स्वागत सत्कार में सुपारी और लौंग के साथ पेश की जाने वाली इलायची कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है . इस लेख में हम इसी छोटी इलायची के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं .
इलायची का सामान्य परिचय
भारत देश में शायद ही कोई हो जो इलायची से परिचित ना हो . भारत इलायची का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक देश है . इलायची दो प्रकार की पायी जाती हैं जिन्हें छोटी और बड़ी इलायची कहा जाता है . इलायची के गुण और औषधीय उपयोग के कारण इसे हरा सोना भी कहा जाता है . मिठाइयों , ठंडाई , चाय , दूध व अन्य पकवानों में स्वाद और सुगंध को बढाने के लिए इलायची का उपयोग किया जाता है .
आयुर्वेद में इलायची के कई औषधीय उपयोग बताये गये हैं . यह वात , कफ शामक , कास – श्वास हर , मूत्रावरोध और अर्श को नष्ट करने वाली होती है .
इलायची के पोषक तत्त्व
इलायची में कार्बोहाइड्रेट 42.1 प्रतिशत , उड़नशील तेल 2.7 प्रतिशत , नमी 20 प्रतिशत , पीत रंजक द्रव्य 6.10 प्रतिशत , कैल्शियम 1.3 प्रतिशत तथा कम मात्रा में आयरन , मैंगनीज , फास्फोरस आदि पाए जाते हैं .
छोटी इलायची के फायदे और नुकसान
इलायची सेहत और स्वाद दोनों को बनाए रखने में उपयोगी है . छोटी इलायची चबाने से मुख दौर्गंध्य , गले की खराश आदि समस्याओं में लाभ होता है . इलायची के अन्य विभिन्न रोगों में कई औषधीय उपयोग हैं . आइये जानते हैं छोटी इलायची के फायदे और नुकसान क्या हैं .
इलायची खाने के फायदे
स्वाद और सुगंध के अलावा इलायची को औषधीय गुणों के कारण भी जाना जाता है . इलायची खाने के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं .
पथरी में इलायची का प्रयोग
गुर्दे की पथरी में इलायची , पिप्पली और शिलाजीत को मिश्री मिला कर पानी के साथ लेने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – गुर्दे की पथरी का इलाज )
इलायची का शीतपित्त में उपयोग
इलायची , दालचीनी और पिप्पली को बराबर मात्रा में लेकर मक्खन के साथ सेवन करने से शीतपित्त में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – शीत पित्त का आयुर्वेदिक इलाज )
ल्यूकोरिया में इलायची से लाभ
छोटी इलायची , नागकेसर और वंशलोचन बराबर मात्रा में लेकर मिश्री मिला कर कुछ दिन नियमित दूध के साथ सेवन करने से श्वेत प्रदर ( ल्यूकोरिया ) में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – ल्यूकोरिया की आयुर्वेदिक दवा )
इलायची से बुखार में फायदा
काली मिर्च और इलायची का चूर्ण लेने से बुखार में फायदा होता है .
उल्टी में इलायची का उपयोग
इलायची को पानी में उबाल लें और ठंडा होने पर मिश्री मिला कर थोड़ा थोड़ा पीने से उल्टी में लाभ होता है .
हकलाहट और तुतलाहट में इलायची का प्रयोग
हकलाने या तुतलाने की समस्या होने पर छोटी इलायची , वच , लौंग , कुलंजन और अकरकरा का चूर्ण सारस्वतारिष्ट के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
उदर रोगों में इलायची के फायदे
इलायची , अजमोद , सौंठ , आंवला और सैंधा नमक बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें . इस चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से , पेट दर्द , गैस , बदहजमी आदि में लाभ होता है .
सिर दर्द में इलायची का उपयोग
20 ग्राम इलायची और 5 ग्राम पीपल को पीस कर चूर्ण बना लें . यह चूर्ण आधा आधा चम्मच शहद के साथ सेवन करने से सिर दर्द में लाभ होता है .
