हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के आज के आर्टिकल में हम कष्टप्रद व्याधि गृध्रसी की आयुर्वेदिक चिकित्सा ( सायटिका आयुर्वेदिक उपचार ) के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं .
सायटिका क्या है ?
व्यक्ति के नितम्ब से लेकर पाँव के टखने तक तेज दर्द को आयुर्वेद में गृध्रसी या सियाटिका कहते हैं . आम बोलचाल में इसे सायटिका का दर्द कहा जाता है . आयुर्वेद के अनुसार प्रकुपित वायु के कारण अनेक शारीरिक एवं मानसिक रोग उत्पन्न होते हैं . ऐसा ही एक वायु के कारण उत्पन्न रोग गृध्रसी भी जिसे सायटिका बोला जाता है .
आधुनिक मतानुसार शियाटिका या सायटिका तंत्रिका तंत्र का रोग है . शियाटिका तंत्रिका से सम्बन्ध होने के कारण इसे शियाटिका कहते हैं . आयुर्वेद में श्रोणि मंडल से प्रारम्भ होकर कमर के पिछले भाग , उरु , जानु , जंघा तथा पैर तक होने वाली पीड़ा को गृध्रसी रोग कहा गया है . इसके कारण गृध्र के जैसी चाल हो जाने के कारण इसे गृध्रसी कहा गया है .
सायटिका के लक्षण
सायटिका या गृध्रसी रोग में सामान्यतः निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं –
- कमर के पीछे से प्रारम्भ होकर नितम्ब , जंघा और पैर तक तेज दर्द होता है .
- पैरों में जकड़न होती है .
- सुई चुभने के समान वेदना होती है .
- प्रभावित स्थान में फड़कन भी हो सकती है .
सायटिका की पहचान या परीक्षा कैसे करें ?
रोगी को पीठ के बल लिटा दें और रोगी को अपने पैर ऊपर उठाने को कहें . यदि रोगी पैर नहीं उठा पाता या कम उठा पाता है तथा पैर उठाने पर दर्द का अनुभव करता है . पैरों को ऊपर उठा कर सिर की ओर मोड़ने पर सायटिका नाड़ी ( तंत्रिका ) पर दबाव पड़ने से तेज दर्द होता है . इस परीक्षा ( SLR Test ) द्वारा गृध्रसी या सायटिका रोग की पहचान की जाती है .
सायटिका आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद में गृध्रसी या सायटिका का उपचार औषध एवं पंचकर्म चिकित्सा द्वारा किया जाता है . एकल औषधि , औषध योग तथा स्नेहन , स्वेदन , बस्ति आदि द्वारा सायटिका का उपचार किया जाता है . सायटिका आयुर्वेदिक उपचार निम्नानुसार किया जाता है –
सामान्य चिकित्सा
- रोगी की महानारायण तेल , महा विषगर्भ तेल आदि से मालिश की जाती है . ( यह भी पढ़ें – मालिश के लिए कौनसा तेल अच्छा है )
- महा रास्नादि क्वाथ आदि से रोगी के शरीर का स्वेदन कराया जाता है .
- रोगी के प्रभावित स्थान पर पुल्टिस बांधी जाती है .
- अग्नि कर्म या सिरा वेध द्वारा चिकित्सा की जाती है .
विशेष चिकित्सा ( कटि बस्ति द्वारा उपचार )
सायटिका में कटि बस्ति का प्रयोग अत्यंत लाभदायक होता है . इस में रोगी को महा नारायण तेल आदि से शरीर की मालिश कर महारास्नादि क्वाथ से स्वेदन करा कर रोगी को पेट के बल लिटा कर प्रभावित स्थान पर उड़द एवं गेहूं के आटे से कुण्डली बना कर उसमें दशमूल तेल एवं प्रसारिणी तेल हल्का गर्म करके डालते हैं . पांच पांच मिनिट के अंतराल में तेल बदलते रहते हैं . यह प्रक्रिया 30-40 मिनिट तक करते हैं . 15-20 दिन नियमित कटि बस्ति का प्रयोग करने से बहुत लाभ होता है .
औषध चिकित्सा
सायटिका में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा औषधियों के प्रयोग से रोगी की चिकित्सा की जाती है . इसमें एकल औषधि अथवा औषधियों के योग द्वारा उपचार किया जाता है .
एकल औषधि चिकित्सा
इसमें निम्नलिखित में से किसी एक औषधि द्वारा चिकित्सा की जाती है .
- सहिजन
- रास्ना
- एरण्ड
- सौंठ
- गुग्गुलु
- लहसुन
- निर्गुन्डी
- उड़द
- तिल
- कूठ
- बिल्व
- देवदारू
औषध योग
निम्नलिखित आयुर्वेद औषधियों का आभ्यंतर एवं बाह्य प्रयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सक सायटिका का उपचार करते हैं .
- वृहत्वातचिंतामणि रस
- वात कुलान्तक रस
- समीर पन्नग रस
- योगेन्द्र रस
- महा वात्विध्वंसन रस
- महा योगराज गुग्गुलु
- त्रयोदशांग गुग्गुलु
- अजमोदादि चूर्ण
- अश्वगंधा चूर्ण ( यह भी पढ़ें – अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए )
- अग्नितुंडी वटी
- दशमूलारिष्ट ( यह भी पढ़ें – दशमूलारिष्ट के फायदे )
- अश्वगंधारिष्ट ( यह भी पढ़ें – अश्वगंधारिष्ट के फायदे )
- महा नारायण तेल
- महा विषगर्भ तेल
- दशमूल क्वाथ
- महारास्नादि क्वाथ
- रास्ना सप्तक क्वाथ
FAQ
प्रश्न – साइटिका के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है ?
उत्तर – साइटिका के उपचार हेतु आयुर्वेद में कई प्रकार की औषधियां उपब्ध हैं जिनमे वृहत्वातचिंतामणि रस , महा योगराज गुग्गुलु , दशमूलारिष्ट , महारास्नादि क्वाथ , अजमोदादि चूर्ण , महानारायण तेल आदि प्रमुख हैं .
प्रश्न – क्या आयुर्वेद स्थायी रूप से साइटिका को ठीक कर सकता है ?
उत्तर – कटि बस्ति एवं आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देशानुसार औषधियों के समुचित प्रयोग से साइटिका में पूर्णतया लाभ प्राप्त होता है .
प्रश्न – साइटिका की मालिश कैसे करें ?
उत्तर – महा नारायण तेल , महा विषगर्भ तेल , प्रसारिणी तेल आदि द्वारा साइटिका में मालिश की जाती है . आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार इसका प्रयोग करें .
दोस्तों , इस लेख में हमने सायटिका और सायटिका आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानकारी प्रस्तुत की . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
अन्य पढ़ें –