हृदय रोगों के लिए गुणकारी है अर्जुन , जानें अर्जुनारिष्ट के फायदे .

आयुर्वेद में अर्जुन को हृदय का मित्र कहा गया है और प्राचीन काल से ही अर्जुन का हृदय रोग चिकित्सा में विशिष्ट स्थान रहा है . अर्जुन की छाल का चूर्ण और अर्जुन से निर्मित अर्जुनारिष्ट आदि अन्य आयुर्वेद औषधियों का हृदय रोगों में विशेष महत्त्व बताया गया है .

अर्जुनारिष्ट के फायदे

अर्जुन क्या है ?

अर्जुन का वृक्ष लगभग 20-30 मीटर ऊंचा होता है . वर्ष में एक बार अर्जुन की छाल स्वयं वृक्ष से अलग हो जाती है . अर्जुन की छाल का रंग अन्दर से गहरा गुलाबी और बाहर सफ़ेद होता है . अर्जुन के पेड़ पर बसंत ऋतु में फूल खिलते हैं जो हल्के पीले सफेद रंग के होते हैं . अर्जुन के फल प्रारम्भ में हरे – पीले रंग के होते हैं जो पकने पर भूरे – लाल रंग के हो जाते हैं .

अर्जुन का पेड़

अर्जुन की छाल के औषधीय प्रयोग

अर्जुन की छाल का सेवन करने से हृदय की संकुचित कोशिकाओं में ब्लड सर्कुलेशन नेचुरल होने के कारण हृदयाघात ( हार्ट अटैक ) की संभावना कम हो जाती है . अर्जुन की छाल का प्राचीन काल से ही हृदय रोगों एवं अन्य विकारों में औषधीय प्रयोग होता रहा है . निम्नलिखित रोगों में अर्जुन की छाल के औषधीय प्रयोग किये जाते हैं .

  • अर्जुन की छाल का काढा पीने से हृदय विकारों में आराम मिलता है और हार्ट अटैक की सम्भावना कम होती है .
  • अर्जुन की छाल का चूर्ण दूध में उबाल कर मिश्री के साथ सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है .
  • अर्जुन की छाल का काढा बना कर इस काढ़े से मलद्वार को धोने से बवासीर के दर्द और जलन में फायदा होता है . ( पढ़ें – बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज )
  • महिलाओं में रक्त प्रदर होने पर अर्जुन की छाल का चूर्ण और चन्दन के चूर्ण का काढा बना कर सेवन करने से लाभ होता है .
  • अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर पिम्पल्स पर लगाने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पिम्पल्स को जड़ से खत्म कैसे करें )
  • अर्जुन की छाल का काढा बनाकर पीने से पेशाब की रुकावट में फायदा होता है और पेशाब खुल कर आता है .
  • सिर में फुंसियां होने पर अर्जुन की छाल का काढ़ा बना कर सिर धोने से फुंसियों में लाभ होता है .
  • अर्जुन की छाल का काढा अथवा चूर्ण का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है .
  • अर्जुन की छाल का चूर्ण उदर विकारों ( पेट की समस्याओं ) में लाभप्रद होता है .

अर्जुन की छाल लेने की विधि

अर्जुन की छाल कैसे लेनी चाहिए

अर्जुन की छाल का काढा अथवा चूर्ण बना कर सेवन किया जाता है जो विभिन्न रोगों के उपचार में मदद करता है . अर्जुन की छाल की सेवन विधि मुख्यतः निम्नलिखित है –

  • 10 ग्राम अर्जुन की छाल को 150 मिली दूध में उबाल कर मिश्री मिलाएं . दूध का जलीयांश खत्म होने पर दूध को छान कर सेवन करें . इसमें इलायची भी डाल सकते हैं .
  • अर्जुन की छाल को 200 मिली पानी में उबाल कर काढा बनायें , पानी को इतना उबालें कि चौथा भाग शेष रहे . चतुर्थांश शेष रहने पर छान कर इस्तेमाल करें .
  • अर्जुन की छाल का चूर्ण दूध में उबाल कर चाय की तरह भी सेवन कर सकते हैं .

अर्जुनारिष्ट के फायदे

अर्जुनारिष्ट के फायदे
अर्जुनारिष्ट के फायदे

आयुर्वेद के ग्रंथों में प्राचीन काल से ही अर्जुन की छाल का हृदय रोगों के उपचार हेतु प्रयोग किया जाता रहा है . अर्जुन की छाल से निर्मित अर्जुनारिष्ट हृदय रोगों की एक प्रमुख औषधि है . अर्जुन का एक नाम पार्थ होने के कारण इसे पार्थाद्यरिष्ट भी कहा जाता है . आयुर्वेद अनुसार अर्जुनारिष्ट के फायदे निम्नानुसार हैं – ( यह भी पढ़ें – अशोकारिष्ट के फायदे )

हृदय रोग ( हार्ट डिजीज ) में लाभकारी

अर्जुनारिष्ट का दिन में दो बार भोजन के बाद सेवन करने से हृदय से सम्बंधित समस्याओं में फायदा होता है तथा हार्ट अटैक का ख़तरा कम होता है .

