Ghar Me Ilaj | 2023 Me Apnaye 4 Chije

हैलो दोस्तों ! आयुर्वेद और साहित्य ब्लॉग में आपका स्वागत है . Ghar Me Ilaj [ घर में इलाज ] आज की चर्चा का विषय होगा जिसमें हम आपको उन पेड़ पौधों और खाने की चीजों के बारे में बताएँगे जो हमारे घरों में या हमारे आस पास उपलब्ध हैं और जिनका औषधीय महत्त्व है . आइये जानते हैं ऐसी 4 चीजों के बारे में जो हम सबके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं .

घर में इलाज [ Ghar Me Ilaj ] की 4 चीजें

इस लेख में आगे हम उन 4 चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका उचित प्रयोग कर हम अपनी बहुत सी बीमारियों का घर में इलाज कर सकते हैं .

1.ग्वारपाठा के फायदे

अत्यंत उपयोगी ग्वारपाठा सामान्यतः एलोवेरा के नाम से जाना जाता है . इसे घृत कुमारी , कुमारी , कुंवार , गृह कुमारी भी कहा जाता है . पिछले कुछ सालों से एलोवेरा ने अपनी विशेष पहचान बनायी है और इसका अत्यधिक प्रयोग किया जाने लगा है चाहे वो जूस के रूप में हो या त्वचा पर लेप के रूप में . बड़ी बड़ी कंपनियों ने अपने सौन्दर्य प्रसाधनों में एलोवेरा युक्त को प्राथमिकता दी है .

आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही घृत कुमारी या ग्वारपाठा का विभिन्न रोगों में प्रयोग बताया गया है और बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियों में ग्वारपाठे से बनायी जाती हैं , जैसे कि कुमार्यासव , कुमारिका वटी , रजः प्रवर्तनी वटी आदि .

ग्वारपाठा पेट के रोगों में बहुत लाभदायक है , लिवर और तिल्ली के रोगों में इसका प्रयोग किया जाता है . ग्वारपाठे का रस [ जेल ] वायु के रोगों में , त्वचा के रोगों में लाभदायक है. इसे खाने और लगाने में काम लिया जाता है . यह आसानी से सभी जगह मिल जाता है , इसे घर पर आसानी से लगाया जा सकता है विशेष देखभाल की आवश्यकता भी नहीं होती .

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ग्वारपाठा के फायदे

2. मेथी के फायदे

हर घर में पायी जाने वाली और खाद्य पदार्थ के रूप में प्रयोग की जाने वाली मेथी औषधीय गुणों से भरपूर होती है . इसकी हरी पत्तियों का सब्जी के रूप में और दानों का सब्जी तथा भोजन का स्वाद बढाने के लिए मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है .

मेथी दो प्रकार की पायी जाती है – छोटी मेथी सब्जी के रूप में प्रयोग की जाती है और बड़ी मेथी पशुओं के आहार के रूप में प्रयोग की जाती है . आयुर्वेद में भी ग्राम्य और वन्य भेद से दो प्रकार की मेथी बतायी गयी है . वन्य जाति वाली मेथी अपने आप पैदा होती है और घोड़ों के लिए अच्छी बताई गयी है , ग्राम्य मेथी की खेती की जाती है जिसकी सब्जी बनती है और दानों के रूप में हर घर की रसोई में प्रयोग की जाती है .

मेथी दानों का चूर्ण बनाकर प्रयोग करने से वायु सम्बन्धी और पेट से सम्बंधित रोगों में लाभ मिलता है . इसका लेप लगाने से दर्द और सूजन में लाभ होता है . मेथी दानों को रात में भिगोकर रखने और सुबह खाने से रक्त में शुगर की कमी होती है इसलिए मधुमेह के रोगियों के लिए लाभदायक है . पेट दर्द होने पर मेथी पाउडर को गुनगुने पानी से लेने पर लाभ होता है . मेथी के सेवन से मुंह में आने वाली दुर्गन्ध कम होती है .

मेथी बालों की सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है . मेथी दानों को सरसों के तेल में भिगोकर उस तेल को लगाने से कम झड़ते हैं और रूसी में भी फायदा होता है . मेथी के लड्डू बनाकर खाने से जोड़ों के दर्द में फायदा होता है . आँखों के नीचे कालापन होने पर मेथी का पेस्ट लगाने से लाभ होता है .

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मेथी के फायदे

3. तिल के फायदे

आयुर्वेद में तिल के तेल को श्रेष्ठ कहा गया है . तिल तीन प्रकार का पाया जाता है – सफ़ेद , काला और लाल . सर्दियों में इसे ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है . तिल का किसी भी रूप में प्रयोग करना गुणकारी होता है . तिल के लड्डू , गजक , बिस्किट आदि बनाए जाते हैं . तीनों प्रकार के तिल गुणकारी होते हैं और तीनों तिलों का प्रयोग तेल निकालने में , औषधि बनाने में और व्यंजन बनाने में किया जाता है .

माइग्रेन में तिल का नियमित सेवन करने से लाभ होता है . तिल के तेल में लहसुन , सौंठ , हींग मिला कर मालिश करने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है . यदि बच्चा बिस्तर गीला करता हो तो काले तिल के लड्डू खिलाने से लाभ होता है . तिल का सेवन मस्तिष्क के लिए अच्छा होता है . तिल में फाइबर होने से पेट के लिए अच्छा है .

तिल के सेवन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं . मोच आने पर तिलों को पीस कर पुल्टिश बाँधने से राहत मिलती है . तिल उच्च रक्तचाप कंट्रोल करता है . महिलाओं को माहवारी के समय कष्ट होने पर माहवारी से तीन दिन पहले से माहवारी आने तक तिल , अजवायन और गुड का पानी पीने से कष्ट में राहत मिलती है . तिल का तेल मोटे को पतला और पतले को मोटा बनाता है .

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4. बाजरा के फायदे

बाजरा प्राचीन काल से खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक है . बाजरा सर्दियों में खाया जाने वाला अनाज है जिसकी रोटी और खिचड़ी न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि शरीर के लिए भी बाजरा बेहद फायदेमंद होता है . आयरन और फाइबर से भरपूर बाजरा राजस्थान में बहुत प्रयोग किया जाता है .

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बाजरा के फायदे

बाजरा कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक होता है . नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप में लाभकर होता है . ट्रिपटोफैन एमीनो एसिड के कारण भूख को कम करता है इसलिए वजन कम करने में सहायक है . रात में बाजरे का सेवन करने से नींद अच्छी आती है . इसमें कैल्शियम पाया जाता है इसलिए महिलाओं और शिशुओं के लिए अच्छा होता है . बाजरे में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होने के कारण इन्सुलिन के सही उपयोग में मदद करता है जो मधुमेह के खतरे से बचाता है .

बाजरे में कैल्शियम सही मात्रा में पाए जाने के कारण हड्डियों को मजबूत बनाता है . एंटी ओक्सिडेंट होने के कारण कैंसर से बचाव में सहायक है . बाजरा त्वचा और बालों के लिए अच्छा होता है . बाजरे का नियमित सेवन बालों को मजबूत बनाता है और झड़ने से रोकता है .

दोस्तों ! आज के लेख में हमने Ghar Me Ilaj के लिए सेवन की जाने वाली 4 चीजों की जानकारी साझा की , इसी विषय पर अगले लेख में अन्य औषधीय गुणों से युक्त चीजों की जानकारी लेकर हाजिर होंगे . लेख में बतायी गयी बातें सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें इलाज न समझा जाए . हमारा उद्देश्य आपके लिए स्वास्थ्यवर्धक चीजों की जानकारी देना है , किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें .

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