आयुर्वेद में धतूरे को उपविष की श्रेणी में रखा गया है . आम तौर पर भी धतूरे को एक जहरीला पौधा माना जाता है किन्तु क्या आप जानते हैं धतूरा किस काम आता है और इसके औषधीय उपयोग क्या क्या हैं ? इस आर्टिकल में आज हम धतूरे से सम्बंधित यह सब जानकारी शेयर कर रहे हैं , आशा है यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा .
आयुर्वेद अनुसार धतूरा
आयुर्वेद ग्रंथों में धतूरा , आक , मंदार , अफीम , कनेर आदि वनस्पतियों को उपविष माना गया है . आयुर्वेद में धतूरे का आन्तरिक और बाह्य प्रयोग द्वारा चिकित्सकीय उपयोग बताया गया है . धतूरे के बीज और जड़ से बने लेप का बाह्य और धतूरे से बनी गोली और चूर्ण का अन्य औषधियों के साथ आन्तरिक प्रयोग किया जाता है . धतूरे के विभिन्न भागों का अनेक रोगों के उपचार में औषधीय उपयोग किया जाता है .
धतूरा किस काम आता है ? ( धतूरे के फायदे )
आयुर्वेद में धतूरे का औषधि के रूप में अस्थमा , अतिसार , खांसी , मधुमेह , नपुंसकता आदि के उपचार में किया जाता है . धतूरे के फल , पत्तियाँ , जड़ आदि का औषधि के रूप में आभ्यंतर और बाह्य प्रयोग द्वारा उपयोग किया जाता है . धतूरे के विभिन्न भागों के औषधीय उपयोग निम्नानुसार हैं .
धतूरा के पत्ते का उपयोग
आयुर्वेद में धतूरे की पत्तियों के विभिन्न रोगों में औषधीय उपयोग बताये गये हैं . औषधि के रूप में धतूरा के पत्ते का उपयोग निम्नानुसार है .
जोड़ों के दर्द में धतूरे की पत्तियों का प्रयोग
गठिया या जोड़ों का दर्द होने पर धतूरे की पत्तियों के रस को सरसों के तेल में अच्छी तरह पकाएं . जब पानी पूरी तरह से जल जाए और सिर्फ तेल शेष रहे तब उसे छान कर रख लें . इस तेल की प्रभावित स्थान पर मालिश करने से दर्द में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा )
बुखार में धतूरे से लाभ
बुखार में धतूरे की कोंपल को गुड़ के साथ गोली बना कर सेवन करने से रोगी को बुखार में आराम मिलता है .
अस्थमा में धतूरे के पत्ते से लाभ
दमा और श्वास की बीमारी में आयुर्वेद में धतूरे के पत्तों का धूम्रपान करने के बारे में बताया गया है . धतूरे के पत्तों का धूम्रपान करने से कफ बाहर निकल जाता है और रोगी को आराम होता है . ( यह भी पढ़ें – दमा की आयुर्वेदिक दवा )
फोड़े में धतूरे के पत्ते का उपयोग
फोड़ा होने पर धतूरे के पत्ते को आग पर सेक कर फोड़े पर लगाने से फोड़ा बैठ जाता है या पक कर मवाद निकल जाती है .
बालों में जुएँ होने पर धतूरे की पत्तियों का प्रयोग
धतूरे की पत्तियों का रस तेल में पका कर लगाने से बालों की जुएँ मर जाती हैं .
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए धतूरे की पत्तियों से लाभ
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तन में पीड़ा होने पर धतूरे के पत्ते और हल्दी को पीस कर गर्म कर लेप करने से लाभ होता है .
धतूरे का फल के चिकित्सकीय उपयोग
आयुर्वेद ग्रंथों में धतूरे के फल के विभिन्न चिकित्सकीय उपयोग बताये गये हैं . आइये जानते हैं धतूरे का फल के औषधीय उपयोग क्या क्या हैं .
