खांसी जहां अन्य रोग का एक लक्षण है वहीं एक स्वतंत्र रोग भी है जो कभी कभी भयंकर रूप ले लेता है और रोगी को बहुत बेचैन और परेशान कर देता है . आयुर्वेद में मौजूद है पुरानी से पुरानी खांसी की दवा और इस आर्टिकल में हम इसी से सम्बन्धित जानकारी शेयर कर रहे हैं .
आयुर्वेद के अनुसार खांसी क्या है ?
आयुर्वेद में खांसी को कास के नाम से संबोधित किया गया है . आचार्य चरक के अनुसार कास में वायु की ऊर्ध्व गति होती है , इसलिए इसे कास कहते हैं . आचार्य सुश्रुत के मतानुसार प्रकुपित वायु कांस्य पात्र के समान कुशब्द ( खराब ध्वनि ) के साथ मुख से बाहर निकलती है इसलिए इसे कास कहते हैं .
आयुर्वेद अनुसार कास ( खांसी ) के पांच प्रकार होते हैं जिनके लक्षणों को पहचान कर तदनुरूप चिकित्सा की जाती है .
- वातज कास
- पित्तज कास
- कफज कास
- क्षतज कास
- क्षयज कास
खांसी के घरेलू उपाय
सामान्य सावधानियां बरत कर तथा कुछ घरेलू उपाय अपनाकर हम खांसी से निजात पा सकते हैं जब तक कि यह बहुत गंभीर अवस्था को प्राप्त न हुई हो . सामान्य खांसी के घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं .
- गुनगुना पानी पियें .
- नमक के गरारे करें .
- हल्दी वाला दूध का सेवन करें .
- अदरक के रस को शहद के साथ चाटें .
- हल्दी और गुड़ की गोलियां बना कर सेवन करें .
- लहसुन की कलियाँ सेक कर खाएं .
- वासा ( अडूसा ) के दो पत्ते , तुलसी की पांच पत्तियाँ , दो लौंग , दो काली मिर्च और अदरक का छोटा टुकडा इन सब को एक कप पानी में उबालें और गुड़ मिला दें . जब एक चौथाई भाग शेष रहे तो आंच से नीचे उतार कर , छान कर गुनगुना ही पी लें . तीन चार दिन नियमित सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है .
- छोटी कटेरी का काढा बना कर उसमे शहद मिला कर सेवन करें , खांसी में आराम मिलता है .
- पान के पत्ते में मुलैठी पाउडर डाल कर चबाएं और रस को अन्दर निगलते रहें , थूके नहीं . खांसी में लाभ होता है .
- लौंग , काली मिर्च और कत्था को बराबर मात्रा में लेकर शहद के साथ चाटें , खांसी में राहत मिलती है .
- चाय में लौंग , अदरक और काली मिर्च डाल कर पियें .
- तुलसी की पत्तियों का रस और पान के पत्ते का रस गर्म कर शहद के साथ चाटें .
- काली मिर्च का चूर्ण शहद के साथ चाटें .
- भटकटैया का रस गर्म कर शहद के साथ चाटें .
खांसी में तुरंत आराम के लिए क्या करें ?
खांसी में तत्काल राहत के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां और घरेलू उपचार अपनाये जा सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं .
- खांसी चलने पर मुंह में एक लौंग रख लें और धीरे धीरे चूसते रहें .
- व्योषादि वटी या लवंगादि वटी चूसने से भी खांसी में तुरंत आराम मिलता है .
- खुश्की के कारण यदि खांसी चल रही हो तो पानी पी लें और गले को तर कर लें .
- घूँट घूँट कर गुनगुना पानी पियें .
- मुंह में अदरक का छोटा टुकडा रख कर धीरे धीरे चूसते रहें . ( यह भी पढ़ें – कच्चा अदरक खाने के फायदे )
- सर्दी जुकाम के कारण खांसी चल रही है तो गले और छाती पार बाम रगड़ें , कफ पिघल कर बाहर आने से राहत मिलेगी .
- ज्यादा चले नहीं और एक स्थान पर आराम से बैठ जाएँ .
