हरीतकी चूर्ण के फायदे और नुकसान | 11 Amazing Benefits of Haritaki Churna.

हैलो दोस्तों , आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आयुर्वेद औषधियों की जानकारी की कड़ी में आज इस आर्टिकल में हम हरीतकी चूर्ण के फायदे और नुकसान से सम्बंधित जानकारी बताने जा रहे हैं . आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी .

हरीतकी चूर्ण के फायदे और नुकसान

Table of Contents

हरीतकी चूर्ण क्या है ?

हरीतकी चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो हरीतकी या हरड़ को पीस कर पाउडर के रूप में तैयार की जाती है . हरीतकी या हरड़ एक उत्तम रसायन तथा तीनों दोषों ( वात , पित्त , कफ ) का संतुलन बनाने वाला होता है . हरीतकी के अन्य नाम अभया , पथ्या , शिवा आदि हैं . अंग्रेजी में हरीतकी को Chebulic Myrobalan कहा जाता है .

हरीतकी चूर्ण उदर रोगों की श्रेष्ठ औषधियों में मानी जाती है . पेट दर्द , गैस , कब्ज , बवासीर आदि में हरीतकी चूर्ण का औषधीय उपयोग किया जाता है .

हरीतकी चूर्ण के फायदे और नुकसान

हरीतकी शोथहर , वेदना शामक , रेचक , मूत्रल , दीपन , व्रण शोधक , बल वर्धक , ज्वर नाशक आदि गुणों से युक्त होती है तथा विभिन्न रोगों में इसके औषधीय उपयोग बताये गये हैं . आइये जानते हैं हरीतकी चूर्ण के फायदे और नुकसान क्या हैं .

हरीतकी चूर्ण के फायदे

गैस , अपच , पेट दर्द , कब्ज आदि रोगों में प्रयुक्त किये जाने वाले हरीतकी चूर्ण की अन्य कई रोगों में भी महत्त्वपूर्ण उपयोगिता है . आइये जानते हैं हरीतकी चूर्ण के फायदे किन किन रोगों में हैं .

हरीतकी चूर्ण के फायदे

हरीतकी चूर्ण से कब्ज में लाभ

विबंध ( कब्ज ) की समस्या होने पर रात को सोते समय एक चम्मच हरीतकी चूर्ण गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से कब्ज में लाभ होता है . ( यहाँ जानिये कब्ज होने के कारण )

पेट दर्द में हरीतकी चूर्ण का उपयोग

पेट दर्द और गैस की तकलीफ होने पर हरीतकी चूर्ण को सैंधा नमक के साथ सेवन करने से गैस एवं पेट दर्द से राहत मिलती है . ( यह भी पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपाय )

हरीतकी चूर्ण वजन कम करने में सहायक

हरीतकी चूर्ण का नियमित सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है .

भूख बढाता है हरीतकी चूर्ण

हरीतकी में अग्नि दीपन का गुण होने के कारण इसके सेवन से जठराग्नि प्रदीप्त होकर भूख बढ़ती है . ( यह भी पढ़ें – भूख लगने की सबसे अच्छी दवा )

हरीतकी चूर्ण से उल्टी में फायदा

हरीतकी चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से वमन ( उल्टी ) में फायदा होता है .

मुंह के छालों में हरीतकी चूर्ण के लाभ

मुंह में छाले होने पर दिन में 3-4 बार छालों पर हरीतकी चूर्ण लगाने से छालों में लाभ होता है .

बवासीर में हरीतकी चूर्ण के फायदे

बवासीर का मुख्य कारण कब्ज होता है . हरीतकी चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से कब्ज दूर होती है तथा हरीतकी के क्वाथ ( काढ़े ) से मस्सों को धोने से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय )

हिचकी में हरीतकी चूर्ण का प्रयोग

हिचकियाँ आने पर हरीतकी चूर्ण को पुराने गुड़ के साथ सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है .

हरीतकी चूर्ण मसूढ़ों के लिए लाभप्रद

हरीतकी चूर्ण के गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में कमी होती है .

घाव भरने में हरीतकी चूर्ण का उपयोग

हरीतकी व्रण शोधक होती है तथा हरीतकी के काढ़े से धोने पर व्रण ( घाव ) में लाभ होता है .

बालों के लिए हरीतकी का प्रयोग

हरीतकी , विभीतकी और आमलकी ( त्रिफला ) के चूर्ण से बालों को धोने पर बाल मजबूत , काले और चमकीले होते हैं .

हरीतकी चूर्ण के नुकसान

सामान्यतः हरीतकी चूर्ण के दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते हैं . हरीतकी के लिए कहा जाता है कि यह सिर्फ लाभप्रद होती है और कभी किसी को हानि नहीं पहुंचाती किन्तु अधिक मात्रा में या विशेष परिस्थितियों में हरीतकी चूर्ण भी नुकसान दायक हो सकता है . आइये जानते हैं हरीतकी चूर्ण के नुकसान क्या क्या हैं .

हरीतकी चूर्ण के नुकसान
  • अतिसार ( दस्त ) होने पर हरीतकी चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहिए . हरीतकी विरेचक होती है और इसके प्रयोग से समस्या बढ़ सकती है .
  • गर्भवती महिलाओं को हरीतकी चूर्ण के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए इसके अधिक सेवन से समस्या हो सकती है .
  • जिन लोगों को हरीतकी ( हरड़ ) से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए .

हरीतकी चूर्ण कैसे लें ?

हरीतकी चूर्ण का विभिन्न रोगों में अलग अलग अनुपान के साथ प्रयोग किया जाता है . सामान्यतः हरीतकी चूर्ण की सेवन विधि निम्नानुसार है .

हरीतकी चूर्ण कैसे लें

मात्रा – 2-5 ग्राम ( वयस्क में )

अनुपान – पानी , शहद , गुड़ आदि ( रोगानुसार )

FAQ

प्रश्न -क्या हरीतकी को रोज लेना सुरक्षित है ?

उत्तर – सामान्यतः हरीतकी एक सुरक्षित औषधि है और इसके कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं हैं इसलिए इसे रोज सेवन किया जा सकता है .

प्रश्न – हरीतकी कितनी बार लेनी चाहिए ?

उत्तर – कब्ज के लिए रात को सोने से पहले एक चम्मच हरीतकी चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए .

प्रश्न – हरीतकी चूर्ण किससे बनता है ?

उत्तर – हरीतकी ( हरड़ ) के फलों को कूट पीस कर पाउडर के रूप में हरीतकी चूर्ण बनाया जाता है .

दोस्तों , आज के लेख में हमने हरीतकी चूर्ण के फायदे और नुकसान के बारे में जाना . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .

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