हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आपका स्वागत है . आज के लेख में हम आपको स्वस्थ रहने के उपाय बताने जा रहे हैं [ How to be healthy ? ] आशा है यह आर्टिकल आपको पसंद आयेगा .
स्वस्थ रहने के लिए क्या करना चाहिए ?
आधुनिक जीवन शैली, दौड़ धूप वाली जिंदगी, अत्यधिक काम का बोझ , अनुचित खान पान, मानसिक तनाव आदि कारणों से आम आदमी को स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है । गैस, एसिडिटी जैसी पेट की आम समस्या से लेकर हार्ट, लीवर , किडनी के रोगों में दिनों दिन वृद्धि होती जा रही है ।
आम आदमी के जीवन का सबसे बड़ा प्रश्न आज यही है कि स्वस्थ कैसे रहा जाए ?
क्या वर्तमान में इस व्यस्त जिंदगी में स्वस्थ रहना सम्भव नहीं है ? इस प्रश्न का आसान जवाब है कि जी हां स्वस्थ रहा जा सकता है । स्वस्थ रहना बहुत मुश्किल काम नहीं है और न ही इसके लिए बहुत कठोर साधना की आवश्यकता है, बस जरूरी है एक अनुशासित नियमित दिनचर्या और कुछ आसान उपाय जिंदगी में अपनाने के लिए । आज हम यहां बताने जा रहे हैं कुछ साधारण और आसान हैल्थ टिप्स जिन्हें अपना कर एक स्वस्थ जीवन जिया जा सके ।
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स्वस्थ कौन होता है ?
How to be healthy ? यह समझने से पहले हम समझते हैं कि स्वस्थ [ Healthy ] किसे कहते हैं ? स्वस्थ की बहुत सुंदर परिभाषा आयुर्वेद में कही गई है –
दोष, धातु और मल के सामान्य अवस्था में रहकर कार्य करने तथा आत्मा, इंद्रियों एवं मन के प्रसन्न रहने को स्वस्थ कहा जाता है ।
स्वस्थ रहने के उपाय
आइये कुछ आसान तरीकों से स्वस्थ जीवन की शुरुआत करें और समझें कि स्वस्थ कैसे रहा जाए ? नीचे कुछ स्वस्थ रहने के उपाय बताये जा रहे हैं –
दिनचर्या – स्वस्थ रहने के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्वस्थ दिनचर्या का होना है । दिनचर्या शुरू होती है जागने के साथ तो सबसे जरूरी है यह जानना कि कब जागें ? हमारा शरीर प्रकृति के पांच तत्त्वों से बना है और हम जितना प्रकृति के अनुसार जियेंगे उतना ही स्वस्थ रहेंगे ।
प्राकृतिक रूप से दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ होती है और हमें भी सूर्योदय के साथ ही जाग जाना चाहिए । यह स्वास्थ्य का पहला कदम है और कहा गया है आगाज अच्छा होता है तो अंजाम भी अच्छा ही होता है । Early to bed and early to rise makes a man healthy, wealthy & wise.
जागने के बाद क्या करें ? जागने के बाद अपने मुंह की लार से आंखों में अंजन करें ( काजल की तरह लगायें)। बिना कुल्ला किए गुनगुना पानी या रात भर तांबे के बर्तन में रखा पानी पियें। पेड़ पौधों की हरियाली देखें , मोबाइल या टी वी स्क्रीन बिल्कुल न देखें । जब तक बहुत आवश्यक न हो बीस मिनिट किसी से बात ना करें और प्रकृति को आभार व्यक्त करते हुए दिन की शुरुआत करें ।
दांतों की सफाई – सम्भव हो तो नीम, बबूल आदि की दातुन करें । यदि ब्रश ही करना है तो दांतों को अधिक देर तक न रगड़ें ।
स्नान – नहाने के लिए अधिक ठंडा और गर्म पानी का प्रयोग न करें । आंखों को धोते समय मुंह में पानी भर लें । साबुन का अधिक प्रयोग न करें , साबुन का प्रयोग करना हो तो अच्छी क्वालिटी वाले साबुन जिसकी ग्रेड 1 और TFM 76% या अधिक हो उसी का प्रयोग करें ।
व्यायाम – हल्का फुल्का व्यायाम या योग अवश्य करें । व्यायाम और भोजन में कम से कम दो घंटों का अंतराल होना चाहिए ।
भोजन – भोजन शांति से, पूरे मन से धीरे धीरे और खूब चबा चबा कर करें । बहुत मसालेदार, रूखा सूखा, भारी और डिब्बा बंद आहार का प्रयोग न करें । भोजन के मध्य ज्यादा बात न करें और मोबाइल, टी वी देखते हुए भोजन न करें । भोजन के बीच थोड़ा थोड़ा पानी पियें, भोजन के तत्काल बाद पानी न पिएं । भोजन के बाद सीधा लेटकर 8, दाएं हाथ करवट लेकर 16 और बाईं करवट लेकर 32 सांस लें और फिर उठ जाएं । After lunch sleep a while, after dinner walk a mile.
भोजन के बाद क्या नहीं करें ?
व्यायाम, मैथुन, दौड़ना, पीना, लड़ाई करना, गाना और पढ़ना ये सब कार्य भोजन के एक मुहूर्त अर्थात् लगभग 45 मिनिट तक नहीं करने चाहिए ।
रात्रि का भोजन – हमारा शरीर प्रकृति के अनुरूप क्रियाशील होता है । सूर्यास्त के बाद हमारे लीवर, गुर्दे आदि की क्रिया शिथिल हो जाती है इसलिए सूर्यास्त के बाद भोजन मना किया गया है।
रात्रि का भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिए । सम्भव हो तो रात आठ बजे तक भोजन कर लेना चाहिए । रात्रिभोज के बाद कुछ देर टहलना चाहिए । भोजन के तुरन्त बाद सोना नहीं चाहिए । यदि दूध लेते हैं तो भोजन के एक घंटे बाद लें। दूध रात में और छाछ, दही दिन में लेना चाहिए । दही का प्रयोग रात में नहीं करना चाहिए ।
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नींद – अच्छे स्वास्थ के लिए अच्छी सुखद नींद बहुत आवश्यक है । आदमी को कितने घंटों तक सोना चाहिए ? इस सम्बंध में निश्चित कुछ नहीं है क्योंकि हर व्यक्ति की अलग प्रकृति होती है किंतु सामान्यतः आम आदमी के लिए 6 घंटे और बच्चों के लिए 8 घंटों की नींद पर्याप्त और अच्छी मानी जा सकती है ।
मेडिटेशन एवं सकारात्मक सोच – अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मानसिक स्वास्थ्य आवश्यक है । मेडिटेशन तथा सकारात्मक सोच मन को प्रसन्न रखने एवं मजबूती प्रदान करने में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है ।
ऋतुचर्या – मौसम के अनुसार खान पान और रहन सहन करना चाहिए ।
इस तरह कुछ आसान तरीकों को अपनाकर और कुछ बातों का खयाल रख कर हम खुद को स्वस्थ रख सकते हैं । इस लेख में हमने जाने स्वस्थ रहने के उपाय [ How to be healthy ? ] आगामी लेख में फिर कोई उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे
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बहुत कुछ और पाना है तो स्वस्थ रहना है ज़रूरी वरना हाल ही का BIG BULL का अर्ली देहांत तो याद है ही ।
धन्यवाद .