जानिये लिवर और किडनी के लिए पुनर्नवारिष्ट के फायदे | Benefits of Punarnavarisht in Hindi

हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आपका स्वागत है . आज के आर्टिकल में हम आयुर्वेद औषधि पुनर्नवा और पुनर्नवा से निर्मित पुनर्नवारिष्ट के फायदे बताने जा रहे हैं . आशा है आपके लिए यह जानकारी उपयोगी सिद्ध होगी .

पुनर्नवारिष्ट के फायदे

पुनर्नवा क्या है ?

पुनर्नवा का पौधा जमीन में फैलने वाला और अनेक शाखाओं में बंटा हुआ होता है .इसकी पत्तिया अंडाकार एवं एक छोटी तथा दूसरी बड़ी होती है . पुनर्नवा के अन्य नाम सांठ , सांठी , गदह्पुरना , विषखपरा , साटोडी , खट्टन आदि हैं . आयुर्वेद में पुनर्नवा का विभिन्न रोगों में औषधीय प्रयोग किया जाता है .

पुनर्नवा क्या है

पुनर्नवा के फायदे

पुनर्नवा की पत्तियों एवं जड़ के कई औषधीय उपयोग हैं जो विभिन्न रोगों के उपचार हेतु काम में लिए जाते हैं . आइये जानते हैं पुनर्नवा के फायदे क्या हैं ?

पुनर्नवा के फायदे
  • पुनर्नवा की जड़ को दूध के साथ पीने से खूनी बवासीर में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – बवासीर का इलाज )
  • पुनर्नवा की जड़ का चूर्ण सेवन करने से पेट में गैस की समस्या में आराम मिलता है .
  • पुनर्नवा की पत्तियों की सब्जी बना कर खाने से लिवर से सम्बंधित विकारों में लाभ होता है .
  • पुनर्नवा एवं चने की दाल मिला कर खाने से सूजन में फायदा होता है .
  • पुनर्नवा की जड़ का काढा बनाकर पीने से अच्छी नींद आती है .
  • पुनर्नवा के सेवन से पेशाब की रुकावट दूर होती है .
  • पुनर्नवा की सब्जी बनाकर खाना किडनी के रोगियों के लिए सेहतमंद होता है .
  • पुनर्नवा , पिप्पली और मिश्री का शरबत बना कर बच्चों को पिलाने से बच्चों की खांसी , जुकाम , उल्टी , दस्त आदि में फायदा होता है .
  • पुनर्नवा की जड़ का काढा पीने से पथरी में फायदा होता है .
  • पुनर्नवा की जड़ को दूध या शहद के साथ घिस कर आँखों में काजल की तरह लगाने से आँखों की खुजली , आँखों से पानी गिरना आदि नेत्र विकारों में फायदा होता है .
  • पुनर्नवा की पत्तियों की सब्जी का सेवन करने से एनीमिया ( खून की कमी ) में फायदा होता है .
  • पुनर्नवा का सेवन पीलिया , हृदय रोग और श्वास में फायदेमंद होता है .
  • पुनर्नवा के पंचांग को पीस कर एडी में लगाने से एडी के दर्द में आराम मिलता है .
  • सौंठ मिला कर पुनर्नवा की सब्जी खाने से संधिवात में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – गठिया का इलाज )

पुनर्नवारिष्ट के फायदे

आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा पुनर्नवारिष्ट को विभिन्न रोगों के उपचार हेतु प्रयोग में लिया जाता है . निम्नलिखित रोगों में मुख्यतया पुनर्नवारिष्ट का सेवन लाभप्रद होता है –

पुनर्नवारिष्ट के फायदे
पुनर्नवारिष्ट के फायदे

मूत्र विकारों में लाभप्रद

पुनर्नवारिष्ट के सेवन से पेशाब सम्बंधित समस्याओं में फायदा होता है और पेशाब खुल कर आता है .

लिवर के लिए फायदेमंद

पुनर्नवारिष्ट का सेवन लिवर के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है . पुनर्नवारिष्ट के सेवन से यकृत का कार्य सम्पादन बेहतर होता है और यकृत वृद्धि , यकृत शोथ आदि में लाभ होता है .

