जानिये अत्यंत गुणकारी अभ्रक भस्म के फायदे | 15 Benefits of Abhrak Bhasma.

आयुर्वेद में काष्ठ औषधियों के अलावा रस और भस्म औषधियों का अत्यंत महत्त्व है . ऐसी ही अनेक कष्टप्रद व्याधियों में प्रयोग की जाने वाली अभ्रक भस्म के फायदे इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं . विभिन्न रोगों की चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण आयुर्वेद औषधि अभ्रक भस्म के उपयोग जानने के लिए पढ़ते रहिये .

अभ्रक भस्म के फायदे

Table of Contents

अभ्रक भस्म के उपयोग

अभ्रक भस्म में योगवाही गुण होता है जिससे यह जिस भी औषधि के साथ प्रयोग की जाती है उसके गुणों में वृद्धि कर देती है . इस विशेष गुण के कारण इसका प्रयोग सभी प्रकार के रोगों की चिकित्सा में अन्य औषधियों के संयोग से किया जाता है और बेहतर परिणाम मिलते हैं .

अनुपान भेद से अभ्रक भस्म का उपयोग वात रोग , पित्त रोग , कफ रोग , श्वास , कास , जीर्ण ज्वर , मधुमेह , धातु क्षय , हृदय रोग , रक्त पित्त , अम्लपित्त , रक्तार्श , भगंदर , मानसिक दौर्बल्य , शोथ , पांडु , न्यूमोनिया , संग्रहणी आदि की चिकित्सा में किया जाता है .

अभ्रक भस्म के फायदे

अभ्रक भस्म आयुर्वेद की एक महत्त्वपूर्ण और उपयोगी औषधि है जिसका बहुत से रोगों की चिकत्सा में प्रयोग किया जाता है . अलग अलग औषधियों के संयोग से अभ्रक भस्म के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं .

अभ्रक भस्म के फायदे

अस्थमा में अभ्रक भस्म का प्रयोग

श्रृंग भस्म , टंकण भस्म , सितोपलादि चूर्ण और अभ्रक भस्म के प्रयोग से श्वास ( अस्थमा ) के रोगी को लाभ होता है .

पुराने बुखार ( जीर्ण ज्वर ) में लाभ

अभ्रक भस्म , पिप्पली चूर्ण और चौसठ प्रहरी पिप्पली को शहद के साथ सेवन करने से पुराने से पुराने बुखार में भी लाभ होता है .

अभ्रक भस्म का डायबिटीज में उपयोग

अभ्रक भस्म , त्रिवंग भस्म , शिलाजीत और गुडमार चूर्ण का सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर कम होता है . ( यह भी पढ़ें – डायबिटीज के लक्षण और उपाय )

संग्रहणी में अभ्रक भस्म से लाभ

अभ्रक भस्म को कुटजावलेह या अनार के शरबत के साथ सेवन करने से संग्रहणी के रोगी को लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – संग्रहणी में कुटजारिष्ट के फायदे )

कमजोरी दूर करने के लिए अभ्रक भस्म का प्रयोग

अभ्रक भस्म और विदारीकंद चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है तथा बल में वृद्धि होती है .

आँखों की रोशनी बढाने में उपयोग

त्रिफला चूर्ण और शहद के साथ अभ्रक भस्म का सेवन करने से नेत्र ज्योति बढ़ती है .

बवासीर में अभ्रक भस्म का प्रयोग

अभ्रक भस्म और निशोथ चूर्ण को पान के रस के साथ सेवन करने से अर्श ( बवासीर ) के रोगियों को लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय )

पीलिया में है लाभकारी

अभ्रक भस्म , लौह भस्म , नवायस लौह और प्रवाल पिष्टी को शहद के साथ सेवन करने से पांडु ( पीलिया ) रोग में लाभ होता है .

अभ्रक भस्म से खांसी में फायदा

अभ्रक भस्म , टंकण भस्म और तलीसादि चूर्ण को शहद के साथ लेने से खांसी में फायदा होता है .

हृदय रोग में अभ्रक भस्म के फायदे

अभ्रक भस्म , अकीक पिष्टी , मुक्ता पिष्टी और अर्जुनत्वक् चूर्ण का सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है .

दिमागी कमजोरी में अभ्रक भस्म लाभदायक

अभ्रक भस्म , मुक्ता पिष्टी और ब्राह्मी चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से मानसिक दुर्बलता दूर होती है .

रक्तपित्त में अभ्रक भस्म का उपयोग

अभ्रक भस्म , हरीतकी , इलायची और मिश्री को दूर्वा स्वरस के साथ सेवन करने से रक्तपित्त में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – नकसीर का आयुर्वेदिक इलाज )

जोड़ों के दर्द व वात रोगों में लाभकारी

सौंठ , अश्वगंधा , पुष्कर मूल और अभ्रक भस्म का सेवन करने से वातरोगों में लाभ होता है और दर्द में कमी होती है. ( यह भी पढ़ें – जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा )

न्यूमोनिया में अभ्रक भस्म से लाभ

अभ्रक भस्म , श्रृंग भस्म , टंकण भस्म और दालचीनी पाउडर को शहद के साथ प्रयोग करने से न्यूमोनिया में लाभ होता है .

अभ्रक भस्म का उदर रोगों में फायदा

पेट की समस्याओं में अभ्रक भस्म और त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से लाभ होता है .

अभ्रक भस्म के नुकसान

अभ्रक भस्म एक रस औषधि है इसलिए इसका सेवन निर्धारित मात्रा में रोग और रोगी के बल , आयु आदि के अनुसार चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिए अन्यथा नुकसान की संभावना होती है . आइये जानते हैं अभ्रक भस्म के नुकसान क्या हैं .

अभ्रक भस्म के नुकसान
  • किडनी के रोगी अभ्रक भस्म के इस्तेमाल से बचें अन्यथा समस्या में इजाफा हो सकता है .
  • पेट की गंभीर बीमारी से पीड़ित अभ्रक भस्म का सेवन न करें .
  • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलायें सेवन से बचें अथवा चिकित्सक से परामर्श करें .
  • आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही अभ्रक भस्म का प्रयोग करे , स्वेच्छा से नहीं अन्यथा शारीरिक हानि हो सकती है .

FAQ

प्रश्न – अभ्रक भस्म क्या काम करता है ?

उत्तर – अभ्रक भस्म एक आयुर्वेद औषधि है जो श्वास , कास , जीर्ण ज्वर , प्रमेह ,दौर्बल्य आदि में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा प्रयोग की जाती है .

प्रश्न – अभ्रक भस्म कब लेना चाहिए ?

उत्तर – अभ्रक भस्म 250 मिग्रा सुबह शाम रोगानुसार अनुपान भेद से लेने का विधान है . चिकित्सक के परामर्श और दिशा निर्देशानुसार इसका सेवन करना चाहिए .

दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने अभ्रक भस्म के फायदे और अभ्रक भस्म के उपयोग से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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