सितोपलादि चूर्ण के फायदे व नुकसान | 8 Benefits of Sitopaladi churna.

हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आयुर्वेद औषधियों की जानकारी की कड़ी में हम कास श्वास की आयुर्वेदिक औषधि सितोपलादि चूर्ण के फायदे व नुकसान से सम्बन्धित जानकारी शेयर कर रहे हैं .

सितोपलादि चूर्ण के फायदे व नुकसान

Table of Contents

सितोपलादि चूर्ण का परिचय

सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो आयुर्वेदिक स्टोर पर पाउडर के रूप में मिलती है . सितोपलादि चूर्ण का प्रयोग खांसी , जुकाम , अस्थमा , टी बी एवं श्वसन से सम्बंधित विभिन्न रोगों में किया जाता है .

सितोपलादि चूर्ण के घटक

सितोपलादि चूर्ण के निर्माण में निम्नलिखित घटक द्रव्यों का उपयोग किया जाता है .

  • मिश्री
  • वंशलोचन
  • पिप्पली
  • इलायची
  • दालचीनी

सितोपलादि चूर्ण के फायदे व नुकसान

आयुर्वेद में सितोपलादि चूर्ण का कास , श्वास , प्रतिश्याय , ज्वर , राजयक्ष्मा आदि रोगों के उपचार में उपयोग बताया गया है . आइये जानते हैं सितोपलादि चूर्ण के फायदे व नुकसान क्या हैं .

सितोपलादि चूर्ण के फायदे

श्वसन से सम्बन्धित रोगों के उपचार की प्रमुख औषधियों में सितोपलादि चूर्ण का महत्त्वपूर्ण स्थान है . आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा खांसी , जुकाम , श्वास , निमोनिया आदि की चिकित्सा में प्रयोग किये जाने वाले सितोपलादि चूर्ण के अनेक स्वास्थ्यप्रद लाभ हैं . आइये जानते हैं सितोपलादि चूर्ण के फायदे किन किन रोगों में प्राप्त होते हैं .

सितोपलादि चूर्ण के फायदे

खांसी में सितोपलादि चूर्ण और शहद के फायदे

खांसी होने पर सितोपलादि चूर्ण को शहद के साथ चाटने से बहुत लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पुरानी से पुरानी खांसी की दवा )

अस्थमा में सितोपलादि चूर्ण से लाभ

श्वास ( अस्थमा ) की शिकायत होने पर सितोपलादि चूर्ण , श्वास कुठार रस और अभ्रक भस्म को शहद या वासावलेह के साथ सेवन करने से श्वास का वेग कम होता है और रोगी को आराम मिलता है . ( यह भी पढ़ें – अस्थमा या दमा की आयुर्वेदिक दवा )

राजयक्ष्मा ( टी बी ) में सितोपलादि चूर्ण का प्रयोग

टी बी के मरीजों में खांसी और श्वास की दिक्कत होने पर बसंतमालती रस और सितोपलादि चूर्ण का उपयोग लाभप्रद होता है .

सितोपलादि चूर्ण से जुकाम में लाभ

सितोपलादि चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से सर्दी , जुकाम में लाभ होता है . अधिक शिकायत होने पर लक्ष्मी विलास रस की गोली का साथ में प्रयोग करें . ( पढ़ें – सर्दी जुकाम के घरेलू नुस्खे )

कफ ( बलगम ) को बाहर निकालता है सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण को शहद के साथ या गर्म पानी के साथ सेवन करने से छाती में जमा कफ पिघल कर बाहर निकलता है .

गले में खराश होने पर सितोपलादि चूर्ण का उपयोग

गला बैठना या गले में खराश होने पर शहद या गर्म पानी के साथ सितोपलादि चूर्ण का प्रयोग लाभदायक होता है .

एलर्जी में लाभदायक है सितोपलादि चूर्ण

जो लोग एलर्जी से परेशान हैं , बार बार जुकाम लगता है , आँखों और नाक से पानी गिरता है उन लोगों द्वारा नियमित सितोपलादि चूर्ण का शहद के साथ सेवन करना लाभप्रद होता है . ( पढ़ें – एलर्जी को जड़ से खत्म करना )

टोन्सिलाइटिस में सितोपलादि चूर्ण लाभकारी

सितोपलादि चूर्ण में शोथहर गुण होने के कारण इसके सेवन से टोन्सिल की सूजन में कमी होती है और खांसी एवं स्वरभेद में लाभ होता है .

सितोपलादि चूर्ण के नुकसान

सितोपलादि चूर्ण वैसे तो एक सुरक्षित आयुर्वेद औषधि है तथा सामान्यतः इसके दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते किन्तु व्यक्ति विशेष को इसके सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं . सितोपलादि चूर्ण के नुकसान निम्नानुसार हो सकते हैं .

सितोपलादि चूर्ण के नुकसान
  • सितोपलादि चूर्ण में सबसे अधिक मात्रा मिश्री या शर्करा की होती है इसलिए डायबिटीज ( मधुमेह ) के रोगियों द्वारा इसका सेवन ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है .
  • जिन लोगों को सितोपलादि चूर्ण में प्रयुक्त घटक द्रव्यों में किसी घटक से एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
  • खाली पेट सितोपलादि चूर्ण का सेवन गैस्ट्रिक प्रोब्लम पैदा कर सकता है .

सितोपलादि चूर्ण कैसे खाएं ?

सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो आयुर्वेद डॉक्टर के निर्देशानुसार ही सेवन करना चाहिए . सामान्यतः सितोपलादि चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जाता है किन्तु रोग एवं रोग की अवस्था के अनुसार चिकित्सक इसका प्रयोग वासावलेह , च्यवनप्राश अवलेह आदि के साथ भी करते हैं .

सितोपलादि चूर्ण कैसे खाएं

मात्रा – 2-5 ग्राम ( वयस्कों के लिए )

अनुपान – शहद , गर्म पानी , च्यवनप्राश , वासावलेह आदि .

FAQ

प्रश्न – क्या हम सितोपलादि चूर्ण रोज ले सकते हैं ?

उत्तर – सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो खांसी , जुकाम आदि होने पर आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देशानुसार ही लेना चाहिए .

प्रश्न – क्या सितोपलादि के बाद पानी पी सकते हैं .

उत्तर – सितोपलादि चूर्ण के सेवन के बाद कुछ समय तक खान पान से बचना चाहिए . आवश्यक होने पर गुनगुना पानी पी सकते हैं .

प्रश्न – क्या सितोपलादि चूर्ण के साइड इफेक्ट होते हैं ?

उत्तर – सामान्यतः सितोपलादि चूर्ण के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते किन्तु खाली पेट सेवन करने से कुछ लोगों में गैस की समस्या हो सकती है . जिन लोगों को इसमें प्रयोग किये जाने वाले घटक द्रव्यों से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से समस्या हो सकती है .

दोस्तों , इस लेख में हमने आयुर्वेद औषधि सितोपलादि चूर्ण के फायदे व नुकसान से सम्बन्धित जानकारी बतायी . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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