दोस्तों ! स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की तमन्ना हर कोई करता है मगर प्रश्न यह है कि आखिर लम्बी उम्र जीने का राज क्या है ? तो आज आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं वे उपाय जिन्हें अपनाकर लम्बी उम्र तक स्वस्थ और सहज जीवन जिया जा सकता है .
आखिर क्यों घटती जा रही है मनुष्य की उम्र ?
एक समय था जब आम आदमी की औसतन उम्र 100 साल हुआ करती थी और भारत में सौ वर्ष उम्र मानकर मानव जीवन को 25 – 25 वर्ष के चार भागों में विभाजित किया गया था . 25 साल तक आदमी को ब्रह्मचर्य आश्रम में रहकर विद्या अध्ययन करना होता था , 26 से 50 गृहस्थ आश्रम में रहकर पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने के बाद 51 से 75 वर्ष की उम्र में वानप्रस्थ आश्रम में समाज सेवा और 76 से 100 मृत्यु पर्यन्त आध्यात्मिक जीवन जीने का विधान था .
प्राचीन समय में लोग इतनी उम्र तक स्वस्थ कैसे रह लेते थे और उनका इतनी लम्बी उम्र जीने का राज क्या है ? यह तो हम सब जानते हैं कि जब विज्ञान का इतना विकास नहीं हुआ था तब भी भारत देश ज्ञान से समृद्ध और सम्पन्न हुआ करता था . कालान्तर में यहां भी कई विषमताएं आई और ज्ञान का स्थान आडम्बर ने ले लिया जिसका खामियाजा आज तक भुगतना पड़ रहा है वह अलग विषय है किन्तु इन सबसे पहले जब मनुष्य प्रकृति से प्रेम करता था, प्रकृति की पूजा करता था, संयमित और संतुलित जीवन जिया करता था तब स्वस्थ और दीर्घजीवी हुआ करता था .
आज विज्ञान के विकास के साथ अप्रत्यक्ष रूप से हम स्वास्थ्य के विनाश को आमन्त्रण दे रहे हैं . विज्ञान समय की मांग है और आज इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती किन्तु विज्ञान और ज्ञान का समन्वय समझना होगा . हमारे पूर्वजों की जीवन शैली से हमें भी शिक्षा लेनी होगी जिससे स्वस्थ और दीर्घायु का आधार बन सके .
आइए जानते हैं पूर्वजों द्वारा बताए गए और समयानुरूप पालन किए जा सकने वाले उन तरीकों और उपायों के बारे में जिनसे स्वस्थ और दीर्घायु जीवन संभव हो सके .
लम्बी उम्र जीने का राज क्या है ?
आधुनिक युग में अति महत्वाकांक्षा, सुख सुविधाओं की लालसा में व्यक्ति एक मशीन बन कर रह गया है . अति व्यस्तता, अनियमित दिनचर्या, मशीनों पर निर्भरता, प्रकृति से दूरी, शारीरिक श्रम में कमी, मस्तिष्क पर अनावश्यक बोझ से मनुष्य मानसिक तनाव और अवसाद ग्रस्त हो रहा है . आदमी जीवन की आपा धापी और होड़ में अपने स्वास्थ्य को नजर अंदाज कर शरीर को कई रोगों का घर बना लेता है . इन सबके बीच यदि थोड़ा सा ध्यान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की ओर दिया जाए तो स्वस्थ और दीर्घायु जीवन आसान है . नीचे कुछ सरल टिप्स दिए जा रहे हैं जो लम्बी उम्र जीने का राज हो सकते हैं .
स्वस्थ दिनचर्या
स्वस्थ दिनचर्या अच्छे स्वास्थ्य का आधार होती है इसलिए दिनचर्या से सम्बन्धित नीचे लिखी बातों का पालन करना चाहिए –
- प्रातः काल सूर्योदय से पहले जागना चाहिए
- रात में जल्दी सोना चाहिए
- रात का भोजन सूर्यास्त से पहले करना चाहिए
- नियमित योग या व्यायाम करना चाहिए
- भरपूर पानी पीना चाहिए
- भोजन में सलाद का प्रयोग अवश्य करना चाहिए
हमेशा सकारात्मक रहें
कहा जाता है कि जैसा आदमी सोचता है वैसा ही वह बनता है . यह देखा भी गया है कि सकारात्मक और नकारात्मक सोच का प्रभाव व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है । इसलिए हमेशा प्रसन्न और सकारात्मक रहें .
प्रकृति से प्रेम करें
आदमी जितना प्रकृति से नजदीक होता है उतना ही स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर होता है इसलिए पेड़ पौधे, नदी तालाब, पहाड़ आदि के साथ कुछ समय जरूर गुजारें . संभव हो तो खेती या बागवानी करें .
वेग धारण न करें
आयुर्वेद में कहा गया है कि वायु, मल, मूत्र, छींक, प्यास, भूख, नींद, खांसी, थकान, श्वास, जम्हाई, उल्टी, आंसू आदि का वेग धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा ये रोग का कारण बनते हैं . इसलिए वायु, मल, मूत्र आदि को जबरन नहीं रोकना चाहिए और भूख लगने पर भोजन एवं प्यास लगने पर पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए .
दोस्तों ! आज के लेख में हमने जाना कि पुराने समय में लोगों का लम्बी उम्र जीने का राज क्या है ? अगले लेख में अन्य कोई उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
Read more –
4 thoughts on “लम्बी उम्र जीने का राज क्या है ? [ 100 वर्ष लम्बी उम्र पाने के उपाय ]”