हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आज हम पोषक तत्त्वों से भरपूर सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान से सम्बंधित जानकारी पेश कर रहे हैं . आशा यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी . स्वास्थ्य और आयुर्वेद से सम्बंधित जानकारी के लिए पढ़ते रहिये हमारा ब्लॉग .
सिंघाड़ा का सामान्य परिचय
सिंघाड़ा पानी में पायी जाने वाली वनस्पति है . इसकी बेल पानी में तैरती रहती है . सिंघाड़ा का फल कठोर बाहरी आवरण वाला एवं त्रिकोणाकार होता है . फल का छिलका हटाने पर अन्दर सफ़ेद रंग का बीज निकलता है जिसे कच्चा भी खाया जाता है और सुखा कर पका हुआ भी प्रयोग किया जाता है . सिंघाड़े का आटा बनाकर भी उपयोग किया जाता है .
सिंघाड़ा का वानस्पतिक नाम ” ट्रेपा बाईस्पाइनो सा ” है तथा अंग्रेजी में इसे Water Chesnut कहते हैं . संस्कृत में इसे श्रृंगाटक , त्रिकोणफल , जल फल आदि नामों से जाना जाता है .
सिंघाड़ा के पोषक तत्त्व
सिंघाड़ा में कई प्रकार के पोषक तत्त्व पाए जाते हैं और आयुर्वेद में औषधि के रूप में इसका उपयोग किया जाता है . सिंघाड़ा में निम्नलिखित पोषक तत्त्व पाए जाते हैं –
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- वसा
- आयरन
- कैल्शियम
- कॉपर
- मैंगनीज
- सोडियम
- पोटेशियम
- आयोडीन
- फास्फोरस
- फाइबर
- विटामिन ए
- विटामिन बी
- विटामिन सी
सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान
सिंघाड़ा औषधीय गुणों से भरपूर होता है और आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार में सिंघाड़ा का उपयोग किया जाता है .
सिंघाड़ा खाने के फायदे
आयुर्वेद में सिंघाड़ा के औषधीय गुणों का महत्त्व बताया गया है . विभिन्न रोगों में सिंघाड़ा खाने के फायदे निम्नानुसार हैं .
श्वेत प्रदर में सिंघाड़ा से लाभ
श्वेत प्रदर ( ल्यूकोरिया ) से पीड़ित महिलाओं द्वारा सिंघाड़े के आटे का हलवा बना कर सेवन करने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है .
मूत्र विकारों में सिंघाड़ा खाने के फायदे
मूत्र सम्बंधित समस्याओं में ठण्डे पानी से सिंघाड़े का आटा सेवन करने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पुरुषों में प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है )
गर्भाशय के विकारों में लाभप्रद
गर्भाशय कमजोर होने की स्थिति में तथा बार बार गर्भस्राव होने पर सिंघाड़े का हलवा नियमित सेवन करने से लाभ होता है .
सिंघाड़ा रक्तप्रदर में लाभकारी
रक्तप्रदर की शिकायत होने पर सिंघाड़े के आटे की रोटियाँ खाने से फायदा होता है .
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद
स्तनपान कराने वाली महिलाओं द्वारा सिंघाड़े का आटा दूध के साथ सेवन करने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है .
पौरुष शक्ति एवं वीर्यवर्धक है सिंघाड़ा
सिंघाड़े का सेवन करने से पुरुषों की काम शक्ति में इजाफा होता है और वीर्य की पुष्टि और वृद्धि होती है . ( यह भी पढ़ें –अकरकरा के फायदे पुरुषों के लिए )
खूनी बवासीर में सिंघाड़ा लाभप्रद
सिंघाड़े के सेवन से रक्तार्श ( खूनी बवासीर ) में फायदा होता है और रक्तस्राव बंद हो जाता है . ( यह भी पढ़ें – बवासीर में छाछ पीने के फायदे )
मांसपेशियों को मजबूत बनाता है सिंघाड़ा
सिंघाड़े के सेवन से शरीर हृष्ट पुष्ट होता है और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है तथा शारीरिक कमजोरी दूर होती है . ( यह भी पढ़ें – कमजोरी और थकान दूर करने के उपाय )
बच्चों के शारीरिक विकास के लिए लाभदायक
सिंघाड़े का आटा दूध एवं मिश्री के साथ सेवन कराने से बच्चों का शारीरिक विकास तेजी से होता है .
