दिन प्रतिदिन बढती जा रही जोड़ों के दर्द की समस्या के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पेन किलर मेडिसिन के साइड इफेक्ट्स के कारण जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा में लोगों की रुचि बढती जा रही है . दोस्तों , आज के लेख में हम इसी विषय पर जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं .
जोड़ों के दर्द के कारण
आयुर्वेद अनुसार किसी भी दर्द का मुख्य कारण वात [ वायु ] विकार होता है . वायु विकार या वात रोगों में मुख्यतः आमवात , संधिवात , वातरक्त आदि माने जाते हैं . आम बोलचाल की भाषा में जोड़ों में दर्द होने होने पर उसे गठिया रोग बोला जाता है . जोड़ों में दर्द होने केनिम्नलिखित कारण माने जाते हैं –
- व्यायाम न करना
- अधिक व्यायाम करना
- भोजन के बाद पानी पीना
- भोजन के तुरंत बाद में सोना
- अधिक ठण्डे वातावरण में रहना
- धूप में परिश्रम करने के बाद ठंडा पानी पीना या आइसक्रीम इत्यादि खाना
- विरुद्ध आहार करना
- कब्ज रहना
- रात में देर तक जागना
- आमवात या गठिया रोग होना
- वायरस संक्रमण या चिकनगुनिया जैसा रोग होना
- शरीर में कैल्शियम की कमी होना
- घुटनों में कार्टिलेज का क्षरण होना [ चिकनाई कम हो जाना ]
जोड़ों के दर्द के लिए घरेलू उपाय
जोड़ों के दर्द के उपचार के लिए कुछ साधारण उपाय बताये जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर इस समस्या से काफी हद तक राहत पायी जा सकती है . जोड़ों के दर्द के लिए घरेलू उपाय निम्नानुसार है .
जोड़ों के दर्द में मेथी से फायदा
- मेथी वात रोगों में बहुत अच्छा काम करती है और इसके सेवन से जोड़ों के दर्द में अच्छा लाभ होता है . मेथी के लड्डू बनाकर खाने से जोड़ों के दर्द में फायदा होता है . मेथी और गुड़ पानी में उबालकर यह पानी पीने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है .
अजवायन का जोड़ों के दर्द में उपयोग
- अजवायन का चूर्ण गुनगुने पानी से लेने पर जोड़ों के दर्द में लाभ होता है .
सौंठ जोड़ों के दर्द में लाभकारी
- सौंठ का चूर्ण भी जोड़ों के दर्द में लाभदायक है .
जोड़ों के दर्द में लहसुन का प्रयोग
- 5 – 7 लहसुन की कलियाँ गाय के दूध में उबालकर पीने से जोड़ों के दर्द में फायदा होता है .
सरसों का तेल जोड़ों के दर्द में फायदेमंद
- सरसों के तेल में लहसुन की कलियों को गर्म कर , जब लहसुन जल जाए तो लहसुन को तेल में मसल कर , छानकर इस तेल की मालिश करने पर दर्द में लाभ होता है .
जोड़ों के दर्द में राई का तेल लाभप्रद
- राई के तेल की मालिश करने से भी दर्द में लाभ होता है .
जोड़ों के दर्द में परहेज
किसी भी रोग की चिकित्सा में परहेज ( पथ्यापथ्य ) का विशेष महत्त्व होता है . आयुर्वेद अनुसार जोड़ों के दर्द में परहेज निम्नानुसार बताये गये हैं .
- जोड़ों के दर्द के रोगी को अधिक सर्दी और गर्मी से बचना चाहिए .
- उकडू या पालथी मार कर नहीं बैठना चाहिए .
- फूल गोभी , बैंगन , मटर , भिन्डी , उड़द की दाल नहीं खानी चाहिए .
- फास्ट फ़ूड से बचना चाहिए .
- ज्यादा नीची जगह पर नहीं बैठना चाहिए .
