अँधेरे भी रास आने लगते हैं | Andhere Bhi Raas Aane Lagte Hain
कौन कहता है कि ख़ुशी पर वश है सबका निगाहों में जहालत देख कर कुशी काफूर हो जाती है . आसमानों में उड़ने की तमन्ना मंजिलों को पाने की ख्वाहिश क्यों किसी के हाथों चूर हो जाती है . वो कहे हंस तो हँसना वो कहे रो तो रोना है आखिर क्या है जो जिन्दगी … Read more