चूना है औषधीय गुणों से भरपूर , जानें चूना से आयुर्वेदिक इलाज के बारे में

पान में और घरों में सफेदी करने के लिए उपयोग किया जाने वाला चूना कई औषधीय गुणों से युक्त होता है . इस आर्टिकल में हम चूना से आयुर्वेदिक इलाज किस तरह किया जाता है यह बताने जा रहे हैं . चूना के औषधीय उपयोग जानने के लिए पढ़ते रहिये .

चूना से आयुर्वेदिक इलाज
चूना से आयुर्वेदिक इलाज

Table of Contents

चूना क्या होता है ?

चूना एक तेज क्षार पदार्थ होता है जिसे घरों में सफेदी करने के लिए , पान में कत्थे के साथ तथा तम्बाकू खाने वाले तम्बाकू के साथ खाने में प्रयोग करते हैं . चूना हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पदार्थ है जिसकी कम या अधिक मात्रा शारीरिक विकार का कारण बनती है . इसकी कमी से शरीर में हड्डियों की कमजोरी , जोड़ों में दर्द , एसिडिटी आदि रोग उत्पन्न होते हैं .

चूना को संस्कृत में चूर्ण सुधा , हिंदी में चूना या कलई ( कली ) , अंग्रेजी में Lime Stone , मराठी में चूना और बंगाली में न्यून कहा जाता है . मानव शरीर में चूना दो प्रकार से प्रयोग किया जाता है . एक आभ्यंतर प्रयोग और दूसरा बाह्य लेप के रूप में .

चूना खाने के फायदे

चूना कैल्शियम का उत्तम स्रोत है और इसका निर्धारित मात्रा में सेवन मानव शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक होता है . उचित मात्रा और सेवन विधि से चूना खाने के फायदे निम्न रूप में प्राप्त होते हैं .

चूना खाने के फायदे
चूना खाने के फायदे

जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभ

चूना कैल्शियम का उत्तम स्रोत होने के कारण जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभकारी होता है . ( यह भी पढ़ें – जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा )

अस्थिक्षय में चूना लाभप्रद

शरीर में अस्थिक्षय या हड्डियों के कमजोर होने पर चूने का सेवन करने से लाभ होता है और हड्डियों को मजबूती मिलती है .

एसिडिटी में चूने से फायदा

अम्लपित्त ( एसिडिटी ) होने पर चूने का पानी ( Lime Water ) पीने से एसिडिटी में लाभ होता है और एसिडिटी के कारण होने वाली उल्टी बंद हो जाती है . ( यह भी पढ़ें – एसिडिटी का तुरंत इलाज )

लम्बाई बढाने में सहायक

बच्चों की लम्बाई बढ़ाने के लिए चूने का सेवन लाभकारी होता है .

मुंह के छालों में चूने का प्रयोग

मुंह में छाले होने पर चूने का पानी मुंह में धारण करने से छालों में फायदा होता है .

चूना से पीरियड्स में लाभ

अनियमित मासिक स्राव या कम पीरियड्स आने पर चूने का सेवन करने से लाभ होता है और खुल कर पीरियड्स आते हैं . ( यह भी पढ़ें – पीरियड्स में दर्द कैसे कम करें )

पीलिया में चूने का प्रयोग

पीलिया होने पर गन्ने का रस के साथ चूर्णोंदक मिला कर देने से लाभ होता है .

गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक

गर्भावस्था में महिला को अतिरिक्त कैल्शियम की आवश्यकता होती है . चूना सर्वाधिक कैल्शियम वाला पदार्थ होता है . अनार के रस के साथ गेहूं के दाने के बराबर शुद्ध चूना मिला कर गर्भवती स्त्री को सेवन कराना गर्भवती एवं शिशु के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है . ( यह भी पढ़ें – प्रेगनेंसी में क्या नहीं करना चाहिए )

चूना खाने का तरीका

यह सही है कि चूना एक अत्यंत उपयोगी वस्तु और इसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं किन्तु इसके सेवन का सही तरीका जानना अत्यावश्यक है . किसी ब्लॉग पोस्ट या सोशल मीडिया पोस्ट पर चूना खाने के फायदे पढ़ कर सीधा चूना खा लेना फायदेमंद के स्थान पर शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है . किसी चिकित्सक की देख रेख में शुद्ध चूना या चूने का पानी ही सेवन करना चाहिए .

चूना खाने का तरीका
चूना खाने का तरीका

चूने का पानी ( Lime water ) कैसे बनायें ?

