Jab tum nahin ho “|” जब तुम नहीं हो !
दिन काटे कटते नहीं और तन्हा रातें डसती हैं, जब तुम नहीं हो ।आहटें चौंका देती हैं मुझे और निगाहें तरसती हैं, जब तुम नहीं हो ।नींद आँखों से दूर हुई तस्वीर तुम्हारी बसती है, जब तुम नहीं हो ।मेरा आँगन सूखा है हर ओर बूँदें बरसती हैं, जब तुम नहीं हो ।मैं कुछ कर … Read more