हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आयुर्वेद दवाओं की जानकारी की कड़ी में आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से लवण भास्कर चूर्ण के फायदे और नुकसान बताने जा रहे हैं . अगिमान्द्य , अजीर्ण , उदर विकार की चिकित्सा में प्रयोग किये जाने वाले लवण भास्कर चूर्ण के फायदे जानने के लिए पढ़ते रहिये .
![लवण भास्कर चूर्ण के फायदे और नुकसान](https://rajendraverma.in/wp-content/uploads/2023/12/LBKFN-0-1-.png)
लवण भास्कर चूर्ण क्या है ?
लवण भास्कर चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो आयुर्वेदिक स्टोर पर पाउडर के रूप में उपलब्ध होता है . लवण भास्कर चूर्ण एक स्वादिष्ट चूर्ण होता है जिसे कई लोग सलाद पर मसाले के रूप में छिड़क कर भी प्रयोग करते हैं . लवण भास्कर चूर्ण का विभिन्न उदर विकारों में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा उपचार हेतु उपयोग किया जाता है .
लवण भास्कर चूर्ण की सामग्री ( घटक )
लवण भास्कर चूर्ण के निर्माण में निम्नलिखित घटक द्रव्यों का उपयोग किया जाता है .
- समुद्री नमक
- काला नमक
- सैंधा नमक
- धनिया
- पिप्पली
- पिप्पली मूल
- काली मिर्च
- सौंठ
- काला जीरा
- सफ़ेद जीरा
- नागकेसर
- तालीस पत्र
- तेजपत्ता
- अम्लवेतस
- अनार
- इलायची
- दालचीनी
लवण भास्कर चूर्ण के फायदे और नुकसान
लवण भास्कर चूर्ण का मुख्यतः उदर रोगों की चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है . अजीर्ण , विबंध , मन्दाग्नि , ग्रहणी आदि के उपचार में प्रयोग किये जाने वाले लवण भास्कर चूर्ण के अन्य रोगों में भी लाभ प्राप्त होते हैं . आइये जानते हैं लवण भास्कर चूर्ण के फायदे और नुकसान क्या हैं .
लवण भास्कर चूर्ण के फायदे
अरुचि , अग्निमांद्य , गैस , अपच आदि में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले लवण भास्कर चूर्ण के फायदे निम्नानुसार हैं .
![लवण भास्कर चूर्ण के फायदे](https://rajendraverma.in/wp-content/uploads/2023/12/LBKF-0-.png)
लवण भास्कर चूर्ण से अग्निमांद्य में लाभ
लवण भास्कर चूर्ण को छाछ के साथ सेवन करने से मन्दाग्नि नष्ट होती है तथा भूख जागृत होती है . ( यह भी पढ़ें – भूख लगने की सबसे अच्छी दवा )
गैस एवं बदहजमी में लवण भास्कर चूर्ण का प्रयोग
गैस या अपच होने पर लवण भास्कर चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है .
लवण भास्कर चूर्ण से ग्रहणी या IBS में फायदा
पाचक पित्त की दुर्बलता से ग्रहणी रोग होता है . लवण भास्कर चूर्ण में दीपन पाचन गुण के कारण दही या छाछ के साथ सेवन करने से ग्रहणी के रोगी को लाभ होता है .
लवण भास्कर चूर्ण से कब्ज में राहत
विबंध ( कब्ज ) होने पर रात को सोने से पहले एक चम्मच लवण भास्कर चूर्ण गुनगुने पानी के साथ प्रयोग करने से मलावरोध नष्ट होता है तथा कब्ज से राहत मिलती है . ( यह भी पढ़ें – कब्ज क्यों होता है )
लवण भास्कर चूर्ण से भोजन में रुचि होती है
अरुचि अर्थात् भोजन की इच्छा न होने पर लवण भास्कर चूर्ण को छाछ या सलाद पर छिड़क कर खाने से भोजन में रुचि पैदा होती है .
आमवात में लवण भास्कर चूर्ण का उपयोग
दुर्बल पाचक अग्नि से आम का निर्माण होकर वायु के साथ जोड़ों में एकत्रित हो जाने से जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होती है जिसे आयुर्वेद में आमवात कहा गया है . लवण भास्कर चूर्ण में दीपन पाचन गुण होने के कारण इसके सेवन से आम विकार कम होता है जिससे आमवात के रोगी को लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा )
लवण भास्कर चूर्ण से पेट में सूजन और अफारा में लाभ
पेट में सूजन और आध्मान ( अफारा ) होने पर लवण भास्कर चूर्ण का सेवन करने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपाय )
लवण भास्कर चूर्ण के नुकसान
सामान्यतः लवण भास्कर चूर्ण एक सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है किन्तु स्वेच्छा से बिना चिकित्सकीय परामर्श के इसे लेना कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है . आइये जानते हैं लवण भास्कर चूर्ण के नुकसान क्या हैं और किन किन लोगों को इसके सेवन में सावधानी बरतनी आवश्यक है .
![लवण भास्कर चूर्ण के नुकसान](https://rajendraverma.in/wp-content/uploads/2023/12/LBKN-0-.png)
- लवण भास्कर चूर्ण की अधिक मात्रा से जलन या एसिडिटी की समस्या हो सकती है .
- लवण भास्कर चूर्ण में नमक का प्रयोग किया गया है इसलिए उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है .
- लवण भास्कर चूर्ण में नमक की उपलब्धता के कारण किडनी के रोगियों को भी इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए .
- लवण भास्कर चूर्ण में प्रयुक्त घटक द्रव्यों में किसी से एलर्जी होने की स्थिति में इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
लवण भास्कर चूर्ण की मात्रा व सेवन विधि
सामान्यतः लवण भास्कर चूर्ण को छाछ या मट्ठे के साथ सेवन करने की सलाह दी जाती है . यह एक आयुर्वेद औषधि है इसलिए हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श और निदेशानुसार ही सेवन करनी चाहिए . सामान्य रूप से लवण भास्कर चूर्ण की सेवन विधि निमानुसार है .
मात्रा – 2-3 ग्राम ( भोजन से पहले अथा बाद में )
अनुपान – छाछ , पानी , गुनगुना पानी .
FAQ
प्रश्न – मुझे लवण भास्कर चूर्ण कब लेना चाहिए ?
उत्तर – लवण भास्कर चूर्ण का सेवन भोजन से पहले तथा भोजन के बाद भी किया जा सकता है . सही लाभ के लिए आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें .
प्रश्न – लवण भास्कर चूर्ण का प्रयोग कैसे करें ?
उत्तर – लवण भास्कर चूर्ण का प्रयोग छाछ या गुनगुने पानी के साथ किया जाता है .
प्रश्न – लवण भास्कर चूर्ण के क्या फायदे हैं ?
उत्तर – लवण भास्कर चूर्ण अरुचि , अग्निमांद्य , विबंध , ग्रहणी , अपच आदि उदर विकारों की चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है .
दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेदिक दवा लवण भास्कर चूर्ण के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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