सफेद दाग का इलाज है आयुर्वेद में : जानें सफेद दाग की आयुर्वेदिक दवा | Best Treatment For Vitiligo in Ayurveda.

हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आपका स्वागत है . आज के लेख में सफ़ेद दाग के कारण और सफेद दाग की आयुर्वेदिक दवा [ Safed daag ka ayurvedic ilaj ] विषय पर जानकारी दी जा रही है , आशा है यह लेख आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा .

सफ़ेद दाग क्या है ?

सफ़ेद दाग त्वचा पर होने वाले सफ़ेद रंग के धब्बों या चकत्तों को कहते हैं . मेडिकल साइंस में इसे Vitiligo या Leucoderma कहा जाता है . आयुर्वेद में सफ़ेद दाग को श्वित्र या श्वेत कुष्ठ कहा गया है .

आयुर्वेद ग्रंथों में अठारह प्रकार के कुष्ठों का वर्णन किया गया है जिनमें सात महाकुष्ठ और ग्यारह क्षुद्र कुष्ठ कहे गये हैं . श्वित्र या सफ़ेद दाग त्वचा का एक विकार है जिसमे त्वचा को प्राकृतिक वर्ण प्रदान करने वाले मेलेनिन तत्व की विकृति से जिस स्थान पर मेलेनिन की कमी हो जाती है उस स्थान पर त्वचा का वर्ण फीका या सफ़ेद होकर सफ़ेद दाग में परिवर्तित हो जाता है .

सफेद दाग की आयुर्वेदिक दवा
सफेद दाग क्यों होता है ?

सफेद दाग क्यों होता है ?

त्वचा को प्राकृतिक वर्ण प्रदान करने वाले मेलेनिन तत्त्व की कमी सफ़ेद दाग का मुख्य कारण है . आयुर्वेद के अनुसार विरुद्धाहार श्वित्र का मुख्य कारण माना गया है . दूध- मूली, दही- दूध, दूध-मछली जैसे खाद्य पदार्थों को आपस में मिलाकर खाना, अत्यधिक अम्ल पदार्थों का सेवन, मांसाहार, चटपटे मसालेदार भोजन का अधिक प्रयोग, जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक आदि अहितकर भोजन का अत्यधिक प्रयोग सफ़ेद दाग के कारण माने जा सकते हैं .

सफ़ेद दाग आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है . यदि परिवार में पहले किसी को यह रोग रहा हो तो इसकी सम्भावना बढ़ जाती है .

सफेद दाग के लक्षण क्या हैं ?

शरीर में किसी भी स्थान पर सफ़ेद रंग के चकत्ते या दाग हो जाना ही इस रोग का मुख्य लक्षण है . मुख्यतः सफ़ेद दाग के अधोलिखित लक्षण माने जाते हैं –

१. त्वचा का रंग फीका पड़ना या सफ़ेद होना

२. सिर के बाल, पलकें, भौहें व दाढ़ी के बाल सफ़ेद हो जाना

३. हाथ, पैर, चेहरे और होठों पर अधिकांशतः इसके लक्षण प्रकट होते हैं

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सफेद दाग के लक्षण
सफेद दाग के लक्षण

सफ़ेद दाग के क्या नुकसान हैं ?

सफ़ेद दाग कष्टदायक रोग नहीं होता और इसके विशेष दुष्प्रभाव नहीं होते किन्तु त्वचा वैवर्ण्य और कुरूपता के कारण रोगी हीन भावना का शिकार हो जाता है जो कि इस रोग का सबसे नकारात्मक पहलू है . सामान्यतः इस रोग में दर्द या जलन का अनुभव नहीं होता किन्तु किसी किसी रोगी को तेज धूप में जलन या खुजली हो सकती है .

सफेद दाग की आयुर्वेदिक दवा

योग, प्राणायाम और आयुर्वेद औषधियों से सफ़ेद दाग का उपचार संभव है . यह रोग जितना पुराना हो जाता है उतना ही कष्ट साध्य होता है . बाकुची [ बापची ] इस रोग की श्रेष्ठ औषधि है जिसका आभ्यंतर और बाह्य प्रयोग कराया जाता है .

सफेद दाग के उपचार में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा मुख्यतः निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग किया जाता है –

  • बाकुची चूर्ण
  • रस माणिक्य
  • गंधक रसायन
  • ताम्र भस्म
  • गिलोय सत्व
  • बाकुची तेल
  • तुवरक तेल
  • नीम तेल
  • पंचतिक्त घृत गुग्गुलु
  • खदिरारिष्ट
  • आरोग्यवर्धिनी वटी
  • शशिलेखा वटी
  • करन्जादि वटी

उपर्युक्त औषधियों के अलावा भी आयुर्वेद में कई शास्त्रीय योग हैं जो श्वित्र के उपचार के लिए प्रयोग किये जाते हैं . आजकल कई फार्मेसियों द्वारा निर्मित पेटेंट औषधियां बाजार में उपलब्ध हैं जिनके अच्छे परिणाम हैं . यदि योग्य चिकित्सक के निर्देशन में आयुर्वेद औषधियों का बाह्य एवं आभ्यंतर प्रयोग कराया जाता है तो सफेद दाग से रोगी को मुक्ति मिलती है .

सफेद दाग में क्या परहेज करना चाहिए ?

इस रोग का मुख्य कारण विरुद्ध आहार और अनुचित खान पान होने से परहेज [ पथ्यापथ्य ] का विशेष महत्त्व है . इसमें चिकित्सक के दिशा निर्देशानुसार ही आहार का निर्धारण करना चाहिए . सामान्यतः सफ़ेद दाग दाग में पथ्यापथ्य निम्नानुसार हैं –

सफेद दाग में क्या खाना चाहिए ?

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ सफेद दाग के रोगियों के लिए अच्छे रहते हैं –

  • जौ
  • गेहूं
  • पुराना चावल
  • करेला
  • टिंडा
  • तुरई
  • परवल
  • लौकी
  • अनार

सफेद दाग में क्या नहीं खाना चाहिए ?

सफेद दाग के रोगी को निम्नलिखित खाने वाली चीजों से बचना चाहिए –

  • खट्टे पदार्थ
  • मांस
  • मछली
  • दूध
  • दही
  • छाछ
  • चिकनाई व तेल वाला भोजन
  • कोल्ड ड्रिंक
  • डिब्बा बंद आहार व जंक फ़ूड

FAQ

सफेद दाग के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है ?

सफेद दाग के उपचार के लिए शशिलेखा वटी और बाकुची तेल के बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं . शशिलेखा वटी मुख से लेने वाली मेडिसिन है तथा बाकुची तेल को सफेद दागों पर लगाया जाता है .

नींबू विटिलिगो के लिए अच्छा है ?

जी नहीं , नींबू का सेवन विटिलिगो ( सफेद दाग ) की समस्या को बढ़ा सकता है , इसलिए विटिलिगो के रोगी को नींबू व सभी प्रकार की खटाई से बचना चाहिये .

क्या दही विटिलिगो के लिए खराब है ?

जी हाँ , दही का सेवन विटिलिगो की समस्या में इजाफा करने वाला होता है , इसलिए विटिलिगो वाले पेशेंट को दही खाने की सलाह नहीं दी जाती .

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दोस्तों , आज हमने इस आर्टिकल में सफेद दाग की आयुर्वेदिक दवा , सफेद दाग क्यों होता है , सफेद दाग में क्या परहेज करना चाहिए आदि जानकारी शेयर की . अगले लेख में फिर कोई रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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