आयुर्वेद से समझिये स्वर्ण भस्म के फायदे | 7 Amazing Benefits of Swarna Bhasma.

आयुर्वेद में रस और भस्म औषधियों का विशेष महत्त्व है . स्वर्ण भस्म , रजत भस्म , लौह भस्म , हीरक भस्म , ताम्र भस्म , अभ्रक भस्म आदि रस औषधियों का आयुर्वेद में विभिन्न रोगों की चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है . ऐसी ही एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भस्म औषधि स्वर्ण भस्म के फायदे , नुकसान और सेवन विधि इस आर्टिकल में आपके साथ साझा कर रहे हैं . आयुर्वेद औषधियों से सम्बन्धित जानकारी के लिए पढ़ते रहिये हमारा ब्लॉग ” आयुर्वेद और साहित्य “.

स्वर्ण भस्म के फायदे

स्वर्ण भस्म क्या है ?

आयुर्वेद में रोगोपचार के लिए चूर्ण , भस्म , वटी , गुग्गुलु , क्वाथ , अवलेह , आसव – अरिष्ट आदि विभिन्न प्रकार की औषधियों का प्रयोग किया जाता है . स्वर्ण भस्म आयुर्वेद की एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भस्म औषधि है जिसका आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा विभिन्न रोगों की चिकित्सा के लिए प्रयोग किया जाता है .

स्वर्ण भस्म के फायदे और नुकसान

स्वर्ण भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका शारीरिक कमजोरी दूर करने , रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने सहित विभिन्न रोगों की चिकित्सा में उपयोग किया जाता है . स्वर्ण भस्म एक महत्त्वपूर्ण और उपयोगी औषधि है किन्तु बिना चिकित्सकीय सलाह स्वेच्छा से इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकर हो सकता है . आइये जानते हैं आयुर्वेद औषधि स्वर्ण भस्म के फायदे और नुकसान क्या हैं .

स्वर्ण भस्म के फायदे

आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में प्राचीन काल से ही विभिन्न रोगों की चिकित्सा में धातुओं का प्रयोग किया जाता रहा है . धातुओं को शुद्ध कर उनसे औषधि निर्माण की प्रक्रिया प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में वर्णित है . सोना धातु से निर्मित आयुर्वेद औषधि स्वर्ण भस्म कई रोगों की चिकित्सा में महत्त्वपूर्ण उपयोगिता सिद्ध करती है . आइये जानते हैं इस अद्भुत औषधि स्वर्ण भस्म के फायदे किन किन रोगों में प्राप्त होते हैं .

स्वर्ण भस्म के फायदे

शारीरिक कमजोरी में स्वर्ण भस्म के लाभ

शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार स्वर्ण भस्म का सेवन करने से लाभ होता है और शरीर में शक्ति की वृद्धि होती है . ( यह भी पढ़ें – कमजोरी और थकान दूर करने के उपाय )

इम्युनिटी बढाने में स्वर्ण भस्म का प्रयोग

स्वर्ण भस्म का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है और रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है .

स्वर्ण भस्म हृदय के लिए लाभप्रद

स्वर्ण भस्म का सेवन हृदय को मजबूती प्रदान करने वाला होता है . ( यह भी पढ़ें – हृदय रोगों में अर्जुनारिष्ट के फायदे )

स्वर्ण भस्म मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

स्वर्ण भस्म का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है . इसके सेवन से मस्तिष्क को बल मिलता है और बुद्धि का विकास होता है . ( यह भी पढ़ें – मानसिक तनाव कैसे दूर करें )

जीर्ण रोगों में स्वर्ण भस्म का उपयोग

पुराने रोगों के उपचार में स्वर्ण भस्म का प्रयोग लाभप्रद होता है और जीर्ण कास , श्वास आदि में आराम मिलता है .

स्वर्ण भस्म कैंसर से लड़ने में मददगार

स्वर्ण भस्म का सेवन शारीरिक क्षमता को बढाने वाला तथा कैंसर से बचाव में सहायक होता है .

त्वचा विकारों में स्वर्ण भस्म का प्रयोग

पुराने चर्म रोगों में स्वर्ण भस्म का सेवन लाभकारी होता है . ( यह भी पढ़ें – चर्म रोगों में खदिरारिष्ट के फायदे )

स्वर्ण भस्म के नुकसान

स्वर्ण भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श एवं निर्देशानुसार ही सेवन करना चाहिए . बिना चिकित्सकीय सलाह स्वेच्छा से स्वर्ण भस्म का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है . आइये जानते हैं स्वर्ण भस्म के नुकसान क्या हैं और इसके सेवन में क्या सावधानियां रखनी चाहिए .

स्वर्ण भस्म के नुकसान
  • स्वर्ण भस्म की अनुचित मात्रा पाचन सम्बन्धित समस्या उत्पन्न कर सकती है .
  • किडनी के रोगियों के लिए स्वर्ण भस्म का सेवन करना गुर्दों के स्वास्थ्य के लिए हानिकर हो सकता है .
  • छोटे बच्चों में स्वर्ण भस्म के प्रयोग से बचना चाहिए अन्यथा अनुशंसित मात्रा में चिकित्सक के निर्देशानुसार करना चाहिए .
  • जिन लोगों को स्वर्ण से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए .

स्वर्ण भस्म खाने का तरीका

स्वर्ण भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है इसलिए हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर के दिशा निर्देशानुसार उचित मात्रा में सेवन करना चाहिए . सामान्यतः स्वर्ण भस्म की सेवन विधि निम्नानुसार है .

स्वर्ण भस्म खाने का तरीका

मात्रा – 15-50 mg

अनुपान – शहद , मलाई . अवलेह आदि ( रोग अनुसार एवं चिकित्सक के निर्देशानुसार )

दोस्तों , आज के लेख में हमने आयुर्वेद औषधि स्वर्ण भस्म के फायदे , नुकसान एवं सेवन विधि के बारे में चर्चा की . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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