कोलेस्ट्रोल घटाने में सहायक

अर्जुनारिष्ट के सेवन से बढे हुए कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है . रक्त वाहिकाओं में अवरोध ( ब्लाकेज ) को खत्म करने में भी अर्जुनारिष्ट का सेवन मदद करता है .

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है

अर्जुन में प्राकृतिक रक्त संचार का गुण पाया जाता है जिसके कारण अर्जुनारिष्ट के सेवन से उच्च रक्तचाप के रोगियों को लाभ होता है .

दमा ( अस्थमा ) में लाभप्रद

अर्जुनारिष्ट के सेवन से अस्थमा ( दमा- श्वास ) के रोगियों को फायदा होता है .

कैंसर का ख़तरा कम करने में सहायक

अर्जुनारिष्ट अपने एंटी ओक्सिडेंट गुणों के कारण कैंसर के खतरे को कम कर कैंसर से बचाव में मदद करता है .

शारीरिक शक्ति में वृद्धि

अर्जुनारिष्ट एक टॉनिक के रूप में शरीर को शक्ति प्रदान कर रोगों से बचाव में मदद करता है .

उदर विकारों में उपयोगी

अर्जुनारिष्ट अपने दीपन पाचन गुणों के कारण उदर विकारों ( पेट की समस्याओं ) में फायदेमंद है .

कमजोरी और घबराहट में फायदा

अर्जुनारिष्ट के सेवन से कमजोरी दूर होती है और दिल की धड़कन बढ़ जाने , घबराहट होने जैसी समस्याओं में फायदा होता है .

प्रमेह एवं मूत्र विकारों में लाभ

अर्जुनारिष्ट के सेवन से प्रमेह एवं पेशाब से सम्बन्धित समस्याओं ( मूत्र विकारों ) में फायदा होता है .

किडनी की सेहत के लिए फायदेमंद

अर्जुनारिष्ट के सेवन से मूत्रावरोध व प्रमेह दोनों में लाभ होता है एवं मूत्र का प्रवाह सामान्य होता है जिससे गुर्दों की कार्य क्षमता बढ़ती है .

अर्जुनारिष्ट के नुकसान

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढाने वाली आयुर्वेदिक औषधि अर्जुनारिष्ट सामान्य व्यक्ति के लिए बहुत लाभ दायक है किन्तु कुछ परिस्थितियों में इसका सेवन नुकसान दायक भी हो सकता है इसलिए चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए . आइये जानते हैं किन व्यक्तियों को और किन परिस्थितियों में अर्जुनारिष्ट सिरप के नुकसान हो सकते हैं .

  • अर्जुनारिष्ट में शर्करा ( मीठा ) होने के कारण इसका ज्यादा सेवन ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है , इसलिए डायबिटीज के रोगी सावधानी बरतें .
  • गर्भावस्था में किसी भी प्रकार के आसव या अरिष्ट के सेवन की सलाह नहीं दी जाती अतः गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
  • एसिडिटी की समस्या होने पर अर्जुनारिष्ट का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए . आसव अरिष्ट के सेवन से एसीडिटी की समस्या में इजाफा हो सकता है . ( यह भी पढ़ें – एसीडिटी का तुरंत इलाज )
  • अर्जुनारिष्ट के सेवन से यदि किसी प्रकार की एलर्जी का सामना करना पड़ रहा है तो तत्काल इसका सेवन बंद कर दें . ( यह भी पढ़ें – एलर्जी को जड़ से खत्म करना )

FAQ

प्रश्न – क्या अर्जुनारिष्ट कोलेस्ट्रोल कम कर सकता है ?

उत्तर – अर्जुन में कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रण करने एवं ब्लड सर्कुलेशन को सामान्य करने का गुण होता है . अर्जुनारिष्ट कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मददगार होता है .

प्रश्न – अर्जुन छाल कब लेना चाहिए ?

उत्तर – बेहतर परिणाम के लिए अर्जुन की छाल का सेवन प्रातः काल करना चाहिए .

प्रश्न – अर्जुनारिष्ट पीने से क्या लाभ होता है ?

उत्तर – अर्जुनारिष्ट मुख्य रूप से हृदय रोगों की दवा है किन्तु यह शारीरिक शक्ति बढाने , कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने , ब्लड प्रेशर को सामान्य करने , अस्थमा आदि में भी उपयोगी है .

दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में हमने अर्जुन और अर्जुन से बनी औषधियों की जानकारी प्रस्तुत की , आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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