- शराब , चीनी , तले हुए खाद्य पदार्थ , कोल्ड ड्रिंक , आइसक्रीम आदि का सेवन नहीं करना चाहिए .
- रात में जागना नहीं चाहिए .
- मल , मूत्रादि का वेग धारण नहीं करना चाहिए .
- ठंडा , बासी भोजन , दही आदि का सेवन नहीं करना चाहिए .
जोड़ों के दर्द में क्या खाना चाहिए ?
जोड़ों के दर्द के रोगियों के लिए नीचे लिखे खाद्य पदार्थ लाभदायक होते हैं –
- लहसुन
- हल्दी ( यह भी पढ़ें – पुरुषों के लिए हल्दी के फायदे )
- अदरक ( यह भी पढ़ें – कच्चा अदरक खाने के फायदे और नुकसान )
- ब्रोंकली
- जैतून का तेल
- अनानास
- मशरूम
- अंकुरित गेहूं
- प्याज
- हींग
- सहिजन
- अजवायन
- जीरा
- करेला
- बथुआ
- परवल
- लौकी
जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा
जोड़ों के दर्द के उपचार के लिए आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार की औषधियों का वर्णन किया गया है जिनका इस्तेमाल योग्य चिकित्सक की देख रेख में करने पर निश्चित ही इस रोग में लाभ मिलता है . नीचे कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के नाम बताये जा रहे हैं जो आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार प्रयोग की जा सकती हैं –
- वटी या टेबलेट – रसोन वटी , संजीवनी वटी , हिन्ग्वादि वटी , चित्रकादि वटी , अग्नितुण्डी वटी .
- गुग्गुलु -महायोगराज गुग्गुलु , रास्नादि गुग्गुलु , सिंहनाद गुग्गुलु , त्रयोदाशांग गुग्गुलु , कैशोर गुग्गुलु .
- क्वाथ – महा रास्नादि क्वाथ , दशमूल क्वाथ , रास्ना सप्तक कषाय .
- चूर्ण – अजमोदादि चूर्ण , हिन्ग्वादि चूर्ण , पंचकोल चूर्ण , पथ्यादि चूर्ण .
- रस – आमवतारि रस , एकांगवीर रस , वातकुलान्तक रस , वातगजान्कुश रस , वृहत् वात चिंतामणि रस , समीरपन्नग रस , वातारि रस .
- आसव – अरिष्ट – अश्वगंधारिष्ट , दशमूलारिष्ट ,अमृतारिष्ट . ( पढ़ें – अश्वगंधारिष्ट के फायदे )
- तेल – महानारायण तेल , महाविषगर्भ तेल , एरण्ड तेल , प्रसारिणी तेल , सैन्धव तेल .
FAQ
प्रश्न – जोड़ों का दर्द किसकी कमी से होता है ?
उत्तर – जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण विटामिन D और कैल्शियम की कमी माना जाता है . आयुर्वेद अनुसार सभी प्रकार के दर्द का कारण शरीर में वात ( वायु ) विकार है .
प्रश्न – जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है ?
उत्तर – दर्द के लिए सरसों , तिल , बादाम , जैतून आदि के तेल का प्रयोग मालिश के लिए किया जाता है . आयुर्वेदिक महानारायण तेल , महा विषगर्भ तेल , एरण्ड तेल आदि जोड़ों के दर्द के लिए अच्छे माने जाते हैं .
यदि सही दिनचर्या का पालन , उचित खान पान , फिजियोथैरेपी और योग्य चिकित्सक के निर्देशानुसार आयुर्वेद औषधियों का सेवन किया जाए तो जोड़ों के दर्द से 30 दिन में राहत मिल सकती है .
दोस्तों , आज का लेख ” जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा ” आपको कैसा लगा ? अपनी राय अवश्य दें . अगले लेख में अन्य कोई उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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3 thoughts on “जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा, 30 दिन में पाइये जोड़ों के दर्द से छुटकारा | Best Ayurvedic Medicine for Joint Pain”