आँतों की सूजन को आयुर्वेद में आंत्र शोथ कहा जाता है . इस लेख में हम आपको आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा और घरेलू उपचार बता रहे हैं . आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी .
आंतों में सूजन क्यों आती है ?
आँतों में सूजन का मुख्य कारण संक्रमित या दूषित आहार माना जाता है . विभिन्न प्रकार के जीवाणु , विषाणु तथा परजीवी आंतों में सूजन के मुख्य कारण माने जाते हैं . आइये जानते हैं आखिर आंतों में सूजन क्यों आती है ?
- वातावरण में गन्दगी एवं स्वच्छता का अभाव .
- अस्वच्छ पानी का सेवन .
- बच्चों में दूध की बोतल की सफाई न होना
- खुले में रखी मिठाई का सेवन
- नीचे मिट्टी में गिरी हुई वस्तु को उठा कर खाना .
- फल एवं सब्जियों को बिना धोये खाना .
- भोजन एवं खाद्य पदार्थों को न ढकना .
- कटे हुए फल एवं सलाद आदि को देर तक रखे रहने के बाद खाना .
उपर्युक्त कारणों से जीवाणु को संक्रमण का और पनपने का अवसर प्राप्त होता है जो बाद में व्यक्ति में आंत्र शोथ का कारण बनता है .
आंतों में सूजन के लक्षण
दूषित और संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से आंतों में सूजन होने के कारण निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं .
- पेट दर्द होता है .
- उल्टी होती है .
- जी मिचलाता है .
- दस्त होते हैं .
- मरोड़ होती है .
- बुखार हो जाता है .
- सिर दर्द और चक्कर आते हैं .
- मल के साथ खून आता है .
- कमजोरी का अहसास होता है .
आंतों में सूजन के घरेलू उपाय
आंतों में सूजन के हल्के लक्षण होने पर या रोग की प्रारम्भिक अवस्था में चिकित्सकीय परामर्श की विशेष आवश्यकता नहीं होती तथा घरेलू उपाय अपनाकर और सावधानियां बरत कर इस समस्या से राहत पायी जा सकती है . इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं .
- उल्टी व दस्त होने पर रोगी को सिर्फ तरल पदार्थ ही दें .
- ठोस पदार्थ एवं डेयरी प्रोडक्ट बिलकुल भी खाने को न दें .
- ORS का घोल पिलायें .
- फलों का रस या सूप पीने को दें , चाय या कॉफ़ी का सेवन पूर्णतया बंद कर दें .
- नींबू या संतरे का रस भी न पिलायें .
- बेल ( बिल्व ) का जूस , अनार का जूस आदि पिलायें .
- पानी उबाल कर सेवन कराएं .
- एक चम्मच सौंफ को दो गिलास पानी में उबालें , आधा शेष रहने पर रोगी को थोड़ी थोड़ी मात्रा में पिलाते रहें .
- दस्त होने की स्थिति में ईसबगोल को दही के साथ सेवन कराएँ .
- पुदीने का रस , अनार का रस सैंधा नमक डाल कर पिलायें . ( यह भी पढ़ें – पुदीना के फायदे और नुकसान )
आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा
आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा बिल्व , कुटज , चित्रक , मुलैठी , विडंग , वचा , गिलोय , पुदीना , हल्दी , अदरक , सौंफ आदि का आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है . निदान परिवर्जन , पथ्यापथ्य का पालन और आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा आँतों में सूजन ( आंत्र शोथ ) की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है .
आंत्र शोथ ( आंतों की सूजन ) में रोग के लक्षण के आधार पर निम्नलिखित आयुर्वेद औषधियों का मुख्यतः प्रयोग किया जाता है .
- अविपत्तिकर चूर्ण
- मधुयष्टि चूर्ण
- बिल्वादि चूर्ण ( यह भी पढ़ें – बिल्वादि चूर्ण के फायदे और नुकसान )
- बिल्वादि गुटिका
- प्रवाल पंचामृत
- प्रवाल पिष्टी ( यह भी पढ़ें – प्रवाल पिष्टी के फायदे )
- कुटज घन वटी
- चित्रकादि वटी
- सूतशेखर रस
- धात्री लौह
- कामदुधा रस
- शंख भस्म
- कांचनार गुग्गुलु
- शतावरी चूर्ण
- त्रिफला चूर्ण ( यह भी पढ़ें – त्रिफला चूर्ण कब और कैसे खाना चाहिए )
- गिलोय घन वटी ( यह भी पढ़ें – गिलोय घन वटी के फायदे और नुकसान )
योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में आयुर्वेद औषधियों के सेवन , सम्यक आहार विहार और चिकित्सक की आज्ञा पालन से आंत्र शोथ का उपचार सहजता से किया जा सकता है .
FAQ
प्रश्न – आंतों में सूजन आने पर क्या खाना चाहिए ?
उत्तर – आँतों में सूजन होने पर उबले हुए पानी का सेवन करें . फास्ट फ़ूड , गरिष्ठ भोजन और दूध से बने खाद्य पदार्थ का सेवन बिलकुल बंद कर दें . ताजा फल और सब्जियों का प्रयोग करें . हल्का सुपाच्य भोजन एवं फलों का रस लें .
प्रश्न – आंत के लिए कौनसी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है ?
उत्तर – कुटज एवं बिल्व आंतों के लिए श्रेष्ठ औषधियां हैं . कुटज एवं बिल्व के सेवन से आंतों का कार्य सम्पादन बेहतर होता है .
प्रश्न – पेट की आंतों की सूजन कैसे दूर करें ?
उत्तर – उबला हुआ पानी पियें . भोजन में तरल पदार्थ अधिक लें . चाय कॉफ़ी से बचें . समस्या अधिक होने पर चिकित्सक से परामर्श करें .
दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा , आंतों में सूजन के लक्षण और कारण से सम्बंधित जानकारी साझा की गयी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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