रजोनिवृत्ति महिलाओं की वय अवस्था का एक सामान्य क्रम है . आज हम चर्चा करेंगे कि 35 की उम्र में जल्दी रजोनिवृत्ति के लक्षण दिखायी देने पर क्या परिवर्तन होते हैं और ऐसी स्थिति में किन बातों का ख़याल रखना चाहिए . आइये जानते हैं जल्दी रजोनिवृत्ति के लक्षण और कारण क्या हैं ?
रजोनिवृत्ति क्या है ?
रजोनिवृत्ति स्त्रियों की वय अवस्था का एक सामान्य क्रम है जो अधिकतर स्त्रियों को 50 की उम्र के पास होता है . कुछ महिलाओं को यह 40 की उम्र से पहले हो जाती है .इस समय ओवरी अंड की उत्पत्ति नहीं करती और मासिक स्राव ( पीरियड्स ) बंद हो जाता है . रजोनिवृत्ति की सामान्य उम्र 45 – 50 मानी जाती है . यदि 35-40 की उम्र में रजोनिवृत्ति होती है तो इसे पूर्वकालिक रजोनिवृत्ति तथा 55 वर्ष की उम्र के बाद होती है तो इसे विलम्बित रजोनिवृत्ति कहते हैं . ( पढ़ें – प्रेगनेंसी में क्या नहीं करना चाहिए ? )
रजोनिवृत्ति के बाद शरीर में परिवर्तन
रजोनिवृत्ति काल एक लम्बी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं में अनेक शारीरिक परिवर्तन होते हैं जो निम्नलिखित हैं –
शरीर की बनावट में परिवर्तन
रजोनिवृत्ति के बाद स्त्रियों के वजन में परिवर्तन होता है . चेहरे पर झुर्रियां दिखायी देने लगती हैं . पेट पर फैट बढ़ जाता है तथा शरीर का लचीलापन कम हो जाता है .
जननांगों में परिवर्तन
रजोनिवृत्ति के बाद योनि द्वार संकुचित हो जाता है . गर्भाशय सिकुड़कर छोटा हो जाता है . स्तन ग्रंथियों में पुष्टता न होने के कारण लटक जाते हैं . चारों ओर फैट हो जाने के कारण थुलथुलापन आ जाता है .
मानसिक परिवर्तन
रजोनिवृत्ति के बाद शारीरिक परिवर्तनों के साथ स्त्रियों में मानसिक परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं . स्वभाव में चिडचिडापन , जल्दी गुस्सा आना आदि लक्षण प्रकट होते हैं . उन्हें यह भय होने लगता है कि उनका आकर्षण समाप्त हो जाएगा .
35 की उम्र में जल्दी रजोनिवृत्ति के लक्षण
रजोनिवृत्ति की सामान्य अवस्था 45-50 मानी जाती हैं किन्तु 8 % महिलायें 35 – 40 की उम्र में रजोनिवृत्ति को प्राप्त हो जाती हैं जिसे अर्ली मेनोपोज या पूर्वकालिक रजोनिवृत्ति कहते हैं . यदि 35 की उम्र में निम्नलिखित लक्षण दिखायी देते हैं तो ये अर्ली मेनोपोज के हो सकते हैं –
- माहवारी ( पीरियड्स ) में अनियमितता . ( पढ़ें – पीरियड्स में दर्द कैसे कम करें ? )
- ह्रदय की धड़कन में अनियमितता .
- कामेच्छा में कमी .
- स्तनों में दबाव या दर्द .
- अत्यधिक गर्मी का अहसास .
- कार्यक्षमता में कमी .
- निराशा का भाव .
- सारे शरीर में सूजन व दर्द .
- स्वभाव में झुन्झुलाहट या चिडचिडापन .
- पाचन क्रिया में गड़बड़ी .
- नींद में कमी .
- त्वचा पर बालों का अधिक उगना .
- जननांगों में शिथिलता .
- खुजली होना .
- हड्डियों का कमजोर होना .
- पेशाब की समस्याएँ .
- रात में पसीना आना .
- सिर दर्द व चक्कर आना .
- बिना कोई कारण रोने की इच्छा होना .
- आत्मविश्वास में कमी .
जल्दी रजोनिवृत्ति के कारण
जल्दी रजोनिवृत्ति या अर्ली मेनोपोज के मुख्यतः निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
- जल्दी मेनोपोज का मुख्य कारण आनुवंशिक माना जाता है यदि माँ या नानी का अर्ली मेनोपोज का इतिहास रहा है तो इसकी संभावनाएं बढ़ जाती हैं .
- धूम्रपान करने वाली महिलाओं में भी अर्ली मेनोपोज की समस्या सामान्य महिलाओं से अधिक देखी गयी है .
- कीमो या रेडिएशन थैरेपी भी अर्ली मेनोपोज का कारण होता है .
- थायरायड की समस्या से ग्रस्त होने पर .
- यदि पेल्विक सर्जरी हुई हो .
- टी बी या अन्य कोई गंभीर बीमारी होने की स्थिति में .
मेनोपोज के बाद कैसे फिट रहें ?
रजोनिवृत्ति या मेनोपोज एक सामान्य प्रक्रिया है और एक दिन हर स्त्री को इसका सामना करना ही पड़ता है इसलिए अधिक चिंता न कर कुछ सामान्य बातों का ध्यान रख कर इस स्थिति से निपटा जा सकता है . नीचे कुछ उपाय बताये जा रहे हैं जो महिलाओं के लिए उपयोगी हैं –
- नियमित योग या व्यायाम करें .
- संतुलित भोजन करें .
- अपने भोजन में कैल्शियम और आयरन वाले पदार्थ शामिल करें . ( पढ़ें – महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण )
- स्वच्छता को अपनायें .
- फलों का रस पियें .
- धूम्रपान , शराब आदि का सेवन करने से बचें .
- ज्यादा मसालेदार भोजन से परहेज करें .
दोस्तों , हमारा आर्टिकल ‘ 35 की उम्र में जल्दी रजोनिवृत्ति के लक्षण ‘ कैसा लगा ? अपनी राय बताइयेगा . अगले लेख में अन्य उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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