धतूरे के फल के नपुंसकता में लाभ
धतूरे के कच्चे फल के बीज से बनी दवा का नपुंसकता दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है . धतूरे के बीज का अन्य आयुर्वेदिक दवाओं के साथ सेवन शक्तिवर्धक और नपुंसकता को दूर करने वाला होता है .
डायबिटीज में धतूरे के फल के लाभ
डायबिटीज के रोगियों के लिए धतूरे के बीज की विशेष उपयोगिता बतायी गयी है . धतूरे के बीज का शिलाजीत आदि अन्य दवाओं के साथ सेवन मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक होता है . ( यह भी पढ़ें – डायबिटीज के लक्षण और उपाय )
उदर विकारों में धतूरे के फल का प्रयोग
उदर शूल , अम्लपित्त आदि उदर विकारों में धतूरे के बीज से बनी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करना लाभप्रद होता है .
वात व्याधि में धतूरे के फल से लाभ
वायु के प्रकोप से होने वाले वात विकारों जोड़ों के दर्द , कम्पन आदि में धतूरे के बीज से बनी आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग करने से रोगी को लाभ होता है .
धतूरा तेल के फायदे
धतूरे की पत्तियों के रस को तेल में मिला कर धतूरे का तेल बनाया जाता है . इस तेल का गठिया , जोड़ों के दर्द आदि में मालिश के रूप में प्रयोग किया जाता है . धतूरे के तेल की मालिश से पीड़ा का शमन होता है और रोगी को राहत मिलती है .
धतूरे का तेल बनाने की विधि
धतूरे का तेल बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनायी जाती है .
- धतूरे का तेल बनाने के लिए 1 किलोग्राम धतूरे की पत्तियों का ताजा रस लें .
- इस रस को आधा लीटर सरसों के तेल में मिलाएं .
- धतूरे की पत्तियों के रस और सरसों के तेल को अच्छी तरह से आंच पर पकाएं .
- जब सारा पानी जल जाए और सिर्फ तेल बचा रह जाए तब आंच से उतार लें .
- इस तेल को अच्छी तरह से छान कर किसी बर्तन में रख लें .
FAQ
प्रश्न – धतूरा का उपयोग कैसे करें ?
उत्तर – धतूरा एक जहरीली वनस्पति है . आयुर्वेद में इसे उपविष माना गया है इसलिए धतूरे का प्रयोग हमेशा विशेषज्ञ की सलाह और दिशा निर्देश अनुसार धतूरे को शुद्ध करने के बाद ही करना चाहिए .
प्रश्न – धतूरे का बीज खाने से क्या फायदा होता है ?
उत्तर – धतूरे के बीज से बनी आयुर्वेदिक दवाओं का वीर्य बढाने , नपुंसकता दूर करने आदि में प्रयोग किया जाता है . धतूरे का बीज विषैला , अति उत्तेजक और कामोत्तेजक होता है इसलिए इसका अधिक सेवन पागलपन तक की स्थिति पैदा कर सकता है इसलिए आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श और निर्देशानुसार इसे शोधित करने के बाद ही प्रयोग करना चाहिए .
प्रश्न – धतूरा का कौनसा भाग जहरीला होता है ?
उत्तर – धतूरे के सभी भागों में विषैला प्रभाव होता है . आयुर्वेद में इसे उपविष माना गया है .
प्रश्न – धतूरा के 5 उपयोग क्या हैं ?
उत्तर – धतूरा के आयुर्वेद में आभ्यंतर और बाह्य प्रयोग द्वारा अनेक औषधीय उपयोग बताये गये हैं . अस्थमा , खांसी . डायबिटीज , अतिसार , नपुंसकता आदि में में धतूरे से बनी औषधि का आभ्यंतर प्रयोग तथा गठिया , फोड़ा आदि में धतूरे का तेल , लेप आदि का बाह्य प्रयोग किया जाता है .
दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने जहरीली वनस्पति धतूरा किस काम आता है और इसके औषधीय उपयोग क्या हैं ? यह सब जानकारी साझा की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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