" पूजा हो तुम मेरी "
जमाने में प्यार तो सभी किया करते हैं, करने लगा हूँ बन्दगी ।
पूजा हो तुम मेरी ।।
जीने का अंदाज कुछ और ही हो गया, बदल गयी है जिन्दगी ।
पूजा हो तुम मेरी ।।
चाहत का असर ऐसा हुआ मुझ पर, लोग समझते हैं दीवानगी ।
पूजा हो तुम मेरी ।।
हसीन चेहरे बहुत देखा किये हमने, भाती है तुम्हारी सादगी ।
पूजा हो तुम मेरी ।।
जिंदगी भटक रही थी अंजान राहों में, खो गयी अब आवारगी ।
पूजा हो तुम मेरी ।।
“राजन” उदासियों से घिरा था दिल मेरा, छा गयी है मस्तानगी ।
पूजा हो तुम मेरी ।।
डॉ. राजेन्द्र कुमार “राजन”
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