शंख भस्म के फायदे और नुकसान | 10 Best Uses of Shankh Bhasm.

हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आयुर्वेदिक दवा शंख भस्म के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर कर रहे हैं . आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी . उदर रोगों की आयुर्वेद औषधि शंख भस्म के फायदे जानने के लिए पढ़ते रहिये .

शंख भस्म के फायदे और नुकसान

शंख भस्म क्या है ?

शंख भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा पेट दर्द , एसिडिटी , दस्त , मरोड़ आदि की चिकित्सा हेतु प्रयोग किया जाता है . पाचन सम्बन्धित विकारों के उपचार के लिए शंख भस्म का उपयोग किया जाता है . शंख ( जलीय जीव का शैल ) को शुद्ध कर उसकी भस्म बनायी जाती है जो आयुर्वेदिक स्टोर पर पाउडर के रूप में उपलब्ध होती है .

शंख भस्म के घटक

आयुर्वेद औषधि शंख भस्म के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले घटक द्रव्य निम्नानुसार हैं .

  • शुद्ध शंख
  • निम्बू स्वरस

शंख भस्म के फायदे और नुकसान

आयुर्वेद में शंख भस्म को मुख्यतः उदर रोगों की चिकित्सा हेतु प्रयोग किया जाता है . शंख भस्म में एंटासिड का गुण होने के कारण यह अपच , पेट दर्द आदि पेट सम्बन्धित समस्याओं के उपचार हेतु काम में ली जाती है . आइये जानते हैं उदर विकारों की आयुर्वेदिक दवा शंख भस्म के फायदे और नुकसान क्या हैं .

शंख भस्म के फायदे

पेट दर्द , दस्त , एसिडिटी आदि की चिकित्सा में मुख्यतः प्रयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दवा शंख भस्म के कई रोगों में चिकित्सकीय उपयोग होते हैं . शंख भस्म के फायदे निम्नलिखित रोगों में प्राप्त होते हैं .

शंख भस्म के फायदे

पेट दर्द में शंख भस्म से लाभ

शंख भस्म वात पित्त शामक होता है . वायु विकार के कारण उत्पन्न उदर शूल ( पेट दर्द ) होने पर शंख भस्म को काले नमक , हिंग्वष्टक चूर्ण या त्रिकटु चूर्ण के साथ गुनगुने पानी से लेने पर दर्द में आराम होता है . ( यह भी पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपाय )

एसिडिटी में शंख भस्म के फायदे

अम्लपित्त ( एसिडिटी ) होने पर पित्त शामक शंख भस्म और अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन करने से रोगी को लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – एसिडिटी का तुरंत इलाज )

IBS में शंख भस्म का प्रयोग

Irritable bowl syndrome या ग्रहणी की शिकायत होने पर शंख भस्म और बिल्व चूर्ण का प्रयोग करने से लाभ होता है .

उल्टी और खट्टी डकारों में शंख भस्म के लाभ

पित्त के प्रकोप से जब खट्टी डकारें आती हैं , भोजन वापस गले की ओर आता है या उल्टी , मितली आदि की समस्या होती है तो शंख भस्म के सेवन से लाभ होता है .

अतिसार में शंख भस्म का उपयोग

जब रोगी बार बार थोड़ा थोड़ा मल त्याग कर रहा हो और मल नहीं बंध रहा हो तो शंख भस्म का प्रयोग करने से मल बंधता है और दस्त ( अतिसार ) में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – बार बार दस्त लगने का क्या कारण है )

लिवर और स्प्लीन के लिए शंख भस्म

यकृत और प्लीहा वृद्धि में शंख भस्म का प्रयोग लाभप्रद होता है .

हिचकी में शंख भस्म का प्रयोग

लगातार हिचकी आने पर 250-500 mg शंख भस्म पानी के साथ सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है .

हड्डियों के लिए शंख भस्म का लाभ

शंख भस्म कैल्शियम का स्रोत होता है इसलिए शंख भस्म के सेवन से शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं तथा जोड़ों के दर्द में भी लाभ होता है .

गैस और बदहजमी में शंख भस्म के लाभ

शंख भस्म वातनाशक और एंटासिड होने के कारण गैस और अपच की समस्या से निजात दिलाने वाला होता है .

शंख भस्म से सूजन में लाभ

पेट में सूजन होने पर शोथहर गुण के कारण शंख भस्म के सेवन से लाभ होता है और सूजन में कमी होती है .

शंख भस्म के नुकसान

शंख भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श और निर्देशित मात्रा के अनुसार ही सेवन करना चाहिए . अनुचित मात्रा में अथवा स्वेच्छा से शंख भस्म का प्रयोग करना नुकसानदायक भी हो सकता है . आइये जानते हैं शंख भस्म के नुकसान क्या हो सकते हैं और इसके सेवन में क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए .

शंख भस्म के नुकसान
  • गर्भावस्था में अधिकतर महिलाओं को कब्ज की शिकायत होती है इसलिए ऐसी स्थिति में शंख भस्म के सेवन की सलाह नहीं दी जा सकती .
  • शंख भस्म के अधिक मात्रा में सेवन से उल्टी या पेट दर्द की शिकायत हो सकती है .
  • बिना किसी अनुपान के जीभ के सीधे सम्पर्क में आने पर शंख भस्म द्वारा जीभ पर दरारें हो सकती हैं इसलिए किसी सहायक औषधि या अनुपान के साथ ही सेवन करना चाहिए .
  • अकेली शंख भस्म का अधिक सेवन कब्ज का कारण भी बन सकती है .

शंख भस्म की खुराक और सेवन विधि

शंख भस्म एक आयुर्वेद औषधि है इसलिए हमेशा आयुर्वेद चिकित्सक के निशा निर्देश और निर्धारित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए . सामान्यतः शंख भस्म की सेवन विधि निम्नानुसार है .

शंख भस्म सेवन विधि

मात्रा – 250-500 mg

अनुपान – नीम्बू का रस , शहद , त्रिफला कषाय , सहायक औषधि आदि ( चिकित्सक के अनुसार )

दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेदिक दवा शंख भस्म के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित जानकारी बतायी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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