टोंसिलाइटिस में सिंघाड़ा है लाभकारी
गले के विकारों स्वरभेद , टोंसिलाइटिस आदि में सिंघाड़े का सेवन लाभप्रद होता है . गले से सम्बंधित समस्याओं में दूध में सिंघाड़े का आटा मिला कर सेवन करना चाहिए .
दांतों एवं हड्डियों के लिए सिंघाड़ा फायदेमंद
सिंघाड़ा में कैल्शियम के मौजूदगी के कारण यह हड्डियों एवं दांतों को मजबूत बनाता है .
सिंघाड़ा एनीमिया में लाभदायक
सिंघाड़ा में आयरन पाया जाता है और इसके सेवन से खून की कमी दूर होती है .
सिंघाड़ा से घेंघा रोग में फायदा
सिंघाड़ा में पर्याप्त आयोडीन की उपलब्धता के कारण यह घेंघा रोगियों के लिए लाभदायक होता है .
नेत्र ज्योति बढाने में सहायक
सिंघाड़ा में विटामिन ए की मौजूदगी के कारण यह नेत्र रोगों से रक्षा करता है एवं आँखों की रोशनी बढाने में मददगार होता है .
नकसीर में सिंघाड़ा से लाभ
सिंघाड़े के सेवन से नाक से बहने वाला खून बंद हो जाता है . ( यह भी पढ़ें – नकसीर का आयुर्वेदिक इलाज )
सिंघाड़ा खाने के नुकसान
सिंघाड़ा पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है और इसके औषधीय उपयोग भी बहुत हैं किन्तु अधिक मात्रा में सेवन करने से तथा व्यक्ति विशेष को सिंघाड़ा खाने के नुकसान भी हो सकते हैं . आइये जानते हैं सिंघाड़ा खाने के नुकसान क्या हैं .
- अधिक मात्रा में सेवन करने से पाचन सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है .
- जिन लोगों को सिंघाड़ा से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए .
- ठण्डे मौसम में तथा रात में कच्चे सिंघाड़े का सेवन करने से सर्दी जुकाम की संभावना होती है .
कच्चा सिंघाड़ा खाने के फायदे
कच्चे सिंघाड़े का सेवन करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं –
- शारीरिक कमजोरी दूर होती है
- नकसीर में फायदा होता है
- दांत मजबूत होते हैं
- खून की कमी ( एनीमिया ) में लाभ होता है
- नेत्र रोगों में लाभ होता है
FAQ
प्रश्न – सिंघाड़े की तासीर क्या होती है .
उत्तर – सिंघाड़े की तासीर ठंडी होती है .
प्रश्न – सिंघाड़ा कौनसी बीमारी में काम आता है ?
उत्तर – सिंघाड़े के सेवन से श्वेत प्रदर , रक्त प्रदर , पेशाब की तकलीफ , बवासीर आदि रोगों में फायदा होता है .
प्रश्न – सिंघाड़े खाने का सही समय क्या है ?
उत्तर – कच्चा सिंघाड़ा रात में नहीं खाना चाहिए . पका सिंघाड़ा या सिंघाड़े का आटा कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है .
प्रश्न – सिंघाड़े के बाद क्या नहीं खाना चाहिए ?
उत्तर – कच्चा सिंघाड़ा खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए .
दोस्तों , आज के लेख में हमने सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
अन्य पढ़ें –