अपनी सुगंध से सबका मन हरने वाला पुदीना गर्मियों में सबकी चाहत होता है . क्या आप जानते हैं पुदीना के फायदे और नुकसान क्या हैं ? आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में हम पुदीना के औषधीय गुण और स्वास्थ्य के लिए पुदीना के फायदे किस किस रोग रोग में हैं , इन सब विषयों पर जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं .
पुदीना का परिचय
छोटी छोटी पत्तियों वाले खुशबूदार पुदीना के पौधे से शायद ही कोई अपरिचित हो . जमीन में कहीं भी या गमले में आसानी से लग जाने वाले पुदीने को किसी विशेष खाद की आवश्यकता नहीं होती . सिर्फ पानी और मिट्टी में यह आसानी से पनप जाता है . संस्कृत में इसे पूतिहा , अंग्रेजी में स्पिअर मिंट और लेटिन में मेंथा स्पाइकेटा कहते हैं .
पुदीने का इस्तेमाल रसोई में शरबत , चटनी , कढी , रायता , कैरी का पानी जैसी कई चीजों में किया जाता है . पुदीना अपनी सुगंध और स्वाद के लिए तो प्रसिद्द है ही किन्तु इसके औषधीय गुण भी शानदार हैं . आयुर्वेद अनुसार पुदीना रुचिवर्धक , कास नाशक , कफ के विकार का शमन करने वाला , कृमि नाशक , अजीर्ण , अतिसार , वमन और उदर शूल को नष्ट करने वाला होता है .
पुदीना के फायदे और नुकसान
प्राचीन काल से ही पुदीना प्रयोग किया जाता रहा है . भोजन में पुदीने की उपयोगिता से सब वाकिफ हैं किन्तु पुदीना सिर्फ भोजन का स्वाद और खुशबू ही नहीं बढाता वरन इसके कई रोगों में औषधीय उपयोग भी हैं . आइये जानते हैं स्वास्थ्य के लिए पुदीना के फायदे किस तरह हैं . ( यह भी पढ़ें – सुबह खाली पेट ग्रीन टी पीने के फायदे )
पुदीना के फायदे
दांतों और मसूढ़ों के लिए लाभकारी
पुदीने की पत्तियों को चबाने से दांत मजबूत होते हैं , दन्त क्षय और मसूढ़ों से खून निकलना में लाभ होता है .
मक्खी मच्छरों से बचाव में सहायक
पुदीने में कीटाणु नाशक गुण मौजूद हैं . घर में चारों तरफ पुदीने के तेल का छिडकाव करने से मक्खी , मच्छर नहीं आते .
मुंह की दुर्गन्ध दूर कर साँसों को महकाए
पुदीने की पत्तियों को पानी में उबाल कर ठंडा कर लें . इस पानी से कुल्ला करने पर मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है और साँसों में ताजगी बनी रहती है .
कील मुंहासों और झाइयों में पुदीना के फायदे
पुदीने की पत्तियों को पीस कर चेहरे पर लगाने और भाप लेने से कील मुंहासों , दाग – धब्बों और झाइयों में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – पिम्पल्स को जड़ से खत्म कैसे करें )
बुखार मिटाने में सहायक
नींबू का रस , पुदीना और काला नमक का पानी पीने से बुखार में राहत मिलती है . पुदीने के रस को शहद के साथ लेने से भी बुखार में आराम मिलता है .
हकलाहट के इलाज में पुदीना का प्रयोग
काली मिर्च के साथ पुदीने की पत्तियों को पीस कर सुबह शाम प्रयोग करने से हकलाहट में फायदा होता है .
खांसी में फायदेमंद है पुदीना
पुदीने की चाय में नमक मिला कर पीने से खांसी में आराम होता है .
पुदीने से हिचकी का इलाज
हिचकी आने पर पुदीने की पत्तियों को चूसने अथवा पुदीने के रस को शहद के साथ चाटने से फायदा होता है .
हैजा में पुदीना का उपयोग
पुदीना , प्याज और नींबू का रस सामान मात्रा में लेकर पीने से हैजा में आराम मिलता है .
पुदीना है पेट दर्द में लाभदायक
पेट दर्द होने पर पुदीने और अदरक के रस में सैंधा नमक मिला कर सेवन करने से आराम मिलता है .
छालों में पुदीना के फायदे
मुंह में छाले होने पर पुदीना का काढा बना कर रुई को काढ़े में अच्छी तरह भिगो कर प्रभावित स्थान पर लगाने से आराम मिलता है .
नकसीर में पुदीने का प्रयोग
नकसीर ( नाक से खून निकलना ) में पुदीने और प्याज का रस मिला कर नाक में डालने से खून आना बंद हो जाता है . ( यह भी पढ़ें – नकसीर का आयुर्वेदिक इलाज )
पुदीने का अस्थमा में प्रयोग
पुदीने का ताजा रस अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है .
बदहजमी में पुदीने से फायदा
अजीर्ण ( बदहजमी ) होने पर पुदीने का रस या पुदीना से बनी पुदीन हरा टेबलेट लेने से राहत मिलती है .
पुदीना के नुकसान
सामान्यतः पुदीना के कोई नुकसान नहीं होते किन्तु जिन लोगों को पुदीना से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए . किडनी के रोगियों को पुदीने के ज्यादा सेवन की सलाह नहीं दी जाती . यूँ तो पुदीना पेट दर्द , बदहजमी जैसे उदर विकारों में लाभदायक होता है किन्तु इसके मात्रा से अधिक सेवन से एसिडिटी की समस्या हो सकती है .
FAQ
प्रश्न – पुदीना कौनसी बीमारी में काम आता है ?
उत्तर – पुदीने का प्रयोग पेट दर्द , बदहजमी , खांसी , बुखार , दस्त , हैजा आदि रोगों में किया जाता है .
प्रश्न – पुदीने का सेवन कब करना चाहिए ?
उत्तर – वैसे तो पुदीने का सेवन जब भी पेट से सम्बंधित समस्या हो तभी किया जा सकता है कोई निश्चित समय नहीं है किन्तु सामान्य अवस्था में सुबह पुदीने का सेवन करना अच्छा है .
प्रश्न – पुदीना को कैसे खाना चाहिए ?
उत्तर – पुदीने की पत्तियों को चबा कर , पुदीने का रस निकाल कर , पुदीने की चाय बना कर , शहद के साथ , सैंधा नमक , काला नमक मिला कर आदि प्रकार से पुदीने का सेवन किया जाता है . पुदीने को सेवन करने का तरीका रोग विशेष के अनुसार अलग अलग हो सकता है .
दोस्तों , आज के लेख में हमने पुदीना के फायदे और नुकसान से सम्बंधित जानकारी शेयर की . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य उपयोगी जानकारी लेकर हाजिर होंगे .
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