हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के आज के लेख में हम महिलाओं में कमर दर्द के कार ण और महिलाओं के कमर दर्द का इलाज बताने जा रहे हैं . आशा है यह लेख आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा .
कमर दर्द एक आम समस्या
आज की व्यस्त जिन्दगी में कमर दर्द एक आम समस्या बन चुकी है और महिला पुरुष दोनों इस समस्या से जूझ रहे हैं किन्तु पुरुषों की तुलना में महिलाएं इस कष्ट से अधिक पीड़ित हैं . वैसे तो कमर दर्द किसी भी उम्र में हो सकता है किन्तु अधिकतर महिलायें 35 वर्ष की आयु के आस पास कमर दर्द की तकलीफ की शिकायत करती नजर आती हैं .
महिलाओं में कमर दर्द के कारण
कमर दर्द कई कारणों से हो सकता है जिसमे गलत स्थिति में काम करना , उठना , बैठना आदि सामान्य कारणों के साथ कुछ विशेष कारण भी हो सकते हैं . सामान्य कारणों में हम अनियमित दिनचर्या , लगातार कब्ज रहना , मल , मूत्र के वेग को रोकना , सही शारीरिक स्थिति में काम नहीं करना , लगातार एक ही स्थिति में रहना , झुक कर काम करना , गलत स्थिति में वजन उठाना , गलत बिस्तर या चारपाई पर सोना आदि मान सकते हैं .
उपर्युक्त सामान्य कारणों के अतिरिक्त किसी रोग विशेष के कारण भी कमर दर्द हो सकता है . महिलाओं में बच्चेदानी में सूजन , ल्यूकोरिया , अनियमित मासिक स्राव , रजो निवृति आदि भी कमर दर्द के कारण होते हैं .रीढ़ की हड्डी की कोई समस्या या सियाटिका आदि के कारण भी कमर दर्द होता है . ऊंची हील की सैंडिल पहनना और कम्प्यूटर या लैपटॉप पर अधिक देर तक काम करना भी आजकल कमर दर्द का विशेष कारण है . ( पढ़ें – अर्ली मेनोपोज के कारण )
महिलाओं के कमर दर्द का इलाज
आयुर्वेद में किसी भी रोग के उपचार में निदान परिवर्जन को प्राथमिकता दी जाती है अर्थात् जिस कारण से रोग उत्पन्न होता है उन कारणों को हटाना चाहिए . इसलिए सबसे पहले ऊपर लिखे कमर दर्द के कारण जैसे कि झुक कर काम करना , गलत स्थिति में काम करना , सही बिस्तर पर नहीं सोना आदि से बचना चाहिए . क्योंकि आयुर्वेद में सभी दर्दों में वायु को कारण माना है इसलिए वायु बढाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए . ठंडा बासी भोजन , अधिक मसाला , खटाई आदि से बचना चाहिए . ऊंची हील की जगह सामान्य या फ़्लैट सैंडिल [ चप्पल ] का प्रयोग करना चाहिए . यदि किसी स्त्री रोग से पीड़ित हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से रोगोपचार करवाना चाहिए .
आजकल दर्द के इलाज में पेन किलर मेडिसिन का बहुत प्रयोग किया जाता है जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत घातक है इसलिए अपने मन से किसी पेन किलर का इस्तेमाल न करें और चिकित्सक से मिल कर कमर दर्द का कारण जानकर उसका उचित उपचार करवाना चाहिए . फिजियो थैरेपी या योग आसन कमर दर्द के इलाज में कारगर सिद्ध होते हैं .
महायोगराज गुग्गुलु , सिंहनाद गुग्गुलु , अजमोदादि चूर्ण , विष तिन्दुक वटी , महानारायण तेल , महाविषगर्भ तेल , महारास्नादि क्वाथ , दशमूल क्वाथ , अश्वगंधारिष्ट आदि औषधियों का प्रयोग कमर दर्द के इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से चिकित्सक की देख रेख में किया जा सकता है .
महिलाओं के कमर दर्द का घरेलू उपचार
कमर दर्द से पीड़ित महिला यदि सौंठ का चूर्ण मिश्री के साथ सेवन करती है तो लाभ होता है . सुबह खाली पेट मेथी खाने से भी कमर दर्द में लाभ होता है . सरसों के तेल में लहसुन की कलियों को जलाकर ठंडा कर छान कर मालिश करने से भी लाभ होता है . गर्म बालू या नमक की पोटली का सेक भी कमर दर्द में राहत दिलाता है . बर्फ का सेक करने भी कमर दर्द में लाभ होता है .
कमर दर्द में फिजियो थैरेपी और योगासनों का विशेष महत्त्व है . यदि मालिश आदि के साथ हल्के व्यायाम और आसन विशेषज्ञ की देख रेख में किये जाएँ तो शीघ्र आराम मिलता है . भुजंगासन , धनुरासन आदि कमर दर्द के उपचार में सहायक सिद्ध हो सकते हैं .
FAQ
प्रश्न – कमर दर्द के लिए कौनसी दवा सबसे अच्छी है ?
उत्तर – आयुर्वेद में कमर दर्द के लिए महा योगराज गुग्गुलु , त्रयोदशांग गुग्गुल , महारास्नादि क्वाथ आदि दवाएं होती हैं जिन्हें आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशन में लेना चाहिए ।
प्रश्न – कमर दर्द केलिए कौनसा तेल मालिश करना चाहिए ?
उत्तर – कमर दर्द के उपचार के लिए महानारायण तेल , महा विषगर्भ तेल आदि आयुर्वेदिक तेल मालिश के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं ।
दोस्तों , आशा है ” महिलाओं में कमर दर्द के कारण ” सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा , अगले लेख में अन्य उपयोगी जानकारी के साथ फिर हाजिर होंगे .
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