साग , सब्जी , रायता , पराठों आदि के लिए उपयोग की जाने वाली हरी सब्जी बथुआ पौष्टिक गुणों से युक्त है और आज हम इसी गुणकारी सब्जी बथुआ खाने के फायदे और नुकसान इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं .
बथुआ के पोषक तत्त्व
बथुआ एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण सब्जी है जो बच्चों से लेकर बूढों तक सभी के लिए स्वास्थ्यवर्धक और गुणकारी होता है . बथुआ में अनेक पोषक तत्त्व होते हैं जिनसे यह स्वास्थ्यवर्धन के साथ कई रोगों के उपचार में भी महत्त्वपूर्ण साबित होता है . बथुआ में निम्नलिखित पोषक तत्त्व पाए जाते हैं –
- आयरन
- कैल्शियम
- पौटेशियम
- फास्फोरस
- मैग्नीशियम
- मैंगनीज
- सोडियम
- जिंक
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- फाइबर
- विटामिन ए
- विटामिन बी 1 , बी 2 , बी 3 , बी 5 , बी 6
बथुआ खाने के फायदे और नुकसान
बथुआ विटामिन और मिनरल्स का भंडार होने के कारण महिला , पुरुष , बच्चों , बूढों सभी के लिए समान रूप से लाभकारी और स्वास्थ्य को बढाने वाली वनस्पति है . आइये जानते हैं बथुआ खाने के फायदे और नुकसान क्या क्या हैं .
बथुआ खाने के फायदे
अपने पोषक तत्त्वों के कारण बथुआ हमारे स्वास्थ्य का संरक्षण तो करता ही है बल्कि कई रोगों के उपचार में भी बथुआ उपयोगी होता है . बथुआ खाने के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं –
उदर विकारों में बथुआ से लाभ
बथुआ में भरपूर फाइबर होता है और कब्ज को दूर करने वाला होता है इसलिए पेट की समस्याओं में बथुआ फायदेमंद होता है . बथुआ आमाशय को मजबूती प्रदान करता है , पाचन शक्ति में सुधार करता है ,भूख को बढाता है और लिवर के लिए लाभकारी होता है .
कील मुंहासों में बथुआ लाभकारी
पिम्पल्स या कील मुंहासों का मुख्य कारण रक्त विकार ( खून की खराबी ) होता है . बथुआ का सेवन करने से रक्त शुद्ध होता है और त्वचा विकारों , कील मुंहासों , फोड़े , फुंसी आदि में लाभ होता है .
पेट में कीड़े होने पर बथुआ का प्रयोग
बच्चों के पेट में कीड़े होने पर बथुआ की सब्जी खिलाने , कच्चे बथुआ का रस पिलाने या बथुआ के बीजों को पीस कर शहद के साथ चटाने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं .
दांत के दर्द में बथुआ से फायदा
बथुआ की पत्तियों को उबाल कर पीने से दांत के दर्द में आराम मिलता है . बथुआ के बीजों के चूर्ण को मंजन की तरह दांतों पर रगड़ने से दांत दर्द और मसूढ़ों की सूजन में फायदा होता है .
रक्तपित्त में बथुआ का उपयोग
रक्त पित्त ( नाक , कान आदि से खून निकलना ) होने पर बथुआ का साग खाने अथवा बथुआ के बीजों का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
एनीमिया में बथुआ खाने के फायदे
बथुआ में आयरन की मौजूदगी के कारण एनीमिया ( खून की कमी ) के रोगी द्वारा नियमित सेवन करने से रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है और कमजोरी दूर होती है .
पीरियड्स में बथुआ के फायदे
अनियमित माहवारी होने पर बथुआ के बीज और सौंठ बराबर मात्रा में लेकर काढा बना कर सेवन करने से मासिक स्राव ( पीरियड्स ) नियमित होते हैं . ( यह भी पढ़ें – शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए )
बालों को मजबूत और काला करता है बथुआ
पोषक तत्त्वों से भरपूर होने के कारण बथुआ का नियमित सेवन करने से बालों का प्राकृतिक रंग बना रहता है और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं . ( यह भी पढ़ें – प्याज से गंजापन कैसे दूर करें )
चेहरे के दाग धब्बों को दूर करता है
चेहरे पर दाग धब्बे , झाइयां होने पर बथुआ के बीजों का पेस्ट बना कर उबटन की तरह इस्तेमाल करने से दाग धब्बे दूर होते हैं तथा चेहरे की चमक बढ़ती है . ( यह भी पढ़ें – जायफल के फायदे चेहरे के लिए )
वजन कम करने में सहायक
बथुआ का साग का सेवन करने से पेट की चर्बी कम होती है तथा वजन कम करने में सहायता मिलती है .
बथुआ से जोड़ों के दर्द में राहत
जोड़ों में दर्द होने पर बथुआ के बीजों का काढा नियमित लेने से दर्द में आराम मिलता है . ( यह भी पढ़ें – जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा )
लिवर के लिए फायदेमंद है बथुआ
बथुआ का सेवन करने से लिवर के कार्य सम्पादन में सुधार होता है तथा पाचन शक्ति में वृद्धि होती है .
मूत्र विकारों में बथुआ लाभप्रद
बथुआ का साग खाने से पेशाब की रुकावट और जलन में फायदा होता है . बथुआ का रस मिश्री के साथ सेवन करने से मूत्रावरोध ( पेशाब की रुकावट ) में फायदा होता है .
इम्यूनिटी बढाने में सहायक
बथुआ एवं गिलोय का रस पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता ( इम्यूनिटी ) में वृद्धि होती है .
शारीरिक शक्ति एवं यौन क्षमता में वृद्धि
बथुआ का सेवन करने से कमजोरी नष्ट होती है , यौन क्षमता बढ़ती है और शुक्राणुओं की वृद्धि होती है .
बथुआ खाने के नुकसान
सामान्यतः बथुआ एक महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्यवर्धक सब्जी है जिसके दुष्प्रभाव नगण्य हैं किन्तु निम्नलिखित व्यक्तियों को बथुआ का सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए .
- अतिसार या दस्त होने पर बथुआ का सेवन न करें अन्यथा तकलीफ बढ़ सकती है .
- बथुआ की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को बिना चिकित्सक की सलाह इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
- जिन लोगों को बथुआ से एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
FAQ
प्रश्न – बथुआ की तासीर क्या होती है ?
उत्तर -बथुआ उष्ण वीर्य होता है अर्थात् बथुआ की तासीर गर्म होती है .
प्रश्न- क्या बवासीर में बथुआ खा सकते हैं ?
उत्तर – बथुआ में भरपूर फाइबर होता है तथा यह कब्ज को दूर करता है एवं पाचन शक्ति को बढाता है इसलिए बवासीर के रोगियों के लिए लाभकारी होता है .
प्रश्न – क्या बथुआ गर्मी में अच्छा होता है ?
उत्तर – बथुआ सामान्यतः सर्दियों में मिलने वाली सब्जी है तथा इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए यह सर्दियों के मौसम में इस्तेमाल करने से लाभप्रद होता है .
दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने बथुआ खाने के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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