हैलो दोस्तों ! आज के लेख में हम महिलाओं में बढती बीमारी ल्यूकोरिया या श्वेत प्रदर के कारण और ल्यूकोरिया की आयुर्वेदिक दवा पर चर्चा करेंगे . आशा है यह जानकारी आपको पसंद आयेगी और आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी .
श्वेत प्रदर क्या होता है ?
महिलाओं में योनि मार्ग से निकलने वाले सफ़ेद पानी को श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया कहते हैं . आम बोलचाल की भाषा में इसे सफ़ेद पानी की बीमारी कहा जाता है . आयुर्वेद अनुसार वात , पित्त और कफ दोष के कारण श्वेत प्रदर चार प्रकार का होता है जिसे वातज , पित्तज , कफज और सन्निपातज श्वेत प्रदर कहते हैं .
वातज श्वेत प्रदर में लाल , गुलाबी और पतला पानी आता है , पेट और कमर में दर्द का अहसास होता है . पित्तज श्वेत प्रदर में पीला , नीला , काला पानी स्रवित होता है और योनि मार्ग में जलन का अहसास होता है , कभी कभी रक्त भी मिला हुआ आता है . कफज श्वेत प्रदर में चिकना , गाढा और सफ़ेद पानी का स्राव होता है , कुछ पीड़ा का भी अनुभव होता है . सन्निपातज श्वेत प्रदर तीनों प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं , स्राव दुर्गन्ध युक्त होता है और कपड़ों पर दाग लग जाता है , योनि मार्ग में खुजली होती है और महिला शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो जाती है . कमर और सम्पूर्ण शरीर में दर्द का अहसास होता है .
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श्वेत प्रदर के कारण
आयुर्वेद अनुसार अनुचित खान पान जैसे बहुत चटपटा , बहुत तीखा , मसालेदार , बहुत खट्टा या बहुत गर्म भोजन श्वेत प्रदर का कारण हो सकते हैं . पीरियड्स के समय योनि की सफाई पर ध्यान न देने और गंदे कपडे के इस्तेमाल से संक्रमण होकर श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया हो सकता है . किसी प्रकार का डर और मानसिक तनाव भी कई बार श्वेत प्रदर का कारण होते हैं .
वर्तमान में फास्ट फ़ूड , चाय , कॉफी , कोल्ड ड्रिंक , नमकीन , चटपटे खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन भी श्वेत प्रदर का कारण हो सकते हैं . अनियमित मासिक स्राव और गर्भाशय का कोई विकार भी श्वेत प्रदर की समस्या का कारण बनते हैं . कुछ महिलाओं में श्वेत प्रदर का कारण आनुवंशिक भी होता है .
ल्यूकोरिया की आयुर्वेदिक दवा
श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया के लिये आयुर्वेद में बहुत सी प्रभावी औषधियों का वर्णन है जिन्हें योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशन में लेने पर निश्चित रूप से लाभ होता है . प्रदरान्तक रस , घृताष्म पिष्टी , कपर्द भस्म , पुष्यानुग चूर्ण को चावल के पानी से लेने पर श्वेत प्रदर में फायदा होता है . सुपारी पाक 10-10 ग्राम गाय के दूध से लेने पर पर ल्यूकोरिया या सफ़ेद पानी में लाभ होता है . अशोकारिष्ट , लोध्रासव , पत्रांगासव आदि आयुर्वेद आसव अरिष्टों का सेवन भोजन के बाद 20 मिली. की मात्रा में बराबर पानी के साथ लेने पर लाभ होता है .
आजकल विभिन्न आयुर्वेद फार्मेसी श्वेत प्रदर के लिए टेबलेट , कैप्सूल और सिरप के रूप में कई औषधियों का निर्माण करती हैं जिनका चिकित्सक की देख रेख में इस्तेमाल करने पर ल्यूकोरिया में फायदा होता है .
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श्वेत प्रदर का घरेलू इलाज
नियमित पौष्टिक आहार का सेवन और योगाभ्यास श्वेत प्रदर से काफी हद तक राहत दिलाने में सक्षम हैं . अच्छा खान पान , स्वच्छता और व्यायाम के साथ नीचे लिखे कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर ल्यूकोरिया से राहत पायी जा सकती है –
- फिटकरी को तवे पर फुलाकर उसकी भस्म बनाकर इस भस्म को गुनगुने पानी में मिलाकर योनि की नियमित सफाई करने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है .
- नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर इस पानी को छान कर , इस पानी से योनि की नियमित सफाई करने से ल्यूकोरिया में फायदा होता है .
- रोजाना आंवला पाउडर पानी के साथ सेवन करने से ल्यूकोरिया में फायदा होता है .
- पका केला चीनी के साथ खाने से श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया में लाभ होता है .
- जामुन के बीज का पाउडर बनाकर पानी के साथ लेने से श्वेत प्रदर में फायदा होता है .
- अंजीर को रात में भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से श्वेत प्रदर में फायदा होता है .
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