मुंह के छालों में इलायची का उपयोग
छोटी इलायची और फिटकरी को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें . इस पाउडर को जीभ के छालों पर रख कर लार टपकायें , बाद में साफ़ पानी से कुल्ला कर लें . दिन में तीन चार बार यह प्रयोग करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है .
खांसी में इलायची से लाभ
सूखी खांसी होने पर 10 ग्राम छोटी इलायची लें और तवे पर गर्म कर लें . जब छिलके गर्म होकर काले पड़ जाएँ तो उतार कर ठंडा कर लें . ठंडा होने पर पीस कर पाउडर बना लें . इस पाउडर को आधा आधा चम्मच शहद के साथ सेवन करने से खांसी में लाभ होता है .
कफ वाली खांसी होने पर इलायची और सौंठ को बराबर मात्रा में पीस कर चूर्ण बना लें . इस चूर्ण को आधा आधा चममच शहद के साथ सेवन करने से खांसी में आराम होता है . ( यह भी पढ़ें – पुरानी से पुरानी खांसी की दवा )
मूत्र रोगों में इलायची का प्रयोग
पेशाब में जलन या रुकावट होने पर इलायची चूर्ण को आधा दूध और आधा पानी में उबाल कर ठंडा होने पर मिश्री के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
हिचकी में इलायची का उपयोग
हिचकी आने पर मुंह में इलायची को चबाने से लाभ होता है .
जुकाम में इलायची से लाभ
जुकाम होने पर इलायची और काली मिर्च का चूर्ण सेवन करने से लाभ मिलता है . ( यह भी पढ़ें – काली मिर्च के फायदे )
इलायची के सेवन से बवासीर में लाभ
इलायची शीत वीर्य अर्थात् तासीर में ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन करने से बवासीर के रोगियों को लाभ होता है .
मुंह की बदबू दूर करने में लाभप्रद
मुंह में बदबू आने पर इलायची चबाने से मुंह की बदबू नष्ट होती है . ( यह भी पढ़ें – मुंह में बदबू आने के कारण और उपाय )
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक
भोजन के बाद इलायची चबाने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में सहायता मिलती है . ( यह भी पढ़ें – हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए )
इलायची खाने के नुकसान
वैसे तो इलायची अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होती है तथा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है किन्तु कुछ लोगों को इसके अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं . आइये जानते हैं इलायची खाने के नुकसान क्या हैं .
- गर्भावस्था में इलायची का सेवन करने से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें . स्वेच्छा से इलायची का अधिक सेवन हानिकर हो सकता है .
- जिन लोगों को इलायची से एलर्जी है उन्हें इलायची का सेवन नहीं करना चाहिए .
- इलायची का सेवन गुर्दे की पथरी में लाभदायक होता है किन्तु पित्त की थैली में पथरी होने पर इलायची का सेवन पीड़ा को बढ़ा सकता है .
1 दिन में कितनी इलायची खाना चाहिए ?
सामान्यतः 1 दिन में 2-4 इलायची चबाना पर्याप्त होता है . रोग विशेष के उपचार में इलायची का प्रयोग करने पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए और चिकित्सक के निर्देशानुसार ही इलायची का उपयोग करना चाहिए .
FAQ
प्रश्न – प्रतिदिन इलायची खाने से क्या होता है ?
उत्तर – इलायची के सेवन से गले की खराश , मुंह की बदबू , अपच , उल्टी आदि में लाभ होता है .
प्रश्न – क्या इलायची पुरुष के लिए अच्छी है ?
उत्तर – पुरुषों द्वारा इलायची का सेवन यौनेच्छा और यौन क्षमता में वृद्धि करने वाला होता है .
प्रश्न – इलायची खाने का सही तरीका क्या है ?
उत्तर – इलायची को चबा कर खाया जा सकता है , इलायची का पाउडर भी इस्तेमाल किया जा सकता है तथा दूध या चाय में डाल कर भी इलायची का सेवन किया जा सकता है .
प्रश्न – इलायची गर्म होती है ?
उत्तर – इलायची की तासीर ठंडी होती है .
दोतों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में हमने छोटी इलायची के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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