- खांसी चलने पर मुलैठी का टुकडा मुंह में रख लें और चूसते रहें . ( यह भी पढ़ें – मुलेठी किस रोग की दवा है )
- च्यवनप्राश अथवा वासावलेह ( एक चम्मच ) चाटें .
पुरानी से पुरानी खांसी की दवा
आयुर्वेद में खांसी के उपचार हेतु कई प्रकार के औषधीय योग बताये गये हैं जिनका आयुर्वेद चिकित्सक के मार्गदर्शन में सेवन करने निश्चित ही लाभ होता है . आयुर्वेद में जीर्ण कास की औषधियां ( पुरानी से पुरानी खांसी की दवा ) निम्नलिखित हैं .
- सितोपलादि चूर्ण
- तालीसादि चूर्ण
- मधुयष्टि चूर्ण
- बहेड़ा चूर्ण
- पिप्पली चूर्ण
- लवंगादि वटी
- व्योषादि वटी
- खदिरादि वटी
- मरिच्यादि वटी
- चन्द्रामृत रस
- अभ्रक भस्म ( यह भी पढ़ें – अभ्रक भस्म के फायदे )
- श्रृंग भस्म
- टंकण भस्म
- कफ कुठार रस
- वासावलेह
- च्यवनप्राशावलेह ( यह भी पढ़ें – च्यवनप्राश कब खाना चाहिए )
- कंटकार्यावलेह
- स्वर्ण बसंत मालती रस
- वासारिष्ट
- कनकासव
उपर्युक्त आयुर्वेदिक औषधियों का किसी योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार उचित योग बनाकर सेवन करने से तथा ऊपर लिखे घरेलू उपाय अपनाने से पुरानी से पुरानी खांसी से भी छुटकारा मिल जाता है . उक्त औषधियों का सेवन चिकित्सक के निर्देशानुसार ही करें .
रात में ज्यादा खांसी आए तो क्या करें ?
यदि रात में ज्यादा खांसी सताती है तो निम्नलिखित सावधानियां और घरेलू उपाय अपनायें .
- सोते समय सिर के नीचे मोटा तकिया लगायें .
- खुश्की न होने दें , वातावरण और गले को नम रखें .
- सोते समय पानी पास में रखें और खांसी चलने पर पानी पी लें .
- भोजन करते ही सोने न जाएँ , भोजन और सोने के बीच कम से कम दो घंटों का अंतराल रखें .
- सोते समय मुंह से सांस न लें , सिर्फ नाक से ही सांस लें .
- रात में ज्यादा खांसी चलने पर मुंह में मुनक्का रख लें जिससे गला सूख न पाए .
- रात में हल्का और सादा भोजन लें . तीखे और मसालेदार भोजन से बचें .
- सोने से पहले हल्दी वाला दूध का सेवन करें .
- खांसी चलने पर हल्दी और गुड़ की गोली मुंह में रख लें .
- खांसी चलने पर नमक वाला गुनगुना पानी ( 1-2 घूँट ) पियें .
FAQ
प्रश्न – एलर्जी खांसी के लिए सबसे अच्छी दवा कौनसी है ?
उत्तर – आयुर्वेद में त्रिकटु चूर्ण , हरिद्रा खंड , सितोपलादि चूर्ण , चित्रक हरीतकी अवलेह , च्यवनप्राश अवलेह आदि औषधियां एलर्जी वाली खांसी में उपयोगी हैं जिनका आयुर्वेद्द चिकित्सक की देख रेख में प्रयोग किया जा सकता है .
प्रश्न – खांसी ठीक नहीं हो रही है क्या करें ?
उत्तर – इस लेख में कुछ घरेलू उपाय बताये गये हैं जिन्हें आजमाने से खांसी में आराम मिल जाता है . यदि फिर भी खांसी से राहत नहीं मिल रही हो तो चिकित्सक से सम्पर्क करें .
प्रश्न – गले में खराश और सूखी खांसी हो तो क्या करें ?
उत्तर – नमक के गरारे करने तथा मुलैठी चूसने से गले की खराश खत्म हो जाती है . सूखी खांसी होने पर सितोपलादि चूर्ण को शहद के साथ चाटें .
दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस आर्टिकल में हमने पुरानी से पुरानी खांसी की दवा के बारे में जानकारी साझा की और खांसी के घरेलू उपाय बताये . आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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