शरीर में आभ्यंतर प्रयोग के लिए चूने का पानी ही प्रयोग करना चाहिए और चूने का पानी बनाने के बाद शेष बचे चूने को बाह्य प्रयोग लेप आदि में प्रयोग करना चाहिए . चूने का पाने बनाने की विधि निम्नानुसार है .

  • 250 ग्राम चूना लें .
  • इस चूने को 3 लीटर पानी में भिगो दें .
  • चूना पानी में घुल जाएगा और जो पानी ऊपर रहेगा उसे दूसरे बर्तन में डाल लें .
  • इस पानी को निथार लें और कांच की बोतल में भर कर रख लें .
  • बोतल में चूने का पानी ( लाइम वाटर ) तैयार है जिसे चिकित्सक के दिशा निर्देशानुसार प्रयोग किया जा सकता है .

चूना से आयुर्वेदिक इलाज

बाह्य और अन्तः प्रयोग दो प्रकार से चूना से आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है . चूने का पानी आभ्यंतर और चूना बाह्य प्रयोग के रूप में उपचार के लिए उपयोग किया जाता है . चूना से आयुर्वेदिक इलाज के लिए निम्नलिखित प्रयोग किये जाते हैं .

मुंह के छालों में प्रयोग

मुंह में छाले होने पर चूने का पानी मुंह में भर कर रखने से मुंह के छालों में लाभ होता है .

बदहजमी में उपयोग

अजीर्ण ( अपच ) होने पर चूने का पानी का सेवन करने से बदहजमी में फायदा होता है .

लाइम वाटर से अम्लपित्त में लाभ

चूने का पानी का सेवन करने से एसिडिटी में लाभ होता है .

बच्चों में मल में कीड़े ( चुन चुने ) होने पर

बच्चों के मल में चुन चुने हो जाने पर चूने के पानी की बस्ति देने से कृमियों ( कीड़ों ) का नाश होता है .

बच्चों के अस्थिपोषण में प्रयोग

बच्चों में अस्थि पोषण नहीं होने तथा दूध भी नहीं पचा पाने के स्थिति में बच्चों को चूने का पानी निर्धारित मात्रा में वय और बल के अनुसार कुछ दिन सेवन कराने से लाभ होता है . मात्रा का विशेष ध्यान रखें और चिकित्सक की देख रेख में सेवन कराएं . सामान्यतः जितने महीने का बच्चा होता है उतनी बूँद पिलाने का विधान है किन्तु अवस्था के अनुसार मात्रा कम या अधिक की जा सकती है .

अग्निदग्ध ( जल जाने ) में चूने का प्रयोग

आग से जल जाने पर चूने का पानी और अलसी का तेल बराबर मात्रा में लगाने से लाभ होता है . यह प्रयोग जलने की प्रथम अवस्था में ही करना चाहिए , बहुत अधिक जल जाने पर यह उपयोगी नहीं है . ऐसी स्थिति में रोगी को चिकित्सकीय सहायता दिलायें .

फोड़े फुंसी में चूने का प्रयोग

चूने का पानी बनाने के बाद बचे हुए चूने को सुखा कर , पीस कर पाउडर बनालें और फोड़े फुंसी में घी के साथ गर्म करके लेप करें , लाभ होता है .

सूजन में उपयोग

चूने के पाउडर को घी के साथ मिला कर सूजन वाले स्थान पर लेप करने से सूजन में कमी होती है .

FAQ

प्रश्न – क्या हम रोज चूना खा सकते हैं ?

उत्तर – चूना कैल्शियम का उत्तम स्रोत है किन्तु रोज चूना खाना नुकसान दायक हो सकता है इसलिए कुछ दिन चूने का पानी या शुद्ध चूना सीमित मात्रा में सेवन करना अच्छा होता है .

प्रश्न – पानी में चूना मिला कर पीने से क्या फायदा ?

उत्तर – चूने का पानी का सेवन जोड़ों के दर्द , अम्लपित्त , अजीर्ण , मुंह के छालों आदि में लाभदायक होता है .

प्रश्न – क्या चूना शरीर के लिए हानिकारक है ?

उत्तर – शुद्ध चूना या चूने का पानी निर्धारित मात्रा में सीमित अवधि तक सेवन करना लाभदायक होता है किन्तु अशुद्ध चूना सीधा खा लेना नुकसानदायक और कई रोगों का कारण बन सकता है .

प्रश्न – चूना कौनसी बीमारी में काम आता है ?

उत्तर – रोगों के उपचार के लिए चूने का आभ्यंतर और बाह्य प्रयोग दर्द , अम्लपित्त , अजीर्ण , मुखपाक , प्रमेह पिडिका , फोड़े फुंसी आदि में किया जाता है .

दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने चूना खाने का तरीका तथा किस किस रोग में चूना से आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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