उच्च रक्तचाप एवं मानस रोगों में सर्पगंधा वटी के फायदे | 10 Benefits of Sarpgandha Vati

प्राचीन काल से ही सर्पगंधा का मानसिक रोग , अनिद्रा , उच्च रक्तचाप आदि रोगों में प्रयोग किया जाता रहा है . आज हम इसी सर्पगंधा से निर्मित आयुर्वेद औषधि सर्पगंधा वटी के फायदे इस आर्टिकल के माध्यम से आप को बताने जा रहे हैं .

सर्पगंधा वटी के फायदे

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सर्पगंधा का परिचय

मस्तिष्क एवं मनो रोगों की सर्वश्रेष्ठ मानी जाने वाली औषधि सर्पगंधा का पौधा 1-3 फुट ऊंचा होता है . इसके पत्ते नीचे की ओर हल्के हरे एवं ऊपर की ओर गहरे हरे रंग के होते हैं . इसका काण्ड गोल आकार का तथा छाल पीले रंग की होती है . औषधि के रूप में सर्पगंधा की छाल युक्त जड़ का इस्तेमाल किया जाता है .

सर्पगंधा के अन्य नाम चंद्रभागा , चंद्रमार , धवल विटप आदि हैं . सामान्य बोल चाल की भाषा में इसे चंदमरवा , धवल बरुआ , धन मरवा , इसरगंज आदि भी कहा जाता है .

सर्पगंधा

क्या है सर्पगंधा वटी या सर्पगंधा घन वटी ?

सर्पगंधा से निर्मित आयुर्वेद औषधि सर्पगंधा वटी या सर्पगंधा घन वटी के नाम से विभिन्न आयुर्वेद औषधि निर्माता कंपनियों द्वारा बनायी जाती हैं . यह वटी या गुटिका ( टेबलेट ) के रूप में उपलब्ध होती है जिसका आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा मानस रोगों , अनिद्रा , उच्च रक्तचाप आदि में प्रयोग किया जाता है .

सर्पगंधा घन वटी

सर्पगंधा वटी के फायदे और नुकसान

सर्पगंधा मस्तिष्क , हृदय , पाचन तंत्र की समस्याओं के साथ प्रसव कष्ट , ज्वर आदि में भी उपयोगी औषधि है . इसका चिकित्सक के परामर्श अनुसार उचित मात्रा में प्रयोग करने से अनेक फायदे हैं तो अनुचित मात्रा में एवं स्वेच्छा से लेने पर नुकसान की संभावना भी रहती है . आइये जानते हैं सर्पगंधा वटी के फायदे और नुकसान क्या हैं ? ( यह भी पढ़ें – चंद्रप्रभा वटी के फायदे )

सर्पगंधा वटी के फायदे

सर्पगंधा वटी के फायदे

सर्पगंधा वटी का मस्तिष्क रोगों में फायदा

सर्पगंधा के सेवन से मन शांत रहता है एवं मस्तिष्क को आराम मिलता है इसलिए मस्तिष्क के विकारों को शांत करने के लिए सर्पगंधा वटी का प्रयोग लाभदायक होता है . ( यह भी पढ़ें – अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए )

सर्पगंधा घन वटी से अनिद्रा में लाभ

सर्पगंधा मस्तिष्क की उत्तेजना को शांत करता है और अच्छी नींद लाने में सहायता करता है . इसलिए अनिद्रा के रोगियों को रात में सोते समय इसका सेवन करने लाभ होता है .

उच्च रक्तचाप में सर्पगंधा वटी लाभप्रद

सर्पगंधा ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में मदद करता है इसलिए सर्पगंधा वटी के सेवन से उच्च रक्तचाप के रोगियों को फायदा होता है .

सर्पगंधा का बुखार में उपयोग

सर्पगंधा आमपाचन एवं ज्वरघ्न होने के कारण तेज बुखार में इसका सेवन करने से बुखार कम होता है .

प्रसव पीड़ा में सर्पगंधा का प्रयोग

महिला को प्रसव के समय अधिक कष्ट होने पर सर्पगंधा वटी के प्रयोग से प्रसव में कष्ट कम होता है .

सर्पगंधा का प्रयोग हृदय रोग में

सर्पगंधा हृदय की गति को सामान्य करता है एवं हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है इसलिए हार्ट अटैक के संभावित खतरे को कम करता है . ( यह भी पढ़ें – अर्जुनारिष्ट के फायदे )

मानसिक तनाव में सर्पगंधा वटी लाभदायक

सर्पगंधा वटी के सेवन से मन शांत होता है इसलिए चिंता ग्रस्त और मानसिक तनाव के रोगियों के लाभदायक होता है . ( यह भी पढ़ें – ब्राह्मी के फायदे और नुकसान )

कष्टार्तव ( पीरियड्स में दर्द ) में सर्पगंधा वटी फायदेमंद

जिन महिलाओं को पीरियड्स के समय अधिक पीड़ा होती है उन्हें सर्पगंधा वटी के सेवन से कष्ट में कमी होती है .

सर्पगंधा का सर्प दंश में प्रयोग

सर्पगंधा विषघ्न होने के कारण प्राचीन काल में इसका प्रयोग सांप के काटने पर इलाज के रूप में किया जाता था .

सर्पगंधा वटी का मिर्गी में लाभ

सर्पगंधा उत्तेजना को शांत करता है और मस्तिष्क को आराम पहुंचाता है इसलिए इसका प्रयोग मिर्गी के उपचार में किया जाता है .

सर्पगंधा वटी के नुकसान

सर्पगंधा वटी के नुकसान

सर्पगंधा का प्रयोग योग्य चिकित्सक के निर्देशानुसार करना चाहिए अन्यथा इसके नुकसान हो सकते हैं . आइये जानते हैं सर्पगंधा वटी से क्या नुकसान हो सकते हैं और किन लोगों को सर्पगंधा वटी का सेवन नहीं करना चाहिए .

  • सर्पगंधा वटी में ब्लड प्रेशर कम करने का गुण होता है इसलिए निम्न रक्त चाप ( लो ब्लड प्रेशर ) के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
  • शराब या अन्य मादक पदार्थों का सेवन करने वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
  • सर्पगंधा में कामावसादक गुण होने के कारण इसके अधिक सेवन से सेक्स की इच्छा में कमी हो सकती है .
  • आँतों के रोगियों को इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती .
  • अवसाद में सर्पगंधा का प्रयोग नहीं करना चाहिए .

FAQ

प्रश्न – सर्पगंधा किसे नहीं लेना चाहिए ?

उत्तर – लो ब्लड प्रेशर के रोगियों को , डिप्रेसन के रोगियों को , शराब का सेवन करने वालों को सर्पगंधा नहीं लेना चाहिए .

प्रश्न – सर्पगंधा घन वटी कैसे लेते हैं ?

उत्तर – सर्पगंधा घन वटी की मात्रा 1-2 गोली हैं जिन्हें सोते समय या आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श अनुसार लेनी चाहिए .

प्रश्न – सर्पगंधा का दूसरा नाम क्या है ?

उत्तर – सर्पगंधा को चंद्रभागा , चंद्रमार आदि नाम से भी जाना जाता है . इसका लेटिन नाम रावोल्फिया सर्पेंटिना है .

दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने आयुर्वेद औषधि सर्पगंधा के फायदे बताये . अगले लेख में किसी अन्य उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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