क्या आप जानते हैं च्यवनप्राश कब खाना चाहिए ? | Amazing Benefits of Chyavanaprasha.

आयुर्वेद का वरदान च्यवनप्राश एक महत्त्वपूर्ण रसायन है जो न सिर्फ रोगियों के लिए हितकर है बल्कि स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्यवर्धन के लिए भी अत्यंत उपयोगी है . इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं कि च्यवनप्राश कब खाना चाहिए और इसके सेवन से हमारे शरीर को क्या क्या लाभ प्राप्त होते हैं .

च्यवनप्राश कब खाना चाहिए

Table of Contents

च्यवनप्राश क्या है ?

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो च्यवनप्राश के नाम से अपरिचित हो . आयुर्वेद की अन्य औषधियों के नाम सामान्य व्यक्ति को याद नहीं होते किन्तु च्यवनप्राश अवलेह को सभी जानते हैं और आयुर्वेद का नाम आते ही स्वतः च्यवनप्राश स्मरण में आ जाता है .च्यवनप्राश की लोकप्रियता और मांग इस बात से भी सिद्ध होती है कि च्यवनप्राश न सिर्फ आयुर्वेदिक स्टोर बल्कि एलोपैथी मेडिकल स्टोर , जनरल स्टोर और सामान्य परचून की दुकान पर भी दिख जाता है .

च्यवनप्राश के घटक

मुख्य घटक

  • आंवला

क्वाथ द्रव्य

  • बिल्व
  • अग्निमंथ
  • श्योनाक
  • गम्भारी
  • पाटला
  • बला
  • माघपर्णी
  • मुद्गपर्णी
  • शालपर्णी
  • पृश्निपर्णी
  • पिप्पली
  • गोखरु
  • वृहती
  • कंटकारी
  • कर्कट श्रृंगी
  • भूम्यामलकी
  • द्राक्षा
  • जीवंती
  • पुष्कर मूल
  • अगरुकाष्ठ
  • हरीतकी
  • गुडुची
  • ऋद्धि
  • वृद्धि
  • जीवक
  • ऋषभक
  • शटी
  • नागर मोथा
  • पुनर्नवा
  • मेदा
  • महा मेदा
  • इलायची
  • रक्त चन्दन
  • नील कमल
  • विदारी कंद
  • वासा
  • काकोली
  • काकनासा

प्रक्षेप द्रव्य

  • वंश लोचन
  • पिप्पली
  • नागकेसर
  • दालचीनी
  • इलायची
  • तेजपत्र

अन्य द्रव्य

  • तिल तेल
  • गो घृत
  • शर्करा
  • शहद

च्यवनप्राश के फायदे और नुकसान

च्यवनप्राश के फायदे और नुकसान

च्यवनप्राश को सभी रसायनों में उत्तम रसायन माना गया है . च्यवनप्राश का सेवन सभी सातों धातुओं का पोषण करता है जिससे शारीरिक सामर्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है . सामान्यतः च्यवनप्राश अवलेह महिला , पुरुष , युवा , वृद्ध , बच्चों सभी के लिए परम हितकर होता है किन्तु अनुचित मात्रा , अनुपान आदि के कारण तथा व्यक्ति विशेष के लिए यह नुकसानदायक भी हो सकता है . आइये जानते हैं च्यवनप्राश के फायदे और नुकसान क्या हैं .

च्यवनप्राश खाने के फायदे

च्यवनप्राश अवलेह के सेवन से शारीरिक दौर्बल्य नष्ट होकर सभी धातुओं की पुष्टि होती है और इम्यूनिटी बढ़ती है . खांसी और दमा की उत्तम औषधि च्यवनप्राश की अन्य रोगों में भी महत्त्वपूर्ण उपयोगिता है . च्यवनप्राश खाने के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं .

च्यवनप्राश खाने के फायदे

कास – श्वास की श्रेष्ठ औषधि है च्यवनप्राश

खांसी और अस्थमा के रोगियों के लिए च्यवनप्राश अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है . यह कास – श्वास को नष्ट कर शारीरिक क्षीणता से मुक्ति दिलाता है . ( यह भी पढ़ें – दमा की आयुर्वेदिक दवा )

शारीरिक शक्ति में वृद्धि करता है च्यवनप्राश

च्यवनप्राश के सेवन से सभी प्रकार की कमजोरी दूर होती है एवं शरीर को बल प्राप्त होता है . ( यह भी पढ़ें – कमजोरी और थकान दूर करने के उपाय )

च्यवनप्राश से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

च्यवनप्राश अवलेह में प्रयुक्त आंवला व अन्य पोषक तत्त्वों से भरपूर घटक द्रव्यों के कारण इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता ( इम्यूनिटी ) की वृद्धि होती है जो रोगों के संक्रमण से शरीर की रक्षा करती है .

च्यवनप्राश से मूत्र विकारों में लाभ

च्यवनप्राश के सेवन से मूत्राशय के वातादि दोष निकलते हैं जिससे मूत्र विकारों में लाभ होता है .

याददाश्त बढाता है च्यवनप्राश

च्यवनप्राश मेध्य होता है जिससे स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और बुद्धि का विकास होता है .

