दशमूल क्वाथ के फायदे | 8 Amazing Benefits of Dashmool Kwath.

हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के आज के आर्टिकल में हम आयुर्वेदिक काढ़ा दशमूल क्वाथ के फायदे और सेवन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं . आयुर्वेदिक क्वाथ में सबसे अधिक जाना पहचाना नाम है दशमूल का काढ़ा . दशमूल क्वाथ के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये .

दशमूल क्वाथ के फायदे

दशमूल क्वाथ क्या है ?

दशमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक दवा है जो वात विकारों की चिकित्सा एवं स्त्रियों की माहवारी से सम्बंधित समस्याओं के उपचार हेतु प्रयोग किया जाता है . गाँवों में प्राचीन काल से ही महिलाओं को प्रसव के बाद दशमूल का काढ़ा पिलाने का रिवाज रहा है . दशमूल क्वाथ में दस प्रकार की जड़ी बूटियों की जड़ का समावेश होता है . इन दस प्रकार की जड़ों को सुखा कर समान मात्रा में लेकर दशमूल क्वाथ चूर्ण बनाया जाता है .

दशमूल क्वाथ क्या है

दशमूल क्वाथ आयुर्वेदिक स्टोर पर दो प्रकार से उपलब्ध होता है

  1. दशमूल क्वाथ चूर्ण
  2. दशमूल क्वाथ ( तरल )

दशमूल क्वाथ के घटक द्रव्य

दशमूल क्वाथ में निम्नलिखित दस प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों ( जड़ी बूटियों ) के मूल ( जड़ ) को संग्रहित किया जाता है .

दशमूल क्वाथ के घटक द्रव्य
  • बिल्व
  • अग्निमंथ
  • श्योनाक
  • गम्भारी
  • पाटला
  • वृहती
  • कंटकारी
  • शालपर्णी
  • पृश्नपर्णी
  • गोक्षुर

दशमूल क्वाथ बनाने की विधि

दशमूल क्वाथ बनाने की विधि

दशमूल क्वाथ बाजार में तैयार तरल अवस्था में सिरप के रूप में भी उपलब्ध होता है तथा चूर्ण के रूप में भी मिलता है . घर पर दशमूल क्वाथ बनाने के लिए दशमूल क्वाथ चूर्ण 5 ग्राम लेकर लगभग 200 मिली . पानी में उबालें . जब चतुर्थांश ( एक चौथाई भाग ) शेष रहे ( 50 ml ) तब आंच से उतार कर छान कर कुछ ठंडा कर प्रयोग करें .

दशमूल क्वाथ के फायदे

दशमूल क्वाथ का प्रसवोपरांत महिलाओं में प्रयोग पुराने समय से चला आ रहा है . गाँवों की बड़ी बुजुर्ग महिलाएं इसके गुणों से परिचित हैं और प्रसव के बाद महिलाओं को इसके सेवन की सलाह भी देती हैं . दशमूल क्वाथ का यह एक आम प्रयोग है लेकिन दशमूल क्वाथ के कई रोगों में चिकित्सकीय उपयोग बताये गये हैं . आइये जानते हैं आयुर्वेद अनुसार दशमूल क्वाथ के फायदे क्या क्या हैं .

दशमूल क्वाथ के फायदे

प्रसव के बाद दशमूल क्वाथ के लाभ

महिलाओं में डिलीवरी ( प्रसव ) के बाद दशमूल क्वाथ का सेवन करने से वायु विकारों से बचाव होता है तथा कमजोरी दूर होती है .

दशमूल क्वाथ से गठिया में लाभ

गठिया या जोड़ों के दर्द में योगराज गुग्गुलु को दशमूल क्वाथ के साथ सेवन करने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय )

दशमूल क्वाथ से सूजन में फायदा

दशमूल क्वाथ अपने शोथ हर गुण के कारण शरीर में होने वाली सूजन को कम करता है .

पीरियड्स में दशमूल क्वाथ के फायदे

कष्टार्तव ( पीरियड्स के समय दर्द ) की समस्या होने पर दशमूल क्वाथ का सेवन करने से पीड़ा में कमी होती है तथा पीरियड्स खुल कर आते हैं . ( यह भी पढ़ें – पीरियड्स में दर्द कैसे कम करें )

लकवा में दशमूल क्वाथ का प्रयोग

पक्षाघात ( लकवा ) होने पर सिंहनाद गुग्गुलु या त्रयोदशांग गुग्गुलु का दशमूल क्वाथ के साथ सेवन करना लाभप्रद होता है .

माइग्रेन में दशमूल क्वाथ का उपयोग

दशमूल क्वाथ में घी और सैन्धव लवण ( सैंधा नमक ) मिला कर सूंघने से शिरः शूल ( सिर दर्द ) और अर्धावभेदक ( आधा सीसी या माइग्रेन ) में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – माइग्रेन के लक्षण और उपाय )

दशमूल क्वाथ से बुखार में लाभ

दशमूल क्वाथ का सेवन सभी प्रकार के बुखार में विशेषतः वात कफज ज्वर में लाभदायक होता है .

पेट दर्द में दशमूल क्वाथ का प्रयोग

वायु विकार के कारण होने वाले उदर शूल ( पेट दर्द ) में दशमूल क्वाथ का सेवन करने से रोगी को लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपाय )

दशमूल क्वाथ सेवन विधि

दशमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श और दिशा निर्देशानुसार ही सेवन करना चाहिए . किसी भी आयुर्वेदिक दवा की मात्रा रोग और रोगी की स्थिति के अनुसार निर्धारित की जाती है अतः आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा अनुसार प्रयोग करना चाहिए . सामान्यतः एक चम्मच दशमूल क्वाथ चूर्ण को एक गिलास पानी में उबाल कर चौथाई भाग शेष रहने पर छान कर प्रयोग किया जाता है . तरल दशमूल क्वाथ को 20-30 ml बराबर पानी के साथ लिया जाता है .

दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेदिक दवा दशमूल क्वाथ के फायदे से सम्बंधित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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