मूली है अनुपम औषधि , जानें मूली खाने के फायदे और नुकसान | 13 Amazing Benefits of Radish

क्या आप जानते हैं हर घर में सब्जी और सलाद में खायी जाने वाली मूली कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है ? जी हाँ मूली है पोषक तत्त्वों से भरपूर और कई औषधीय गुणों से युक्त . आज इस आर्टिकल में हम आपको मूली खाने के फायदे और नुकसान बता रहे हैं .

मूली खाने के फायदे और नुकसान
मूली खाने के फायदे और नुकसान

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मूली का परिचय

शायाद ही कोई व्यक्ति हो जो मूली से अपरिचित हो . भारत में सदियों से मूली को कच्ची या सब्जी बना कर खाया जाता है . यह जमीन के अन्दर पायी जाती है और पौधे का मूल ( जड़ ) भाग होती है . इसमें प्रोटीन , आयरन , फास्फोरस , कैल्शियम , सोडियम . विटामिन ए , बी , सी आदि पोषक तत्त्व पाए जाते हैं . आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही मूली का प्रयोग कब्ज , बवासीर , अग्निमांद्य , पीलिया , पथरी , माहवारी सम्बंधित समस्याओं आदि के लिए किया जाता है .

मूली खाने के फायदे और नुकसान

सलाद , सब्जी और अचार बनाने के अलावा मूली के कई औषधीय उपयोग भी होते हैं . मूली का उचित मात्रा में सेवन करने से स्वास्थ्यप्रद लाभ तो मिलते ही हैं साथ ही में विभिन्न प्रयोगों द्वारा यह कई रोगों के उपचार में औषधि के रूप में भी कार्य करती है . आइये जानते हैं मूली खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं .

मूली खाने के फायदे

मूली खाने के फायदे
मूली खाने के फायदे

मूली खाने से कब्ज , गैस , भूख की कमी आदि पाचन सम्बंधित समस्याओं में लाभ के अतिरिक्त अन्य कई रोगों में भी औषधीय उपयोग हैं . मूली खाने के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं .

पथरी ( किडनी स्टोन ) में मूली के फायदे

निम्नलिखित प्रयोगों से पथरी ( किडनी स्टोन ) के रोगी को लाभ होता है –

  • आधा कप मूली के पत्तों के रस के साथ आधा चम्मच अजमोद का चूर्ण दिन में 2-3 बार नियमित एक महीने तक सेवन करने से पथरी निकल जाती है .
  • मूली के बीजों का चूर्ण एक चौथाई चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार कुछ दिन सेवन करने से पथरी निकल जाती है .
  • मूली के अन्दर छेद करके मूली में शलजम के बीज भर कर आटे से लपेट कर मूली को आग में भूनने के बाद आटा हटा कर मूली को खाएं . यह प्रयोग दिन में दो बार नियमित एक माह तक करने से पथरी निकल जाती है . ( यह भी पढ़ें – गुर्दे की पथरी के लिए 10 प्रमुख औषधि )

अतिसार ( पतले दस्त ) में मूली से लाभ

पतले दस्त होने पर मूली को पानी में उबाल कर , इस पानी को छान कर आधा कप दिन में 3-4 बार पीने से दस्त में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – बार बार दस्त लगने का कारण क्या है )

मूली दांतों के लिए लाभकारी

यदि दांत कमजोर और गंदे हो गये हों तो मूली के टुकड़ों को नींबू के रस के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से लाभ होता है .

पीरियड्स ( माहवारी ) में मूली के फायदे

माहवारी कम होने तथा माहवारी के समय दर्द होने पर मूली के बीजों का चूर्ण 2-3 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ नियमित सेवन करने से लाभ मिलता है . ( यह भी पढ़ें – अशोकारिष्ट सिरप पीने के फायदे )

दाद , खाज में मूली का प्रयोग

दाद होने पर मूली के बीज का चूर्ण नीम्बू के रस के साथ दाद पर लगाने से लाभ होता है .

गला बैठने पर मूली का प्रयोग

यदि स्वर भेद ( गला बैठना ) हो गया हो तो मूली के बीजों का चूर्ण 2 ग्राम सुबह शाम गर्म पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है .

शारीरिक कमजोरी में लाभ

मूली के बीजों का चूर्ण मलाई के साथ नियमित सेवन करने से सभी प्रकार की कमजोरी दूर होती है .

पेशाब की रुकावट और जलन में फायदा

मूली के बीजों का चूर्ण मिश्री मिला कर पानी के साथ सुबह शाम सेवन करने से मूत्रावरोध ( पेशाब की रुकावट ) और मूत्रदाह ( पेशाब में जलन ) में फायदा होता है .

बवासीर में मूली खाने के फायदे

अर्श ( बवासीर ) होने पर मूली के निम्नलिखित प्रयोगों से लाभ होता है –

  • मूली का रस सुबह शाम नियमित सेवन करने से बवासीर रोग में लाभ होता है .
  • मूली के सूखे पत्ते का चूर्ण प्रातः काल खाली पेट देसी खांड के साथ सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है .
  • मूली को लम्बाई में काट कर रात को ओस में रख दें और सुबह खाली पेट सेवन करें , बवासीर में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय )

मूली से पीलिया में लाभ

प्रातः काल उठते ही मूली को गुड़ के साथ सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है .

मूली के सेवन से कब्ज में राहत

मूली को सलाद के रूप में सेवन करने से कब्ज और गैस से राहत मिलती है .

मूली से हिचकी में फायदा

सूखी मूली का काढा थोड़ी थोड़ी देर में पिलाते रहने से लगातार चलने वाली हिचकी में लाभ होता है .

मूली डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी

मूली को सलाद के रूप में सेवन करने से मधुमेह रोगियों को रक्त में शर्करा के स्तर को सामान्य रखने में मदद मिलती है .

मूली खाने के नुकसान

मूली खाने के नुकसान
मूली खाने के नुकसान

सामान्यतः मूली के दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते किन्तु मूली के सेवन से पूर्व निम्नलिखित सावधानियां बरतना अच्छा है –

  • जिन लोगों को मूली से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए .
  • मूली का सेवन सूर्यास्त से पहले ही करना चाहिए .
  • मूली के साथ कभी भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए .

मूली खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए ?

मूली खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए

कुछ चीजों के साथ मूली का सेवन नुकसानदायक हो सकता है . आयुर्वेद में इसे विरुद्ध आहार कहा गया है , मूली के साथ निम्नलिखित विरुद्ध आहार हैं –

  • मूली के साथ या मूली खाने के बाद कभी भी दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ खीर , चाय आदि का सेवन नहीं करना चाहिए .
  • मूली के साथ संतरा का सेवन नहीं करना चाहिए .
  • मूली के साथ करेले का सेवन नहीं करना चाहिए .
  • मूली के साथ खीरे का सेवन नहीं करना चाहिए .

FAQ

प्रश्न – मूली कब नहीं खाना चाहिए ?

उत्तर – कच्ची मूली का सेवन रात में नहीं करना चाहिए . इसके अलावा दूध ,चाय आदि का सेवन करते समय मूली नहीं खाना चाहिए .

प्रश्न – मूली खाने से कौनसा रोग ठीक होता है ?

उत्तर – मूली के सेवन से कब्ज , गैस , बवासीर , पथरी , पीलिया आदि रोगों में लाभ होता है .

प्रश्न – मूली कब और कैसे खानी चाहिए ?

उत्तर – मूली को सुबह या दोपहर में कच्ची ( सलाद ) खाना चाहिए .

दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में हमने मूली खाने के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी शेयर की . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे . आयुर्वेद और स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहिये .

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