हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आज हम ब्लड प्रेशर और आयुर्वेद में वर्णित उच्च रक्तचाप की औषधियों के बारे में जानेंगे .
काम का अतिरिक्त बोझ, आपसी होड़, सुख सुविधाओं की लालसा, शराब और सिगरेट का अधिक सेवन, चिकनाई युक्त भोजन, विलासिता भरा जीवन, घर से बाहर का भोजन, अति महत्त्वाकांक्षा, औरों से आगे निकलने की चाह, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अधिक प्रयोग, प्रकृति से दूरी, रिश्तों में खटास आदि ऐसे कारण हैं जिनके प्रभाव से हार्ट अटैक, शुगर, कैंसर, हायपर टेंशन, मोटापा, ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं .
कुछ वर्षों पहले तक हायपर टेंशन ( उच्च रक्तचाप ) से आम आदमी अनजान था . किसी किसी व्यक्ति को इस समस्या का सामना करना पड़ता था . आम बोलचाल में हाई बी पी के नाम से पहचानी जाने वाली यह बीमारी आज 40 वर्ष से ऊपर के अधिकतर लोगों के लिए आम समस्या बन चुकी है .
उच्च रक्तचाप या हाई बी पी के लक्षण
आमतौर पर किसी भी आदमी का ब्लड प्रेशर बढ़ने पर सिर में दर्द, चक्कर आना, पसीना आना, घबराहट होना, पैरों में सूजन आना, उल्टी आना, कभी कभी नाक से खून भी आ जाना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं .
लगातार बी पी की शिकायत रहने और उचित उपचार न लेने पर हार्ट, ब्रेन, किडनी आदि अंग भी प्रभावित हो जाते हैं और हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसके दुष्परिणाम स्वरूप पक्षाघात ( लकवा ) और मृत्यु तक हो सकती है .
ब्लड प्रेशर और आयुर्वेद
आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी औषधियों का उल्लेख किया गया है जो हृदय को शक्ति प्रदान करने वाली हैं, मानसिक तनाव को कम करती हैं, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती हैं और उच्च रक्तचाप का उपचार कर सकती हैं . ऐसी कुछ औषधियों के बारे में यहां बताया जा रहा है जो योग्य आयुर्वेद चिकित्सक की देख रेख में सेवन करने पर उच्च रक्तचाप की समस्या से निजात दिला सकती हैं .
सर्पगंधा का प्रयोग
उच्च रक्तचाप और मानसिक रोगों में सर्पगंधा का सर्वाधिक प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा किया जाता है . मिर्गी, पागलपन और अनिद्रा में भी सर्पगंधा औषधि का प्रयोग किया जाता है . मानसिक तनाव के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप में तनाव को कम कर रक्तचाप को सामान्य अवस्था में लाने में सर्पगंधा का प्रयोग किया जाता है . [ Ashwagandha Ke Fayde in Hindi ]
अर्जुन का प्रयोग
उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों में अर्जुन वृक्ष की छाल का प्रयोग सामान्य है . अक्सर देखा गया है कि जो लोग हाई ब्लड प्रेशर या किसी हार्ट डिजीज से पीड़ित होकर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से अपना उपचार करवा रहे हैं वे भी अर्जुन की छाल का चूर्ण प्रयोग में लेते हैं . उनके अनुसार अर्जुन की छाल का चूर्ण उपयोग में लेने पर वे अधिक अच्छा महसूस करते हैं .
अर्जुन हृदय को मजबूती देने के साथ हृदय स्पंदन को नियमित एवं सबल बनाने का कार्य करता है . अर्जुन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और धमनियों में खून का थक्का बनने से भी रोकता है . अर्जुन में ड्यूरोटिक्स गुण के कारण पेशाब अधिक लाकर हार्ट पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ को घटा कर उच्च रक्तचाप को कम करता है . [Ayurveda treatment for Piles in Hindi]
ब्राह्मी का प्रयोग
मानसिक तनाव को कम करने में ब्राह्मी श्रेष्ठ औषधि है . यह स्मरण शक्ति बढ़ाने वाली और मस्तिष्क को बल देने वाली होती है . अक्सर देखा जाता है कि तनाव को कम करने के लिए दी जाने वाली मेडिसिन से नींद तो आ जाती है लेकिन सिर में भारीपन कम नहीं होता . ब्राह्मी के सेवन से तनाव कम होने के साथ रोगी प्रसन्नता का अनुभव भी करता है और सिर में किसी प्रकार का भारीपन महसूस नहीं होता .
ब्राह्मी का उचित मात्रा में प्रयोग उच्च रक्तचाप को कम करने वाला, मस्तिष्क को बल देने वाला और आयु बढ़ाने वाला होता है .
शंखपुष्पी का प्रयोग
शंखपुष्पी का प्रयोग अधिकतर याददाश्त बढ़ाने में किया जाता है और परीक्षा काल में कई विद्यार्थी इसका सेवन करते हैं . शंखपुष्पी मस्तिष्क को शान्ति प्रदान करने वाली, बुद्धि बढ़ाने वाली और स्मरण शक्ति मजबूत करने वाली दिव्य औषधि है .
शंखपुष्पी में उत्तेजना शामक गुण होने के कारण यह रक्तचाप घटाने का काम भी करती है . मानसिक तनाव, बेचैनी, अनिद्रा आदि परिस्थितियों में यह अन्य प्रचलित दवाओं से अधिक उपयोगी और दुष्प्रभाव ( Side effects ) रहित है .
दोस्तों ! इस लेख में हमने ब्लड प्रेशर और आयुर्वेद में वर्णित ब्लड प्रेशर की कुछ औषधियों के बारे में जाना . अगले लेख में अन्य कोई उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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