किडनी के लिए बेहतर

पुनर्नवा गुर्दों के लिए श्रेष्ठ औषधि है . गोक्षुरादि क्वाथ और पुनर्नवारिष्ट के सेवन से किडनी के रोगियों को बेहतर परिणाम मिलते हैं .

पीलिया में लाभकारी

पीलिया होने पर पुनर्नवारिष्ट का प्रयोग करने से ( यकृत पर पुनर्नवा के प्रभाव से ) लाभ होता है .

सूजन कम करने में कारगर

पुनर्नवारिष्ट के सेवन से शरीर की सूजन कम हो जाती है .

तिल्ली बढ़ने पर पुनर्नवारिष्ट के फायदे

प्लीहा वृद्धि ( तिल्ली बढना ) में पुनर्नवारिष्ट का सेवन लाभदायक होता है .

हृदय के लिए अच्छा

पुनर्नवारिष्ट का सेवन हृदय रोगों ( हार्ट डिजीज ) में फायदेमंद होता है . इसके साथ अर्जुनारिष्ट का सेवन करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं .

जोड़ों के दर्द में फायदा

संधिवात ( जोड़ों में दर्द एवं सूजन ) होने पर पुनर्नवारिष्ट का प्रयोग करने से रोगी को दर्द एवं सूजन से राहत मिलती है . ( यह भी पढ़ें – दशमूलारिष्ट के फायदे )

भूख में फायदा

पुनर्नवा के सेवन से यकृत , प्लीहा की क्रियाएं सुचारू होती हैं और अग्नि प्रदीप्त होती है जिससे अग्निमांद्य ( भूख की कमी ) में फायदा होता है .

कब्ज में फायदेमंद

पुनर्नवारिष्ट के सेवन से पेट में अवरुद्ध मल हट जाता है और कब्ज दूर हो जाती है .

पथरी में पुनर्नवारिष्ट के फायदे

पुनर्नवा मूत्रल होता है , पुनर्नवारिष्ट के सेवन से मूत्र की रुकावट दूर होती है और पथरी के रोगी को फायदा होता है . ( पढ़ें – गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज )

बवासीर में पुनर्नवारिष्ट है फायदेमंद

पुनर्नवारिष्ट पाचकाग्नि को बढाती है और विबंध को दूर करती है इसलिए बवासीर के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है .

पुनर्नवा किडनी के लिए

पुनर्नवा और गोखरु किडनी के रोगियों के लिए श्रेष्ठ आयुर्वेद औषधियों में गिनी जाती हैं . किडनी के रोगियों द्वारा पुनर्नवा का सेवन करने से यूरिया और क्रिएटिनिन के स्तर में कमी होती है और रोगी को फायदा होता है .

पुनर्नवारिष्ट सेवन विधि

मात्रा – 20 ml

समय – भोजन के बाद

अनुपान – बराबर पानी के साथ

FAQ

प्रश्न – पुनर्नवा कौन सी बीमारी में काम आता है ?

उत्तर – पुनर्नवा किडनी और लिवर के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है . इसके अलावा सूजन कम करने , पेशाब की रुकावट दूर करने आदि में भी पुनर्नवा उपयोगी है .

प्रश्न – पुनर्नवा का देसी नाम क्या है ?

उत्तर – पुनर्नवा को सांठ या सांठी भी कहते हैं . मराठी में घेंटूली , पंजाबी में खट्टन , गुजराती में साटोडी , कन्नड़ में सनाडिका , तेलुगु में अटात ममिडि , तमिल में मुकत्तई नाम से भी जाना जाता है .

प्रश्न – पुनर्नवा प्रोस्टेट के लिए अच्छा है ?

उत्तर – पुनर्नवा मूत्रल और शोथहर होने के कारण प्रोस्टेट के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है . इसके सेवन से प्रोस्टेट के रोगियों को पेशाब सम्बंधित समस्या में राहत मिलती है .

दोस्तों , इस लेख में पुनर्नवा किडनी के लिए कैसा रहता है ? पुनर्नवारिष्ट के फायदे क्या हैं ? इन प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास किया गया . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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