नाग या सीसा एक उपयोगी धातु है जिसका आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है . इस आर्टिकल में इसी उपयोगी धातु से निर्मित नाग भस्म के फायदे और नुकसान से सम्बंधित जानकारी बताने जा रहे हैं . आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी .
नाग भस्म क्या है ?
नाग भस्म एक आयुर्वेदिक औषधि है जो नाग ( सीसा ) धातु जिसे अंग्रेजी में लेड कहा जाता है से निर्मित होती है . इस सीसे को शुद्ध करके भस्म बनायी जाती है जिसका प्रमेह , मधुमेह , प्रदर , अर्श , गुल्म , संग्रहणी , विद्रधि , गण्डमाला , शोथ आदि रोगों में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा उपयोग किया जाता है .
नाग को शुद्ध करने की विधि
नाग ( सीसा ) के टुकड़ों को एक कड़ाही में लेकर आग पर रख दें . आग पर रखने से सीसा पिघलने लगता है . एक मटकी में तिल का तेल भर कर उस पर बीच में छेद किया हुआ ढक्कन रख दें . जब सीसा पिघल जाये तो तो पिघला हुआ सीसा इस छेद में से मटकी में भरे हुए तिल के तेल में डालें . पिघला हुआ सीसा तेल में आवाज के साथ बुझेगा .
जब सीसा ठंडा हो जाए तो मटकी से निकाल कर पुनः कड़ाही में डाल कर पिघलाएं और दोबारा मटकी के तेल में डालें . यह क्रिया सात बार करनी है . इस तरह सात बार सीसा पिघला कर गोमूत्र , कांजी , तक्र , कुलथी के क्वाथ आदि में सीसे को बुझावें . इस विधि से सीसे को शुद्ध कर लें .
नाग को शुद्ध करना क्यों जरूरी है ?
अशुद्ध नाग से बनायी भस्म का प्रयोग करने से अनेक शारीरिक विकार होने की संभावना होती है . अशुद्ध नाग के सेवन से चर्म रोग , शोथ , भगंदर , प्रमेह , गुल्म , अग्निमांद्य , क्षय आदि रोग उत्पन्न होने का ख़तरा रहता है , इसलिए भस्म बनाने से पूर्व नाग को शुद्ध करना जरूरी है .
नाग भस्म निर्माण विधि
नाग भस्म बनाने की विधि निम्नानुसार है –
शुद्ध सीसे को कड़ाही में डाल कर आंच पर रख दें . जब सीसा पिघल जाए तब उसमे हल्दी का पाउडर डाल कर लोहे के चम्मच से घोटते रहें . जब भस्म तैयार हो जाए तो इसे ठंडा कर लें . ठंडा होने के बाद इसमें बराबर मात्रा में शुद्ध गंधक मिला कर उसकी घुटाई कर छोटी छोटी गोलियां बना लें .
इन गोलियों को धूप में सुखा कर गजपुट में फूंक लें . तीन पुट देने के उपरान्त नाग भस्म तैयार हो जाती है .
नाग भस्म के फायदे और नुकसान
नाग भस्म अत्यंत गुणकारी औषधि है और इसके प्रयोग से वात रोग , प्रमेह , मधुमेह , ग्रहणी , प्रदर , अर्श , गुल्म , कफ विकार आदि का शमन होता है . आइये जानते हैं नाग भस्म के फायदे और नुकसान क्या हैं ?
नाग भस्म के फायदे
विभिन्न रोगों में नाग भस्म के फायदे निम्नानुसार हैं –
डायबिटीज में नाग भस्म के लाभ
डायबिटीज के रोगी को आंवला और हल्दी के पाउडर के साथ नाग भस्म का सुबह शाम सेवन कराने से बहुत लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – शुगर में दही खाना चाहिए या नहीं )
नाग भस्म प्रदर ( ल्यूकोरिया ) में लाभकारी
नाग भस्म को अशोक की छाल के क्वाथ के साथ सेवन करने से प्रदर और रक्तप्रदर में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – ल्यूकोरिया की आयुर्वेदिक दवा )
खूनी बवासीर ( रक्तार्श ) में नाग भस्म का उपयोग
नाग केसर चूर्ण के साथ नाग भस्म दूर्वा स्वरस से सेवन कराने से रक्तार्श के रोगी को लाभ होता है और रक्तस्राव बंद हो जाता है . (यह भी पढ़ें – खूनी बवासीर का रामबाण इलाज )
उपदंश रोग में नाग भस्म से फायदा
शुद्ध वत्सनाभ , नाग भस्म और मिश्री को त्रिफला के क्वाथ के साथ सेवन कराने से उपदंश के रोगी को लाभ होता है .
नाग भस्म आंत्र शोथ में लाभप्रद
नाग भस्म , ताम्र भस्म , रस सिन्दूर और स्वर्ण भस्म मिला कर सेवन करने से आंत्र शोथ के रोगी को लाभ होता है .
लकवा में नाग भस्म के सेवन से लाभ
रस सिन्दूर के साथ नाग भस्म का सेवन करने से लकवा के रोगी को लाभ होता है .
वृक्क शोथ में नाग भस्म लाभकारी
जटामांसी , बला मूल और कौंच के बीजों के काढ़े के साथ नाग भस्म का सेवन कराने से वृक्क शोथ के रोगी को बहुत फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – लिवर और किडनी के लिए पुनर्नवारिष्ट के फायदे )
नाग भस्म का चर्म रोगों में प्रयोग
शुद्ध वत्सनाभ , नाग भस्म और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर 500 मिग्रा . सुबह शाम सेवन कराने से सभी प्रकार के चर्म रोगों में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – चर्म रोगों की ख़ास दवा खदिरारिष्ट के फायदे और नुकसान )
नपुंसकता में नाग भस्म के फायदे
नपुंसकता , कामेच्छा की कमी . इन्द्रिय शैथिल्य आदि में नाग भस्म का सेवन योग्य चिकित्सक के निर्देश अनुसार करने से अत्यंत लाभ मिलता है .
मूत्र विकारों में नाग भस्म लाभप्रद
बहुमूत्रता ( बार बार पेशाब जाना ) , पेशाब को नहीं रोक पाना आदि मूत्र रोगों में नाग भस्म का सेवन अत्यंत लाभप्रद होता है . ( यह भी पढ़ें – पुरुषों में प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है )
नाग भस्म के नुकसान
नाग भस्म एक आयुर्वेदिक भस्म औषधि जो योग्य आयुर्वेद चिकित्सक की देख रेख में ही सेवन करनी चाहिए . स्वेच्छा से अथवा अनुचित मात्रा में नाग भस्म का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक हो सकता है . नाग भस्म के सेवन में निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए .
- नाग भस्म में मौजूद लेड की अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकर हो सकती है , इसलिए चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही इसका सेवन करना चाहिए .
- गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती .
- छोटे बच्चों को इसका सेवन न्यून मात्रा में चिकित्सक के निर्देशानुसार ही करवाना चाहिए .
- नाग भस्म का सेवन सीमित अवधि तक आयुर्वेद चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए .
दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने आयुर्वेदिक औषधि नाग भस्म के फायदे और नुकसान से सम्बंधित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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