )
दशमूल क्वाथ से सूजन में फायदा
दशमूल क्वाथ अपने शोथ हर गुण के कारण शरीर में होने वाली सूजन को कम करता है .
पीरियड्स में दशमूल क्वाथ के फायदे
कष्टार्तव ( पीरियड्स के समय दर्द ) की समस्या होने पर दशमूल क्वाथ का सेवन करने से पीड़ा में कमी होती है तथा पीरियड्स खुल कर आते हैं . ( यह भी पढ़ें – पीरियड्स में दर्द कैसे कम करें )
लकवा में दशमूल क्वाथ का प्रयोग
पक्षाघात ( लकवा ) होने पर सिंहनाद गुग्गुलु या त्रयोदशांग गुग्गुलु का दशमूल क्वाथ के साथ सेवन करना लाभप्रद होता है .
माइग्रेन में दशमूल क्वाथ का उपयोग
दशमूल क्वाथ में घी और सैन्धव लवण ( सैंधा नमक ) मिला कर सूंघने से शिरः शूल ( सिर दर्द ) और अर्धावभेदक ( आधा सीसी या माइग्रेन ) में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – माइग्रेन के लक्षण और उपाय )
दशमूल क्वाथ से बुखार में लाभ
दशमूल क्वाथ का सेवन सभी प्रकार के बुखार में विशेषतः वात कफज ज्वर में लाभदायक होता है .
पेट दर्द में दशमूल क्वाथ का प्रयोग
वायु विकार के कारण होने वाले उदर शूल ( पेट दर्द ) में दशमूल क्वाथ का सेवन करने से रोगी को लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपाय )
दशमूल क्वाथ सेवन विधि
दशमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श और दिशा निर्देशानुसार ही सेवन करना चाहिए . किसी भी आयुर्वेदिक दवा की मात्रा रोग और रोगी की स्थिति के अनुसार निर्धारित की जाती है अतः आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा अनुसार प्रयोग करना चाहिए . सामान्यतः एक चम्मच दशमूल क्वाथ चूर्ण को एक गिलास पानी में उबाल कर चौथाई भाग शेष रहने पर छान कर प्रयोग किया जाता है . तरल दशमूल क्वाथ को 20-30 ml बराबर पानी के साथ लिया जाता है .
दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेदिक दवा दशमूल क्वाथ के फायदे से सम्बंधित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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