लौकी वैसे तो एक साधारण सब्जी मानी जाती है किन्तु यह अनेक औषधीय गुणों से भरपूर भी होती है . लौकी की सब्जी बनती है तो यह सलाद के रूप में भी खायी जा सकती है और इसका जूस भी पिया जा सकता है . लौकी का जूस पीने के फायदे क्या हैं और लौकी का जूस कितने दिन पीना चाहिए ? इन सब जानकारियों के लिए पढ़िए हमारा यह आर्टिकल .
लौकी का सामान्य परिचय
लौकी की सब्जी से शायद ही कोई अपरिचित हो . इसे घीया के नाम से भी जाना जाता है . फाइबर युक्त लौकी को किसी भी रूप में प्रयोग किया जाए , यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है . सामान्यतः इसका सब्जी के रूप में अधिक इस्तेमाल किया जाता है किन्तु इसकी कच्ची सलाद के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है तथा इसका रस ( जूस ) भी अनेक औषधीय गुणों से युक्त होता है और स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है .
लौकी रेशेदार ( फाइबर युक्त ) , आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस आदि पोषक तत्त्वों से युक्त तथा मूत्रल , रेचक तथा कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में सहायक होती है .
लौकी के जूस के फायदे और नुकसान
लौकी के जूस का सेवन मूत्र विकारों , अम्लपित्त , अल्सर , किडनी और हार्ट डिजीज आदि में लाभप्रद बताया गया है और इसे पीने से अनेक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं किन्तु अनुचित मात्रा में और सही तरीके से सेवन नहीं करने से यह स्वास्थ्य के लिए हानिकर भी हो सकता है . इसलिए लौकी का जूस उचित मात्रा और सही सेवन विधि अनुसार ही प्रयोग करना चाहिए . आइये जानते हैं लौकी के जूस के फायदे और नुकसान क्या हैं .
लौकी का जूस पीने के फायदे
आयुर्वेद अनुसार लौकी के जूस को विभिन्न रोगों में लाभप्रद बताया गया है . लौकी का जूस पीने के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं .
लौकी से कब्ज में फायदा
लौकी रेशेदार होने के कारण इसके सेवन से कब्ज का नाश होता है और आँतों में फंसा मल आसानी से बाहर आ जाता है . इसलिए कब्ज , बवासीर आदि रोगियों के लिए लौकी का जूस लाभदायक होता है .
किडनी के रोगियों के लिए लाभदायक
लौकी में पौटेशियम पाया जाता है इसलिए यह गुर्दों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है और इसमें मूत्रल गुण के कारण मूत्र सम्बंधित समस्याओं में भी लाभप्रद होती है .
लौकी एनीमिया में लाभप्रद
लौकी में आयरन की मौजूदगी के कारण इसका सेवन एनीमिया ( खून की कमी ) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होता है . इसलिए एनीमिया के रोगियों को लौकी का जूस अथवा सब्जी का सेवन करना चाहिए . ( यह भी पढ़ें – महिलाओं में खून की कमी दूर करने के उपाय )
पेशाब की तकलीफ में फायदेमंद
लौकी के जूस का सेवन करने से पेशाब में जलन या पेशाब की रुकावट जैसी समस्याओं में लाभ होता है . लौकी के जूस में नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से मूत्र विकारों में फायदा होता है .
हृदय रोगों में लाभप्रद है लौकी
लौकी के जूस में पुदीना और काली मिर्च मिला कर सेवन करने से हृदय रोगियों को लाभ होता है .
एसिडिटी और अल्सर में लौकी का जूस पीने के फायदे
लौकी का जूस पीने से पेट में जलन और एसिडिटी से राहत मिलती है तथा अल्सर के रोगियों के लिए भी लौकी का जूस फायदेमंद होता है . ( यह भी पढ़ें – एसिडिटी का घरेलू इलाज )
दांतों और हड्डियों के लिए लाभदायक
लौकी में कैल्शियम और फास्फोरस की मौजूदगी के कारण इसके सेवन से दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है .
लौकी से मानसिक तनाव में कमी
लौकी में मानसिक तनाव को कम करने का गुण पाया जाता है इसलिए इसकी सब्जी या जूस का सेवन करने से मानसिक तनाव में कमी होती है . ( यह भी पढ़ें – मानसिक तनाव कैसे दूर करें )
लौकी से पौरुष शक्ति में वृद्धि
लौकी के जूस का सेवन यौन क्षमता को बढाता है साथ ही वीर्य में भी वृद्धि करता है .
हाई ब्लड प्रेशर में लौकी के फायदे
लौकी के जूस का सेवन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है तथा कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है . ( यह भी पढ़ें – हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए )
लौकी का जूस वजन घटाने में सहायक
लौकी का जूस वजन घटाने में भी मददगार होता है . फाइबर युक्त लौकी का जूस शरीर को एनर्जी प्रदान करता है और इसे पीकर अनावश्यक भोजन से बचा जा सकता है .
लौकी का जूस पीने के नुकसान
लौकी के जूस के अनेक स्वास्थ्यप्रद लाभ हैं किन्तु इसके सेवन में मात्रा का ध्यान नहीं रखने अथवा गलत तरीके से प्रयोग करने से नुकसान की भी संभावना होती है . आइये जानते हैं लौकी का जूस पीने के नुकसान क्या हैं और इसके सेवन में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए .
- लौकी के जूस की अधिक मात्रा डायरिया ( दस्त ) का कारण बन सकती है इसलिए आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए .
- जिन लोगों को लौकी से एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
- यदि लौकी में कडवाहट महसूस हो तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
- लौकी का जूस बनाते ही प्रयोग में ले लेना चाहिए . इसे बनाकर रखना नहीं चाहिए .
लौकी का जूस कितने दिन पीना चाहिए ?
विशेषज्ञों के अनुसार लौकी का जूस सप्ताह में 3-4 बार पीना चाहिए . यदि रोजाना लौकी के जूस का सेवन कर रहे हो तो इसे तीन महीने तक लिया जा सकता है .
लौकी का जूस कब पीना चाहिए ?
वैसे तो लौकी का जूस कभी भी पिया जा सकता है किन्तु विशेषज्ञों के अनुसार प्रातः काल खाली पेट लौकी के जूस का सेवन अधिक लाभप्रद बताया गया है .
FAQ
प्रश्न – क्या लौकी के जूस में नींबू डाल सकते हैं ?
उत्तर – लौकी के जूस में नींबू , पुदीना आदि मिलाया जा सकता है .
प्रश्न – लौकी किसे नहीं खाना चाहिए ?
उत्तर – जिन लोगों को लौकी से एलर्जी है उन्हें लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए . बी पी लो से ग्रस्त व्यक्तियों को लौकी के जूस का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए .
प्रश्न – लौकी का जूस हफ्ते में कितने दिन पीना चाहिए ?
उत्तर – लौकी का जूस सप्ताह में 2-4 बार पीना सही माना जाता है .
दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के आज के लेख में हमने लौकी का जूस कितने दिन पीना चाहिए , लौकी का जूस पीने के फायदे क्या हैं आदि प्रश्नों के जवाब देने का प्रयत्न किया है . आशा है यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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