जल्दी बुढापा आने से रोकता है च्यवनप्राश

च्यवनप्राश आयुष्य , बल्य और कान्तिप्रद होता है जिससे इन्द्रियों को बल मिलता है और शीघ्र बुढापा नहीं आता . ( यह भी पढ़ें – लम्बी उम्र जीने का राज )

च्यवनप्राश से बढ़ती है यौन क्षमता

च्यवनप्राश शारीरिक और मानसिक शक्ति के साथ यौन क्षमता को बढाने वाला भी होता है . च्यवनप्राश के सेवन से इन्द्रियों को बल मिलता है और प्रहर्ष उत्पन्न होता है .

इस प्रकार च्यवनप्राश दीपन , पाचन , पित्त शामक , त्रिदोष हर , बल्य , मेध्य , रसायन , रक्तप्रसादक , आयुष्य और कान्ति वर्धक होने के कारण अत्यंत उपयोगी और महत्त्वपूर्ण रसायन होता है जिसका आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करने से शरीर को कई स्वास्थ्यप्रद लाभ प्राप्त होते हैं .

च्यवनप्राश खाने के नुकसान

च्यवनप्राश खाने के नुकसान

च्यवनप्राश के सेवन से पूर्व किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करना चाहिए . च्यवनप्राश के अनुचित मात्रा , गलत अनुपान का प्रयोग या रोग विशेष से पीड़ित होने पर च्यवनप्राश के सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान की संभावना होती है . आइये जानते हैं च्यवनप्राश खाने के नुकसान किन व्यक्तियों को हो सकते हैं और च्यवनप्राश कब नहीं खाना चाहिए .

  • कमजोर पाचन शक्ति वालों को च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए .
  • अतिसार ( पतले दस्त ) होने पर च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए . ( यह भी पढ़ें – बार बार दस्त लगने का क्या कारण है )
  • बहुमूत्रता ( बार बार पेशाब जाने की शिकायत ) होने पर च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए .
  • मधुमेह ( डायबिटीज ) के रोगियों को च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि च्यवनप्राश में शर्करा होती है जो ब्लड में शुगर की मात्रा को बढाने का कारण हो सकता है . ( आजकल बाजार में शुगर फ्री च्यवनप्राश भी उपलब्ध होने लगे हैं जो आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन किये जा सकते हैं . )

च्यवनप्राश कब खाना चाहिए ?

च्यवनप्राश के सेवन से पूर्व यह जानना भी अत्यंत आवश्यक है कि च्यवनप्राश कब खाना चाहिए . गलत समय , गलत अनुपान और गलत मात्रा में च्यवनप्राश का सेवन सम्पूर्ण लाभदायक नहीं होता .

च्यवनप्राश खाने का समय

सुबह खाली पेट च्यवनप्राश का उपयोग श्रेष्ठ होता है . रात को भोजन से दो घंटों बाद सोते समय भी सेवन किया जा सकता है . शीत ऋतु ( सर्दियों ) में च्यवनप्राश का सेवन अधिक लाभदायक होता है .

च्यवनप्राश की मात्रा और अनुपान

च्यवनप्राश के सेवन की मात्रा व्यक्ति की पाचन शक्ति के अनुसार निर्धारित की जानी चाहिए . प्राचीन समय में आचार्य शार्न्गधर के अनुसार च्यवनप्राश के सेवन की दैनिक मात्रा लगभग 46 ग्राम बतायी गयी है . आज की परिस्थितियों और व्यक्ति की पाचन शक्ति को ध्यान में रखते हुए यह मात्रा 10-12 ग्राम मानी जाती है . यह मात्रा वयस्क व्यक्ति की है . इसलिए आयु , बल और पाचन शक्ति के अनुसार मात्रा कुछ कम या अधिक की जा सकती है .

च्यवनप्राश के अनुपान के रूप में दूध को श्रेष्ठ माना गया है .

FAQ

प्रश्न – च्यवनप्राश कब नहीं खाना चाहिए ?

उत्तर – कमजोर पाचन शक्ति वालों को , दस्त होने पर तथा बार बार पेशाब की शिकायत होने पर च्यवनप्राश नहीं खाना चाहिए .

प्रश्न – क्या च्यवनप्राश रात में ले सकते हैं ?

उत्तर – भोजन से कम से कम दो घंटों बाद रात में च्यवनप्राश का सेवन किया जा सकता है .

प्रश्न – च्यवनप्राश लेने का सबसे अच्छा समय क्या है ?

उत्तर – प्रातःकाल खाली पेट च्यवनप्राश लेने का सबसे अच्छा समय है .

प्रश्न – क्या च्यवनप्राश को गर्म पानी के साथ ले सकते हैं ?

उत्तर – च्यवनप्राश का सेवन अनुपान के रूप में दूध के साथ करना चाहिए किन्तु किसी कारण से दूध के साथ लेना संभव न हो तो च्यवनप्राश खाने के बाद थोड़ा सा गुनगुना पानी भी लिया जा सकता है .

दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने बताया कि च्यवनप्राश के फायदे और नुकसान क्या हैं तथा च्यवनप्राश कब खाना चाहिए . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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