जानें कुमारी आसव के फायदे और नुकसान क्या हैं ?| 8 Benefits of Kumaryasava

हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आज हम बता रहे हैं आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा विभिन्न रोगों के उपचार के लिए प्रयोग की जाने वाली कुमारी आसव के फायदे और नुकसान क्या हैं ?

कुमारी आसव के फायदे और नुकसान

कुमार्यासव क्या है ?

कुमार्यासव या कुमारी आसव एक आयुर्वेद औषधि है जो पेट के रोगों सहित विभिन्न रोगों में प्रयोग की जाती है . कुमारी आसव का मुख्य घटक कुमारी या घृत कुमारी होने के कारण इसे कुमारी आसव कहा जाता है . कुमारी आसव में घृत कुमारी के अलावा पिप्पली , लौंग , अदरक , काली मिर्च , दालचीनी , तेजपत्ता , इलायची , नागकेसर , चित्रक , धनिया , विडंग , नागरमोथा , पुष्करमूल , जातीफल , गुड़ , शहद आदि का उपयोग किया जाता है .

घृत कुमारी का परिचय

कुमारी या घृत कुमारी का पौधा 1 से 2 फुट ऊंचा होता है . इसकी पत्तियाँ मांसल 3-4 इंच चौड़ी , 15 इंच लम्बी होती हैं . इसकी पत्तियों में घी के सामान द्रव से भरा गूदा होता है . सामान्य भाषा में इसे ग्वार पाठा कहते हैं . इसके अन्य नाम कन्या , गृह कुमारी , कुंवार पाठा आदि हैं . इसे अंग्रेजी में एलोवेरा कहा जाता है .

घृत कुमारी

कुमारी आसव के फायदे और नुकसान

कुमारी आसव का प्रयोग पेट से सम्बंधित विकारों , स्त्रियों में पीरियड्स से सम्बंधित समस्या , यकृत विकार ( लिवर से सम्बंधित समस्या ) आदि में किया जाता है . आइसे जानते हैं कुमारी आसव के फायदे और नुकसान क्या हैं ?

कुमारी आसव के फायदे

आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा कुमारी आसव का प्रयोग विभिन्न रोगों के उपचार हेतु किया जाता है . कुमारी आसव के फायदे निम्लिखित रोगों में हैं –

कुमारी आसव के फायदे

यकृत और तिल्ली सम्बंधित विकारों में लाभ

कुमार्यासव का प्रयोग यकृत और प्लीहा से सम्बंधित विकारों में बहुत फायदेमंद है . यकृत शोथ , वृद्धि या प्लीहा वृद्धि में कुमारी आसव का सेवन करने से अच्छा लाभ होता है .

अरुचि और मन्दाग्नि में फायदा

भोजन में रुचि नहीं होने पर तथा भूख नहीं लगने पर कुमारी आसव का सेवन करने से फायदा होता है .

गैस और बदहजमी में फायदा

कुमारी आसव का प्रयोग पेट में गैस और बदहजमी होने पर लाभप्रद होता है .

कष्टार्तव में लाभ

महिलाओं में पीरियड्स में दर्द होना या कम आना जैसी समस्या होने पर कुमार्यासव का सेवन करने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – अशोकारिष्ट के फायदे )

त्वचा रोगों में फायदा

घृत कुमारी स्किन के लिए फायदेमंद होने के कारण कुमारी आसव का प्रयोग त्वचा सम्बंधित विकारों में लाभदायक होता है . ( यह भी पढ़ें – पिम्पल्स को जड़ से खत्म कैसे करें )

मूत्र विकारों में लाभप्रद

पेशाब में जलन , पेशाब की रुकावट आदि मूत्र विकारों में कुमारी आसव के प्रयोग से फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – पुनर्नवारिष्ट के फायदे )

कृमि रोग में फायदा

कुमारी आसव के प्रयोग से पेट में कीड़ों की समस्या में फायदा होता है .

पीलिया में फायदा

घृत कुमारी लिवर और लिवर की क्रियाओं के लिए अति लाभकारी होने से पीलिया रोग में अत्यंत उपयोगी होता है . पीलिया होने पर कुमारी आसव का सेवन करने से यकृत के कार्यों में सुधार , हीमोग्लोबिन में वृद्धि व अग्नि प्रदीप्त हो कर फायदा होता है .

कुमारी आसव के नुकसान

कुमारी आसव के नुकसान

सामान्य व्यक्ति के लिए कुमारी आसव के कोई दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिलते . कुछ लोगों को और कुछ परिस्थितियों में कुमारी आसव के नुकसान हो सकते हैं . निम्न लोगों को कुमारी आसव का प्रयोग करने में सावधानी बरतना चाहिए अथवा बचना चाहिए .

  • ग्वारपाठा या कुमारी आसव के घटक द्रव्यों में किसी द्रव्य से एलर्जी होने पर कुमारी आसव नुकसान दायक हो सकता है .
  • गर्भावस्था में कुमारी आसव के प्रयोग से बचना चाहिए .
  • एसिडिटी की समस्या होने पर आसव अरिष्टों का अधिक प्रयोग समस्या को बढ़ा सकता है इसलिए एसिडिटी होने पर सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए .

कुमारी आसव का सेवन कैसे करें ?

कुमारी आसव की सेवन विधि निम्नानुसार है –

मात्रा – 15-20 मिली

अनुपान – बराबर पानी मिला कर

समय – दोनों समय भोजन के बाद

FAQ

प्रश्न – क्या कुमारी आसव को रोज लिया जा सकता है ?

उत्तर – कुमारी आसव को निर्धारित मात्रा में रोज लेने से पेट और लिवर सम्बंधित विकारों में फायदा होता है . यदि अन्य किसी रोग की दवाएं चल रही हों तो अपने चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही प्रयोग करें .

प्रश्न – कुमारी आसव का सेवन कैसे करें ?

उत्तर – एक वयस्क आदमी या महिला को कुमारी आसव का सेवन भोजन के बाद 15-20 मिली की मात्रा में बराबर पानी मिला कर करना चाहिए .

दोस्तों , इस आर्टिकल में हमने कुमारी आसव के फायदे और नुकसान बताये . अगले लेख में अन्य उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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