हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आज हम आयुर्वेद औषधि मंडूर भस्म के बारे में जानकारी पेश कर रहे हैं . इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि मंडूर भस्म के फायदे महिलाओं , पुरुषों और बच्चों के लिए क्या क्या हैं ?
मंडूर भस्म क्या है ?
आयुर्वेद के ग्रंथों में अनेक भस्मों का वर्णन किया हुआ है . लौह भस्म , स्वर्ण भस्म , रजत भस्म , ताम्र भस्म , अभ्रक भस्म , यशद भस्म आदि आयुर्वेद की रस औषधियां हैं जिनका विभिन्न रोगों में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा रोगोपचार के लिए प्रयोग किया जाता है . ऐसी ही एक अत्यंत गुणकारी भस्म मंडूर भस्म है जिसका कई रोगों में उपयोग किया जाता है . मंडूर भस्म का लिवर ( यकृत ) पर विशेष प्रभाव है और लिवर से सम्बंधित एनीमिया ( खून की कमी ) , पीलिया आदि रोगों में अति लाभप्रद है .
मंडूर भस्म के गुण
मंडूर भस्म सौम्य , शीतल और कषाय गुण वाली होती है . मंडूर भस्म लौह भस्म की अपेक्षा सूक्ष्म होती है और इसका प्रभाव शरीर पर जल्दी होता है . बच्चों , गर्भवती महिलाओं और कोमल प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए मंडूर भस्म लौह भस्म की तुलना में अधिक गुणकारी होती है .
मंडूर भस्म के फायदे
मंडूर भस्म के फायदे यकृत ( लिवर ) के लिए
मंडूर भस्म यकृत विकारों में श्रेष्ठ कार्य करती है . यकृत वृद्धि एवं यकृत के विकार के कारण शरीर में होने वाले पांडु ( पीलिया ) , कामला आदि रोगों में मंडूर भस्म के सेवन से अत्यंत लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पुनर्नवारिष्ट के फायदे )
मंडूर भस्म का प्रयोग सूजन के लिए
सर्वांग शोथ ( सारे शरीर में सूजन ) में मंडूर भस्म के प्रयोग से रोगी को लाभ होता है और सूजन में कमी हो जाती है .
तिल्ली बढ़ने ( प्लीहा वृद्धि ) पर मंडूर भस्म का उपयोग
प्लीहा वृद्धि ( तिल्ली बढना ) की स्थिति में मंडूर भस्म के सेवन से फायदा होता है .
एनीमिया ( खून की कमी ) के इलाज में मंडूर भस्म का प्रयोग
खून की कमी होने पर मंडूर भस्म के प्रयोग से रक्त कणों में वृद्धि होकर शारीरिक कमजोरी नष्ट होती है .
बच्चों द्वारा मिट्टी खाने पर मंडूर भस्म का प्रयोग
जो बच्चे मिट्टी , चाक आदि खाते हैं उन्हें मंडूर भस्म का सेवन कराने से लाभ होता है और बच्चों की मिट्टी खाने की आदत छूटती है .
बच्चों की हड्डियां मजबूत करने के लिए मंडूर भस्म लाभप्रद
बच्चों में शारीरिक कमजोरी और हड्डियाँ कमजोर होने की स्थिति में मंडूर भस्म का प्रयोग करने से भरपूर लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – कुमार कल्याण रस के फायदे )
पीरियड्स ( माहवारी ) के लिए मंडूर भस्म के फायदे
जिन लड़कियों में वयस्क होने के बाद भी मासिक स्राव ( पीरियड्स ) प्रारम्भ नहीं होता उन्हें मंडूर भस्म और त्रिफला चूर्ण का प्रयोग कराने से लाभ होता है .
मंडूर भस्म से होती है शारीरिक कमजोरी दूर
मंडूर भस्म और रस सिन्दूर का प्रयोग करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है और शरीर सशक्त ( मजबूत ) होता है .
पेट के कीड़ों में मंडूर भस्म से फायदा
पेट में कीड़े होने पर मंडूर भस्म , वायविडंग , पञ्च कोल चूर्ण के सेवन से लाभ होता है .
पीलिया में हैं मंडूर भस्म के फायदे
पीलिया रोग में मंडूर भस्म के सेवन से यकृत के कार्यों के सम्पादन में लाभ होता है , हीमोग्लोबिन बढ़ता है . शीतल गुण होने के कारण पित्त विकार नष्ट होता है . साथ में स्वर्ण माक्षिक भस्म और कुमार्यासव का प्रयोग करने से पीलिया में शीघ्र लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – कुमारी आसव के फायदे और नुकसान )
मंडूर भस्म के नुकसान
मंडूर भस्म बच्चों , महिलाओं , कोमल प्रकृति वालों सभी को सेवन कराया जा सकता है और स्पष्टतया इससे कोई नुकसान नहीं होते किन्तु मात्रा के अनुचित प्रयोग से नुकसान की संभावना हो सकती है . चूंकि यह एक भस्म औषधि है इसलिए चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही इसका सेवन करना चाहिए अन्यथा शारीरिक नुकसान भी हो सकते हैं . मंडूर भस्म के सेवन से मल के वर्ण में अंतर होना सामान्य है .
दोस्तों , इस आर्टिकल में हमने आयुर्वेद औषधि मंडूर भस्म के फायदे जाने . अगले लेख में अन्य उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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