आयुर्वेद में रस औषधियों का विशेष महत्त्व है . कष्ट साध्य रोगों की चिकित्सा में काष्ठ औषधियों के साथ रस औषधियों का प्रयोग विशेष लाभप्रद होता है . आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा जीर्ण रोगों की चिकित्सा में प्रयोग किये जाने वाले स्वर्ण बसंत मालती रस के फायदे , नुकसान और सेवन विधि के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये हमारा यह आर्टिकल .
स्वर्ण बसंत मालती रस क्या है ?
स्वर्ण बसंत मालती रस एक आयुर्वेदिक रस औषधि जिसका विभिन्न रोगों की चिकित्सा के लिए प्रयोग किया जाता है . राजयक्ष्मा ( टी . बी . ) , श्वास , कास , जीर्ण ज्वर आदि के उपचार में इसका विशेषतः उपयोग किया जाता है . सोना , मोती आदि से युक्त स्वर्ण बसंत मालती रस आयुर्वेदिक स्टोर पर टेबलेट के रूप में उपलब्ध होती है .
स्वर्ण बसंत मालती रस के घटक
स्वर्ण बसंत मालती रस के निर्माण में निम्नलिखित घटक द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है .
- स्वर्ण भस्म
- मुक्ता पिष्टी
- शुद्ध हिंगुल
- यशद भस्म
- मरिच ( यह भी पढ़ें – काली मिर्च के फायदे )
- मक्खन
- निम्बु स्वरस
स्वर्ण बसंत मालती रस के फायदे
स्वर्ण बसंत मालती रस एक शक्तिशाली रस औषधि है जिसका आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा क्षय , श्वास , कास , जीर्ण ज्वर , दौर्बल्य आदि की चिकित्सा के लिए उपयोग किया जाता है . आइये जानते हैं अत्यंत गुणकारी स्वर्ण युक्त इस रस औषधि स्वर्ण बसंत मालती रस के फायदे किन किन रोगों में प्राप्त होते हैं .
श्वास – कास में स्वर्ण बसंत मालती रस से लाभ
श्वसनवह प्रणाली में संक्रमण या विकार होने की स्थिति में स्वर्ण बसंत मालती रस का सितोपलादि चूर्ण एवं वासावलेह के साथ सेवन करने से कफ विकार नष्ट होते हैं तथा श्वास ( दमा ) – कास ( खांसी ) में लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – दमा की आयुर्वेदिक दवा )
क्षय ( टी . बी . ) में स्वर्ण बसंत मालती रस का उपयोग
राजयक्ष्मा ( टी बी ) रोग में स्वर्ण बसंत मालती रस एवं च्यवनप्राश अवलेह का योग्य चिकित्सक के निर्देशन में सेवन करने से लाभ होता है और फेफड़ों को मजबूती प्राप्त होती है .
टायफाइड में स्वर्ण बसंत मालती रस के फायदे
टायफाइड ( आन्त्रिक ज्वर ) में स्वर्ण बसंत मालती रस का अन्य औषधियों के साथ सेवन करने से रोगी को लाभ होता है और आन्त्रिक ज्वर से छुटकारा मिलता है .
जीर्ण प्रतिश्याय में स्वर्ण बसंत मालती रस का प्रयोग
जीर्ण प्रतिश्याय या नजला होने पर स्वर्ण बसंत मालती रस का सेवन करने से रोगी को लाभ होता है .
दौर्बल्य में स्वर्ण बसंत मालती रस से लाभ
शारीरिक कमजोरी होने पर स्वर्ण बसंत मालती रस का सेवन करने से शरीर की कमजोरी नष्ट होती है तथा धातुओं की पुष्टि होती है . ( यह भी पढ़ें – शरीर में कमजोरी और थकान दूर करने के उपाय )
स्वर्ण बसंत मालती रस से यौन क्षमता में वृद्धि
स्वर्ण बसंत मालती रस का सेवन करने से यौन क्षमता बढ़ती है तथा शुक्र धातु का पोषण होता है जिससे बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है .
स्वर्ण बसंत मालती रस स्नायु तंत्र के लिए लाभप्रद
स्वर्ण बसंत मालती रस के सेवन से स्नायु तंत्र को मजबूती मिलती है तथा मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है .
स्वर्ण बसंत मालती रस के नुकसान
स्वर्ण बसंत मालती रस एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण आयुर्वेद औषधि है किन्तु यह एक रस औषधि है इसलिए हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श और निर्देशानुसार ही सेवन करना चाहिए . बिना किसी चिकित्सकीय सलाह स्वेच्छा से स्वर्ण बसंत मालती रस का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकर हो सकता है . आइये जानते हैं स्वर्ण बसंत मालती रस के नुकसान क्या हैं और इसके सेवन में क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए .
- स्वर्ण बसंत मालती रस में धातु और भस्मों का प्रयोग किया गया है इसलिए किडनी के रोगियों को इसके सेवन से हानि हो सकती है .
- गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को स्वर्ण बसंत मालती रस के सेवन की सलाह नहीं दी जाती .
- स्वर्ण बसंत मालती रस में प्रयुक्त घटक द्रव्यों से एलर्जी होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
- अधिक मात्रा में स्वर्ण बसंत मालती रस के सेवन से एसिडिटी , जी मिचलाना , उल्टी , सिर दर्द जैसी समस्या हो सकती हैं .
स्वर्ण बसंत मालती रस सेवन विधि
स्वर्ण बसंत मालती रस एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा निर्देशित और निर्धारित मात्रानुसार सेवन करना चाहिए . सामान्यतः स्वर्ण बसंत मालती रस सेवन विधि निम्नानुसार है .
मात्रा – 125-250 mg
अनुपान – शहद , मलाई आदि ( रोगानुसार एवं चिकित्सक के निर्देशानुसार )
दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग के इस लेख में हमने आयुर्वेद औषधि स्वर्ण बसंत मालती रस के फायदे , नुकसान और सेवन विधि से सम्बन्धित जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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