हैलो दोस्तों ! इस आर्टिकल में आज प्रकृति की खूबसूरत देन आयुर्वेद औषधि शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए क्या हैं और शतावरी की सेवन विधि क्या है ? इन सब के बारे में जानेंगे .
शतावरी का पौधा ?
शतावरी एक बेल होती है जिस पर सफेद रंग के फूल खिलते हैं . शतावरी के बेलों पर छोटे छोटे फल भी लगते हैं जो पकने पर लाल हो जाते हैं . शतावरी की जड़ , फूल , फल , पत्तियाँ सभी का औषधि के रूप में प्रयोग होता है . शतावरी की जड़ का प्रयोग औषधि के रूप में अधिक किया जाता है . शतावरी की जड़ों को खोद कर , साफ़ कर , सुखा कर , कूट पीस कर पाउडर बना कर उपयोग किया जाता है . यह बाजार में शतावरी चूर्ण के नाम से उपलब्ध होता है .
शतावरी को शतावर , सतावर , शतमूली , सरनोई आदि नामों से भी जाना जाता है . ( यह भी पढ़ें – महिला के लिए अखरोट लाभ )
शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए
शतावरी एक उत्तम टॉनिक के रूप में कार्य करता है जो महिलाओं एवं पुरुषों के लिए शारीरिक व मानसिक क्षमता को बढाने वाला होता है . शतावरी यूँ तो सभी के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है किन्तु महिलाओं के लिए इसे विशेष उपयोगी माना जाता है . आइये जानते हैं शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए क्या क्या हैं ?
गर्भावस्था में स्वास्थ्यवर्धक
शतावरी का सेवन गर्भवती स्त्री के लिए स्वास्थ्यवर्धक , गर्भ को पोषण देने वाला और शक्ति बढाने वाला होता है .
हिस्टीरिया में लाभप्रद
नव युवतियों में होने वाले हिस्टीरिया में शतावरी की जड़ का रस दूध के साथ कुछ दिन लगातार लेने से फायदा होता है .
स्तनपान कराने वाली स्त्रियों के लिए लाभकारी
शतावरी के सेवन से स्त्रियों के स्तनों में दूध की वृद्धि होती है , इसलिए नवजात शिशुओं की माता के लिए लाभप्रद है .
रक्त विकारों में फायदेमंद
शतावरी का सेवन शरीर में रक्त विकार ( खून की खराबी ) को नष्ट कर दाद , खाज , खुजली से राहत दिलाता है .
सूजन को कम करे
शतावरी में रक्त विकृति के उत्पन्न शोथ ( सूजन ) को कम करने का गुण पाया जाता है , इसलिए शरीर में सूजन को कम करती है .
याददाश्त बढाये
शतावरी का नियमित सेवन स्मरण शक्ति ( याददाश्त ) को बढाने वाला होता है . ( यह भी पढ़ें – याददाश्त बढाने की आयुर्वेदिक दवा )
पाचन तंत्र में सुधार
शतावरी पाचन शक्ति को बढाने वाली और भोजन का शीघ्र पाचन करने वाली होती है .
वजन बढाने वाली
दुबली पतली स्त्रियों को वजन बढाने के लिए शतावरी चूर्ण का दूध के साथ सेवन करना चाहिए . ( यह भी पढ़ें – दुबले पतले शरीर का वजन कैसे बढायें )
अल्सर में उपयोगी
शतावरी का चूर्ण शक्कर के साथ सेवन करने से आमाशय व्रण में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – अल्सर में क्या क्या खाना चाहिए )
सायटिका में लाभ करे
शतावरी चूर्ण और सहिजन का गोंद सौंठ के क्वाथ से सेवन करने पर गृध्रसी रोग ( सायटिका ) में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – सायटिका का आयुर्वेदिक उपचार )
ब्लड प्रेशर में फायदा
शतावरी चूर्ण , हरीतकी चूर्ण व महुआ की छाल का चूर्ण मूली के रस एवं जल में मिला कर रखें , कुछ घंटों बाद छान कर सेवन करने से उच्च रक्तचाप में फायदा होता है .
संधिवात में फायदा
शतावरी चूर्ण , अश्वगंधा चूर्ण और त्रिफला चूर्ण को गर्म जल के साथ सेवन करने से संधिवात ( जोड़ों के दर्द ) में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय )
पीरियड्स में दर्द कम करे
शतावरी के सेवन से माहवारी के समय होने वाले दर्द एवं ऐंठन में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – अशोकारिष्ट के फायदे )
शतावरी चूर्ण कैसे खाएं ?
शतावरी सेवन विधि
शतावरी का चूर्ण 2-3 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम दूध के साथ सेवन करना चाहिए .
शतावरी टेबलेट या कैप्सूल 1-2 सुबह शाम दूध या जल के साथ
शतावरी घृत 2-5 मिली
रोगानुसार मात्रा और अनुपान अलग हो सकते हैं इसलिए चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही सेवन करना चाहिए .
FAQ
प्रश्न – शतावरी कौनसी बीमारी में काम आती है ?
उत्तर – शतावरी वात विकार ( गठिया , सायटिका , जोड़ों का दर्द ) , उदर विकार ( पेट की तकलीफ ) , रक्त विकार ( दाद , खाज , खुजली आदि ) को नष्ट करने वाली एवं शारीरिक शक्ति एवं वजन बढाने वाली आयुर्वेद औषधि है .
प्रश्न – शतावरी को दूध में पीने से क्या होता है ?
उत्तर – दूध के साथ शतावरी का सेवन करने से शारीरिक एवं मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है तथा दुबले पतले लोगों का वजन बढ़ता है .
प्रश्न – क्या शतावरी को खाली पेट ले सकते हैं ?
उत्तर – जी हाँ शतावरी का सेवन खाली पेट किया जा सकता है .
दोस्तों , इस लेख में शतावरी चूर्ण कैसे खाएं , शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए क्या हैं आदि शतावरी से सम्बंधित जानकारी बतायी गयी . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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